नागफनी कितने प्रकार के होते हैं - naagaphanee kitane prakaar ke hote hain

हमारे आसपास ऐसे कई पौधे हैं, जो देखने में काफी खूबसूरत लगते हैं। आमतौर पर हमें यही लगता है कि ये पौधे बस सजावट के लिए इस्तेमाल होते हैं, लेकिन आप यहीं धोखा खा जाते हैं। कई ऐसे पौधे भी हैं, जिन्हें घर की साज-सज्जा के साथ-साथ औषधीय उपयोग के लिए भी इस्तेमाल में लाया जा सकता है। इनमें मौजूद कुछ खास पोषक तत्व कई बीमारियों को दूर करने में मदद कर सकते हैं। ऐसा ही एक पौधा है, नागफनी। स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम आपको नागफनी के गुण, नागफनी के फायदे और नागफनी के उपयोग से जुड़ी कई जरूरी बातें बताने जा रहे हैं। यहां हम स्पष्ट कर दें कि नागफनी शारीरिक समस्याओं से निपटने में आपकी मदद कर सकती है, लेकिन पूर्ण इलाज साबित नहीं हो सकती।

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नागफनी के फायदे और नागफनी के उपयोग संबंधी बातें जानने से पहले जरूरी होगा कि हम यह जान लें कि नागफनी कहते किसे हैं।

विषय सूची

  • नागफनी क्‍या है? – What is Cactus in Hindi
  • नागफनी के फायदे – Benefits of Cactus (Nagfani) in Hindi
  • नागफनी के पौष्टिक तत्व – Cactus Nutritional Value in Hindi
  • नागफनी का उपयोग – How to Use Cactus (Nagfani) in Hindi
  • नागफनी के नुकसान – Side Effects of Cactus (Nagfani) in Hindi

नागफनी क्‍या है? – What is Cactus in Hindi

नागफनी कैक्टीसिया (Cactaceae) परिवार का एक झाड़ीनुमा पौधा है। इसे अंग्रेजी में कैक्टस के नाम से जाना जाता है। यह ऐसे स्थानों पर पाया जाता है, जहां अमूमन पानी की कमी होती है। यही कारण है कि मुख्य रूप से यह उत्तरी अमेरिका, दक्षिण अमेरिका और वेस्ट इंडीज में पाया जाता है। वहीं, भारत के कुछ मरुस्थलीय इलाकों में भी यह देखने को मिलता हैं।

इसके कई प्रकार और प्रजातियां हैं। इनमें से कुछ प्रजातियां ऐसी हैं, जिनकी खासतौर पर खेती की जाती है, ताकि औषधि और सजावट दोनों के लिए इसे इस्तेमाल में लाया जा सके। इसका तना मांसल और पत्ते के आकार का होता है। साथ ही इस पर काटें भी मौजूद होते हैं। यह कम पानी का इस्तेमाल कर सदा हरा-भरा बना रहता है।

लेख के अगले भाग में हम अब आपको नागफनी के फायदों के बारे में बताएंगे।

नागफनी के फायदे – Benefits of Cactus (Nagfani) in Hindi

1. वजन घटाने में मददगार

बताया जाता है कि नागफनी में अधिक मात्रा में फाइबर पाया जाता है। इसमें मौजूद फाइबर की अधिक मात्रा शरीर में वसा के अवशोषण (Absorption) को काम कर देती है, जिससे वजन घटाने में आपको मदद मिल सकती है। इस कारण यह कहा जा सकता है कि आप वजन घटाने के लिए नागफनी को अपने आहार में शामिल कर सकते हैं (1)। बता दें नागफनी का इस्‍तेमाल करने के लिए आप इसके कांटे हटाएं और ऊपरी परत को छीलकर इसके अंदर मौजूद सफेद भाग को उपयोग में लाएं। अधिकतर लोग इसे सलाद के रूप में खाना ज्यादा पसंद करते हैं।

2. कैंसर से करें बचाव

कैंसर से बचाव के लिए भी आप नागफनी का इस्‍तेमाल कर सकते हैं। दरअसल, एरिजोना कैक्टस पर किए गए एक शोध में पाया गया कि इसमें एंटी-कैंसर गुण मौजूद होता हैं, जो कैंसर सेल्स को न केवल बढ़ने से रोकता है, बल्कि उन्हें खत्म करने में भी मददगार साबित हो सकता है। फिलहाल, इस संबंध में अभी और शोध किए जाने की आवश्यकता है (2)। इसके अलावा, इसमें मौजूद विटामिन सी इम्यून पावर को बढ़ाने में और संक्रमण और बीमारियों से बचाव में सहायक हो सकता है।

