महिलाओं में कौन कौन से अधिकार होते हैं? - mahilaon mein kaun kaun se adhikaar hote hain?

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भारतीय कानून में महिलाओं को 11 अलग-अलग अधिकार मिले हैं. इनमें अहम हैं दफ्तर में यौन उत्पीड़न के खिलाफ सुरक्षा का अधिकार, किसी घटना की स्थिति में जीरो एफआईआर दर्ज करने का अधिकार और बराबर वेतन पाने का अधिकार आदि. आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं.

महिलाओं में कौन कौन से अधिकार होते हैं? - mahilaon mein kaun kaun se adhikaar hote hain?

Women Rights In India (सांकेतिक तस्वीर: AP/PTI)

भारत सरकार ने महिलाओं को कई अधिकार (women rights) दिए हैं. लैंगिक समानता हो या नौकरी-चाकरी में पुरुषों के बराबर की हिस्सेदारी, गरिमा और शालीनता (rights of dignity) से जीने का अधिकार हो या ऑफिस-दफ्तर में उत्पीड़न (rights against harassment) से सुरक्षा, महिलाओं से जुड़े ऐसे कई अधिकार हैं जिनके बारे में हमें जरूर जानना चाहिए. भारत में लैंगिक समानता के आधार पर महिलाओं को मिले 11 अधिकारों के बारे में हम जानकारी लेंगे. आइए जानते हैं कि ये अधिकार कौन-कौन से हैं.

1-समान मेहनताना का अधिकार

इक्वल रिम्यूनरेशन एक्ट में दर्ज प्रावधानों के मुताबिक जब सैलरी, पे या मेहनताने की बात हो तो जेंडर के आधार पर भेदभाव नहीं कर सकते. किसी कामकाजी महिला को पुरुष की बराबरी में सैलरी लेने का अधिकार है.

2-गरिमा और शालीनता का अधिकार

महिला को गरिमा और शालीनता से जीने का अधिकार मिला है. किसी मामले में अगर महिला आरोपी है, उसके साथ कोई मेडिकल परीक्षण हो रहा है तो यह काम किसी दूसरी महिला की मौजूदगी में ही होना चाहिए

3-दफ्तर या कार्यस्थल पर उत्पीड़न से सुरक्षा

भारतीय कानून के मुताबिक अगर किसी महिला के खिलाफ दफ्तर में या कार्यस्थल पर शारीरिक उत्पीड़न या यौन उत्पीड़न होता है, तो उसे शिकायत दर्ज करने का अधिकार है. इस कानून के तहत, महिला 3 महीने की अवधि के भीतर ब्रांच ऑफिस में इंटरनल कंप्लेंट कमेटी (ICC) को लिखित शिकायत दे सकती है.

4-घरेलू हिंसा के खिलाफ अधिकार

भारतीय संविधान की धारा 498 के अंतर्गत पत्नी, महिला लिव-इन पार्टनर या किसी घर में रहने वाली महिला को घरेलू हिंसा के खिलाफ आवाज उठाने का अधिकार मिला है. पति, मेल लिव इन पार्टनर या रिश्तेदार अपने परिवार के महिलाओं के खिलाफ जुबानी, आर्थिक, जज्बाती या यौन हिंसा नहीं कर सकते. आरोपी को 3 साल गैर-जमानती कारावास की सजा हो सकती है या जुर्माना भरना पड़ सकता है.

5-पहचान जाहिर नहीं करने का अधिकार

किसी महिला की निजता की सुरक्षा का अधिकार हमारे कानून में दर्ज है. अगर कोई महिला यौन उत्पीड़न का शिकार हुई है तो वह अकेले डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट के सामने बयान दर्ज करा सकती है. किसी महिला पुलिस अधिकारी की मौजूदगी में बयान दे सकती है.

6-मुफ्त कानूनी मदद का अधिकार

लीगल सर्विसेज अथॉरिटीज एक्ट के मुताबिक बलात्कार की शिकार महिला को मुफ्त कानूनी सलाह पाने का अधिकार है. लीगल सर्विस अथॉरिटी की तरफ से किसी महिला का इंतजाम किया जाता है.

