निम्नलिखित में कौन एक पंचम क्रियाकलाप है - nimnalikhit mein kaun ek pancham kriyaakalaap hai

UP Board Solutions for Class 12 Geography Chapter 7 Tertiary and Quaternary Activities (तृतीयक और चतुर्थ क्रियाकलाप)

UP Board Class 12 Geography Chapter 7 Text Book Questions

UP Board Class 12 Geography Chapter 7 पाठ्यपुस्तक से अभ्यास प्रश्न

प्रश्न 1.
नीचे दिए गए चार विकल्पों में से सही उत्तर चुनिए
(i) निम्नलिखित में से कौन-सा एक तृतीयक क्रियाकलाप है
(क) खेती
(ख) बुनाई
(ग) व्यापार
(घ) आखेट।
उत्तर:
(ग) व्यापार।

(ii) निम्नलिखित क्रियाकलापों में से कौन-सा एक द्वितीयक सेक्टर का क्रियाकलाप नहीं है
(क) इस्पात प्रगलन
(ख) वस्त्र निर्माण
(ग) मछली पकड़ना
(घ) टोकरी बुनना।
उत्तर:
(ख) वस्त्र निर्माण।

(iii) निम्नलिखित में से कौन-सा एक सेक्टर दिल्ली, मुम्बई, चेन्नई और कोलकाता में सर्वाधिक रोजगार प्रदान करता है
(क) प्राथमिक
(ख) द्वितीयक
(ग) पर्यटन
(घ) सेवा।
उत्तर:
(घ) सेवा।

(iv) वे काम जिनमें उच्च परिमाण और स्तर वाले अन्वेषण सम्मिलित होते हैं, कहलाते हैं
(क) द्वितीयक क्रियाकलाप
(ख) पंचम क्रियाकलाप
(ग) चतुर्थ क्रियाकलाप
(घ) प्राथमिक क्रियाकलाप।
उत्तर:
(ग) चतुर्थ क्रियाकलाप।।

(v) निम्नलिखित में से कौन-सा क्रियाकलाप चतुर्थ सेक्टर से सम्बन्धित है
(क) संगणक विनिर्माण
(ख) विश्वविद्यालयी अध्यापन
(ग) कागज और कच्ची लुगदी निर्माण
(घ) पुस्तकों का मुद्रण।
उत्तर:
(ख) विश्वविद्यालयी अध्यापन।

(vi) निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा एक सत्य नहीं है
(क) बाह्यस्रोतन दक्षता को बढ़ाता है और लागतों को घटाता है
(ख) कभी-कभार अभियान्त्रिकी और विनिर्माण कार्यों की भी बाह्यस्रोतन की जा सकती है
(ग) बी०पी० ओज के पास के०पी० ओज की तुलना में बेहतर व्यावसायिक अवसर होते हैं
(घ) कामों के बाह्यस्रोतन करने वाले देशों में काम की तलाश करने वालों में असन्तोष पाया जाता है।
उत्तर:
(ग) बी०पी० ओज के पास के०पी० ओज की तुलना में बेहतर व्यावसायिक अवसर होते हैं।

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प्रश्न 2.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 30 शब्दों में दीजिए
(i) फुटकर व्यापार सेवा को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
फुटकर व्यापार सेवा-फुटकर व्यापार सेवा उसे कहते हैं जिसमें वस्तुएँ सीधे उपभोक्ता को बेची जाती हैं। अधिकतर फुटकर व्यापार छोटी-बड़ी दुकानों, प्रतिष्ठानों और भण्डारों के माध्यम से होता है, लेकिन कुछ फुटकर व्यापार बिना भण्डारों और दुकानों के भी होता है; जैसे—फेरी, रेहड़ी, वैन, ट्रक, द्वार-से-द्वार, मेल ऑर्डर, होम डिलीवरी, स्वचालित बिक्री मशीनें तथा इण्टरनेट शॉपिंग आदि।

(ii) चतुर्थ सेवाओं का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
चतुर्थ सेवाओं में शिक्षा, सूचना तथा शोध और विकास जैसे क्रियाकलापों को रखा जाता है। ये वे उच्च बौद्धिक व्यवसाय हैं जो चिन्तन, शोध तथा विकास के लिए विचार देते हैं। अध्यापन, चिकित्सा, वकालत, अनुसन्धान, सूचना आधारित ज्ञान आदि चतुर्थ सेवाओं के प्रमुख उदाहरण हैं।

(iii) विश्व में चिकित्सा पर्यटन के क्षेत्र में तेजी से उभरते हुए देशों के नाम लिखिए।
उत्तर:
भारत, थाईलैण्ड, सिंगापुर, मलयेशिया, स्विट्जरलैण्ड, ऑस्ट्रेलिया तथा मॉरीशस आदि।

(iv) अंकीय विभाजक क्या है?
उत्तर:
अंकीय विभाजक सूचना और संचार तकनीक जो विकास पर आधारित हैं विश्व में असमान रूप से विभाजित हैं। राष्ट्रों में राजनीतिक, आर्थिक तथा सामाजिक विभिन्नताएँ हैं। ये अपने नागरिकों को सूचना-संचार तकनीक किस तरह प्रदान कर सकते हैं। विकसित देश इस कार्य में लगे हैं जबकि विकासशील देश अभी पीछे हैं। इसे ‘अंकीय विभाजक’ कहा जाता है।