3. डायबिटीज को करे नियंत्रित

डायबिटीज की समस्या से बचाव या उसे कम करने के लिए भी नागफनी के गुण फायदेमंद साबित हो सकते हैं। बताया जाता है कि नागफनी के एक विशेष प्रकार नोपल में कार्बोहाइड्रेट की उपापचय प्रक्रिया को तेज करने का प्रभाव मौजूद होता है। इस कारण यह खाद्य पदार्थों से मिलने वाले कार्बोहाइड्रेट को पचाकर खून में शुगर की मात्रा को बढ़ने से रोकता है। वहीं, इसमें मौजूद फाइबर ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने में सहायक हो सकता है। इस कारण यह कहना गलत नहीं होगा कि नागफनी का इस्‍तेमाल डायबिटीज जैसी समस्या की रोकथाम के लिए एक बेहतरीन उपाय साबित हो सकता है (3)।

4. अनिद्रा की समस्या को करे दूर

नागफनी का उपयोग अनिद्रा की समस्या को दूर करने के लिए भी किया जा सकता है। विशेषज्ञों के मुताबिक, नागफनी में कुछ ऐसे तत्व पाए जाते हैं, जो केंद्रीय तंत्रिका तंत्र को संतुलित करने का काम कर सकते हैं। साथ ही ये तत्व खून के दौरे को नियंत्रित कर सकते हैं और नींद को बढ़ावा देकर अनिद्रा की समस्या से राहत दिलाने में मदद कर सकते हैं। यही कारण है कि इसका सेवन अनिद्रा की समस्या को दूर करने के लिए लाभकारी माना जा सकता है (4)।

5. पाचन में सहायक

नागफनी के पौधे को पाचन के लिए भी उपयोगी माना गया है। बताया जाता है कि इसमें अधिक मात्रा में पॉलीफेनॉल्स पाए जाते हैं। ये आंत में पाचक रसों के बनने की प्रक्रिया को तेज करते हैं, जो भोजन को पचाने में सहयोग प्रदान कर सकते हैं (5)। इस कारण यह कहा जा सकता है कि नागफनी का पौधा उपयोग करने से पाचन शक्ति मजबूत हो सकती है।

6. हृदय स्वास्थ्य के लिए

नागफनी के एक खास प्रकार ओपयुंटिया (Opuntia) में प्राकृतिक सेलेनियम पाया जाता है, जो कैंसर, हृदय संबंधी समस्याओं, वायरल इंफेक्शन और बैक्टीरियल इंफेक्शन जैसी कई समस्याओं को दूर करने में सहायक साबित होता है (6)। वहीं, हम लेख के शुरुआत में बता चुके हैं कि यह खून के दौरे को भी नियंत्रित करता है (4)। वहीं, इसमें मौजूद पोटेशियम की अच्छी मात्रा रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद कर सकती है। इसके साथ ही, यह कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करने में भी सहायक हो सकता है, जो हृदय के लिए भी फायदेमंद है। इस कारण यह माना जा सकता है कि हाई ब्लड प्रेशर की समस्या के साथ-साथ हृदय रोग से संबंधित अन्य कई जोखिमों को दूर करने में नागफनी का इस्‍तेमाल किया जा सकता है।

7. एनीमिया में लाभकारी

विशेषज्ञों के मुताबिक, नागफनी के विशेष प्रकार ओपयुंटिया (Opuntia) में बीटासायनिन (Betacyanin) नाम का एक खास तत्व पाया जाता है, जिसमें एरिथ्रोपोइयसिस (Erythropoiesis) यानी खून बनने की प्रक्रिया को तेज करने वाला और एंटीऑक्सीडेंट प्रभाव पाया जाता है। माना जाता है कि ये दोनों गुण संयुक्त रूप से एनीमिया की समस्या को ठीक करने में मदद करते हैं (7)। इस कारण यह कहा जा सकता है कि एनीमिया की समस्या से निजात दिलाने में नागफनी का पौधा सकारात्मक परिणाम प्रदर्शित कर सकता है।

8. हड्डियों को करे मजबूत

नागफनी का एक विशेष प्रकार ओपयुंटिया (Opuntia), जिसे प्रिक्ली पियर्स (prickly pears) के नाम से भी जाना जाता है, जिसमें कैल्शियम अच्छी मात्रा में पाई जाती है (8)। वहीं, यह बात तो अमूमन सभी को मालूम है कि कैल्शियम को हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए जरूरी माना गया है (9)। यही कारण है कि नागफनी का पौधा हड्डियों की मजबूती के लिए उपयोग में लाया जा सकता है।