7-रात में महिला को नहीं कर सकते गिरफ्तार

किसी महिला आरोपी को सूर्यास्त के बाद या सूर्योदय से पहले गिरफ्तार नहीं कर सकते. अपवाद में फर्स्ट क्लास मजिस्ट्रेड के आदेश को रखा गया है. कानून यह भी कहता है कि किसी से अगर उसके घर में पूछताछ कर रहे हैं तो यह काम महिला कांस्टेबल या परिवार के सदस्यों की मौजूदगी में होना चाहिए.

8-वर्चुअल शिकायत दर्ज करने का अधिकार

कोई भी महिला वर्चुअल तरीके से अपनी शिकायत दर्ज कर सकती है. इसमें वह ईमेल का सहारा ले सकती है. महिला चाहे तो रजिस्टर्ड पोस्टल एड्रेस के साथ पुलिस थाने में चिट्ठी के जरिये अपनी शिकायत भेज सकती है. इसके बाद एसएचओ महिला के घर पर किसी कांस्टेबल को भेजेगा जो बयान दर्ज करेगा.

9-अशोभनीय भाषा का नहीं कर सकते इस्तेमाल

किसी महिला (उसके रूप या शरीर के किसी अंग) को किसी भी तरह से अशोभनीय, अपमानजनक, या सार्वजनिक नैतिकता या नैतिकता को भ्रष्ट करने वाले रूप में प्रदर्शित नहीं कर सकते. ऐसा करना एक दंडनीय अपराध है.

10- महिला का पीछा नहीं कर सकते

आईपीसी की धारा 354D के तहत वैसे किसी भी व्यक्ति के खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी जो किसी महिला का पीछे करे, बार-बार मना करने के बावजूद संपर्क करने की कोशिश करे या किसी भी इलेक्ट्रॉनिक कम्युनिकेशन जैसे इंटरनेट, ईमेल के जरिये मॉनिटर करने की कोशिश करे.

11-जीरो एफआईआर का अधिकार

किसी महिला के खिलाफ अगर अधिकार होता है तो वह किसी भी थाने में या कहीं से भी एफआईआर दर्ज करा सकती है. इसके लिए जरूरी नहीं कि कंप्लेंट उसी थाने में दर्ज हो जहां घटना हुई है. जीरो एफआईआर को बाद में उस थाने में भेज दिया जाएगा जहां अपराध हुआ हो. (रेफरेंस-https://www.indiatoday.in/education-today/gk-current-affairs/story/11-women-rights-india-312263-2016-03-08)

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महिलाओं को कौन कौन सा अधिकार प्राप्त है?

महिलाओं के अधिकार के विषय मे कुछ हक अखंडता और स्वायत्तता शारीरिक करने की आजादी, यौन हिंसा से मुक्ति; मत देने की आजादी; सार्वजनिक पद धारण करने की आजादी; कानूनी कारोबार में प्रवेश करने की आजादी;पारिवारिक कानून में बराबर हक; काम करने की आजादी और समान वेतन की प्राप्ति; प्रजनन अधिकारों की स्वतंत्रता; शिक्षा प्राप्ति का ...

महिलाओं के लिए क्या कानून है?

राष्ट्रीय महिला आयोग, 1990 (भारत सरकार के 1990 का अधिनियम संख्या 20).
प्रक्रिया और विनियम, 2005..
शिकायतों से निपटने के लिए प्रक्रिया.
शिकायतों को बंद करने की प्रक्रिया.
एनआरआई सेल में शिकायतों से निपटने के लिए राष्ट्रीय महिला आयोग (प्रक्रिया) विनियम, 2016..
महिलाओं से संबंधित कानून.

भारत में महिलाओं से संबंधित कौन कौन से अधिकार दिए गए हैं?

महिलाओं संबंधित कानून.

पत्नी के क्या अधिकार है?

पत्नी के अधिकार क्या-क्या हैं?.
स्त्रीधन का अधिकार ... .
पति के घर में रहने का अधिकार ... .
जीवनस्तर के रख-रखाव का अधिकार ... .
पति से रिश्ते का अधिकार ... .
गरिमा के साथ जीने का अधिकार ... .
सरनेम यथावत रखने का अधिकार ... .
शादी कंज्युमेट न होने पर उसे निरस्त करने का अधिकार ... .
पति की रिहायशी संपत्ति में अधिकार.