9. उपापचय की प्रक्रिया में करे सुधार

जैसा कि आपको लेख में पहले भी बताया जा चुका है कि नागफनी के एक खास प्रकार ओपयुंटिया (Opuntia) में सेलेनियम की अच्छी मात्रा पाई जाती है। इसमें मौजूद यह सेलेनियम कई बीमारियों से बचाव के साथ शरीर के विभिन्न भागों में होने वाली उपापचय प्रक्रिया को भी ठीक कर सकता है। इस कारण यह कहा जा सकता है कि शरीर के लिए जरूरी उपापचय प्रक्रिया को ठीक और नियंत्रित करने के लिए भी नागफनी का उपयोग लाभदायक साबित हो सकता है (6)।

10. पीलिया से दिलाए राहत

नागफनी के प्रकार ओपयुंटिया (Opuntia) में प्राकृतिक सेलेनियम पाया जाता है, जो वायरल और बैक्टीरियल इंफेक्शन को दूर करने में मदद करता है (6)। दूसरी ओर यह खून बनने की प्रक्रिया को भी तेज करता है (7)। वहीं, पीलिया के मुख्य कारणों में वायरल और बैक्टीरियल इंफेक्शन के साथ खून की कमी भी शामिल है (10)। इस कारण यह माना जा सकता है कि नागफनी का पौधा पीलिया से बचाव में काफी हद तक फायदेमंद साबित हो सकता है।

11. त्वचा के लिए लाभकारी

अल्ट्रा वायलेट किरणों से बचाव के साथ-साथ नागफनी के प्रकार ओपयुंटिया (Opuntia) में त्वचा संबंधी कई समस्याओं को दूर करने की क्षमता पाई जाती है (11)। इसके अलावा इसमें विटामिन ए की अच्छी मात्रा होती है जो त्वचा के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हो सकती है। इस कारण इसे त्वचा के लिए भी काफी लाभकारी माना गया है। त्वचा के लिए नागफनी का उपयोग करने के लिए आप इसके तने से गूदा निकाल कर उसे त्वचा पर लगा सकते हैं।

नागफनी के फायदे जानने के बाद अब हम आपको इसके पौष्टिक तत्वों से संबंधित जानकारी देंगे।

नागफनी के पौष्टिक तत्व – Cactus Nutritional Value in Hindi

नीचे दिए गए चार्ट के माध्यम से आप नागफनी के पौष्टिक तत्वों के बारे में जान सकते हैं (8)।

पोषक तत्वयूनिटमात्रा प्रति 100 ग्रामपानीg87.55एनर्जीKcal41प्रोटीनg0.73टोटल लिपिड (फैट)g0.51कार्बोहाइड्रेटg9.57फाइबर (टोटल डाइटरी)g3.6मिनरलकैल्शियमmg56आयरनmg0.3मैग्नीशियमmg85फास्फोरसmg24पोटैशियमmg220सोडियमmg5जिंकmg0.12कॉपरmg0.08सेलेनियमµg0.6विटामिनविटामिन सीmg14थियामिनmg0.014राइबोफ्लेविनmg0.06नियासिन0.46विटामिन बी-6mg0.06फोलेट (डीएफई)µg6विटामिन ए (आरएई)µg2विटामिन ए (आईयू)IU43लिपिडफैटी एसिड (सैचुरेटेड)g0.067फैटी एसिड (मोनोअनसैचुरेटेड)g0.075फैटी एसिड (पॉलीसैचुरेटेड)g0.213

नागफनी के पौष्टिक तत्व जानने के बाद अब हम आपको नागफनी के उपयोग के बारे में जानकारी देंगे।

नागफनी का उपयोग – How to Use Cactus (Nagfani) in Hindi

नागफनी को मुख्य तौर पर निम्न प्रकार से इस्तेमाल किया जा सकता है।

  • नागफनी को खाने के लिए आप छीलकर इसके अंदर के सफेद भाग को सुबह-शाम सलाद या सब्जी के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं (12)।
  • त्वचा संबंधी समस्याओं के लिए आप इसके बीच के गूदे को निकाल प्रभावित स्थान पर दिन में दो बार लगा सकते हैं (11)।
  • इसे सूप और जूस में भी मिलाकर सेवन किया जा सकता है।

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मात्रा- खाने के लिए आप करीब 100 ग्राम मात्रा में नागफनी को इस्तेमाल कर सकते हैं (12)। वहीं, त्वचा पर लगाने के लिए आप प्रभावित क्षेत्र पर आवश्यकतानुसार इसका उपयोग कर सकते हैं। फिर भी बेहतर यही होगा कि आप डॉक्टर की सलाह पर ही इसे मात्रा में उपयोग करें।

लेख के अगले भाग में अब हम नागफनी के नुकसान के बारे में बात करेंगे।

नागफनी के नुकसान – Side Effects of Cactus (Nagfani) in Hindi

नागफनी के नुकसान की बात करें, तो कुछ विशेष मामलों में इसकी अधिक मात्रा निम्न लक्षण प्रदर्शित कर सकती है।

  • इसमें ब्लड शुगर को कम करने का गुण पाया जाता है। इसलिए, ऐसे लोग जो शुगर की दवा ले रहे हैं, उन्हें इसके इस्तेमाल से बचना चाहिए। दवा के साथ इसका भी सेवन करने से हाइपोग्लाइसेमिया (अधिक ब्लड शुगर कम होना) होने की आशंका रहती है (3)।
  • फाइबर की मौजूदगी के कारण इसका अधिक सेवन करने से पेट संबंधी समस्याएं (जैसे :- गैस, कब्ज और पेट में दर्द) हो सकती हैं (3) (13)।
  • वहीं, इसमें मौजूद कैल्शियम किडनी स्टोन और हृदय संबंधी समस्याओं का कारण बन सकता है (8) (14)।
  • कुछ खास लोगों में इसके सेवन से एलर्जी होने की शिकायत भी पाई गई है।

अब जब आप नागफनी के बारे में सब कुछ जान गए हैं और आपको यह भी पता चल चुका है कि इसके उपयोग से किन-किन समस्याओं से छुटकारा पाया जा सकता है। ऐसे में बेहतर होगा कि आप इसमें मौजूद सभी पोषक तत्वों के साथ नागफनी के उपयोग के तरीकों को भी ध्यान से पढ़ लें। साथ ही इसकी ली जाने वाली मात्रा को लेकर भी आपको सतर्क रहना होगा, क्योंकि अनजाने में ली गई इसकी अधिक मात्रा कई समस्याओं का कारण बन सकती है। इसलिए, नागफनी की पूरी जानकारी होना जरूरी है और इसके लिए आपको लेख को एक बार ध्यान से पढ़ना होगा। आशा करते हैं कि स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याओं को हल करने में यह लेख आपकी मदद करेगा।

Sources

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नागफनी के पौधे कितने प्रकार के होते हैं?

नागफनी की लगभग 25 जातियाँ पाई गई हैं। ये अधिकांश मेक्सिको, दक्षिण अमरीका और वेस्ट इंडीज में फैली हुई हैं, इनसे मिलते जुलते अनेक जीनस या वंश भी हैं। ये अनेक आकार के होते हैं, छोटे से छोटे तीन इंच तक के और बड़े से बड़े 70 फुट तक के होते हैं

नागफनी का दूसरा नाम क्या है?

नागफनी(cactus) सपुष्पक वनस्पतियों का एक जीववैज्ञानिक कुल है जो अपने मोटे, फूले हुए तनों में पानी बटोरकर शुष्क व रेगिस्तानी परिस्थितियों में जीवित रहने और अपने कांटों से भरे हुए रूप के लिए जाना जाता है।

नागफनी का पौधा घर में रखने से क्या होता है?

कहा जाता है कि अगर घर में कैक्टस यानी नागफनी का पौधा लगाया जाए तो घर के सदस्यों के बीच कलह होने लगता है और सुख शांति खत्म हो जाती है। इतना ही नहीं घर की शांति के साथ साथ घर की आय पर भी बुरा असर पड़ने लगता है।

नागफनी का पौधा कहाँ पाया जाता है?

नागफनी का पौधा (nagphani tree) सबसे पहले मैक्सिको में उगाया गया था है और अब यह भारत में भी बहुत आसानी से उपलब्ध है। भारत में यह शुष्क भागों, प्रायद्वीपों एवं बगीचों के किनारे पाया जाता है। प्रायः लोग इसे घरों के बाहर या खेतों के किनारों पर बाड़ के रूप में लगाते हैं। यह बाग-बगीचों में भी पाया जाता है।