प्रश्न 3.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर 150 शब्दों से अधिक में न दें
(i) आधुनिक आर्थिक विकास में सेवा सेक्टर की सार्थकता और वृद्धि की चर्चा कीजिए।
उत्तर:
आधनिक आर्थिक विकास में सेवा सेक्टर की सार्थकता
आधुनिक आर्थिक विकास में सेवा सेक्टर की सार्थकता के प्रमुख बिन्दु निम्नलिखित हैं

  • सेवा क्षेत्र में सामग्रियों की थोक तथा फुटकर बिक्री व परिवहन के साधन शामिल हैं जो कि उत्पादक तथा उपभोक्ताओं को जोड़ते हैं।
  • कच्चे माल को कारखानों तक तथा कारखानों में निर्मित उत्पाद को उपभोक्ताओं तक पहुँचाने में सहायता करते हैं।
  • स्वास्थ्य और कल्याण, शिक्षा, अवकाश, मनोरंजन तथा वाणिज्यिक सेवाएँ भी आर्थिक व सामाजिक विकास में योगदान करती हैं।
  • वाणिज्यिक सेवाएँ कम्पनियों की उत्पादकता तथा क्षमता में वृद्धि लाती हैं।
  • विज्ञापन, कर्मचारियों का चयन तथा अधिकारियों का प्रशिक्षण भी इसमें आता है।

आधुनिक आर्थिक विकास में सेवा सेक्टर की वृद्धि
विकसित देशों में सेवा क्षेत्र में रोजगार के अवसरों में तेजी से वृद्धि हुई है। विकासशील देशों में भी सेवा क्षेत्रों में वृद्धि हो रही है। इन देशों में अधिकांश लोग असंगठित सेवाओं में लगे हैं जिनका लेखा-जोखा अच्छी तरह नहीं रखा जाता है। सेवा क्षेत्र विकास की प्रक्रिया की अन्तिम अवस्था है। आधुनिक आर्थिक विकास में तृतीयक एवं चतुर्थक क्षेत्र महत्त्वपूर्ण होते जाते हैं और द्वितीयक क्षेत्र की अवनति होने लगती है।

(ii) परिवहन और संचार सेवाओं की सार्थकता को विस्तारपूर्वक स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
परिवहन और संचार सेवाओं की सार्थकता
आधुनिक युग में सामाजिक एवं आर्थिक विकास के क्षेत्र में परिवहन और संचार सेवाओं की सार्थकता के महत्त्वपूर्ण बिन्दु निम्नलिखित हैं

  • परिवहन और संचार सामाजिक व आर्थिक विकास के आधार स्तम्भ हैं। इनके अभाव में विकास का मार्ग अवरुद्ध हो जाता है।
  • उत्पादन के लिए कच्चा माल और अन्य आधारभूत सुविधाओं की आपूर्ति तथा तैयार माल को बाजार एवं उपभोक्ता तक पहुँचाने की प्रक्रिया एवं त्वरित सूचनाएँ परिवहन और संचार माध्यमों से पूरी होती हैं।
  • परिवहन व संचार सेवाएँ वस्तु, सूचना और मनुष्य को गतिशीलता प्रदान करती हैं।
  • आधुनिक समाज वस्तु के उत्पादन, वितरण और उपभोग में सहायता देने के लिए तीव्र और सक्षम परिवहन व्यवस्था चाहता है। इसी के द्वारा पदार्थ के मूल्य में वृद्धि होती है।
  • संचार की नूतन उन्नतियों ने आर्थिक विकास को विशेष गति प्रदान की है। इसी के कारण समय की बचत होती है और मानव की

कार्यक्षमता में वृद्धि होती है जिसका प्रत्यक्ष प्रभाव उत्पादन एवं राष्ट्रीय आय की वृद्धि पर पड़ता है।
अत: दक्ष संचार व्यवस्था और तीव्रगामी परिवहन से आज विश्व ग्राम की संकल्पना सार्थक हो रही है तथा प्रकीर्ण लोगों के बीच सहयोग एवं एकता का विकास हो रहा है।

UP Board Class 12 Geography Chapter 7 Other Important Questions

UP Board Class 12 Geography Chapter 7 अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

विस्तृत उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
तृतीयक क्रियाकलाप की अवधारणा (संकल्पना) का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
तृतीयक क्रियाकलाप की अवधारणा
तृतीयक क्रियाकलाप बुद्धि और कुशलता से जुड़ी सेवाएँ हैं। मिस्त्री से हम अपनी बाइक या स्कूटी ठीक कराते हैं। बीमार होने पर डॉक्टर से इलाज कराते हैं। मांगलिक कार्यों में केटरर या हलवाई हमारे लिए भोजन बनाता है। वकील कानूनी राय देते हैं और अध्यापक स्कूलों में पढ़ाते हैं। इसी प्रकार ड्राइवर, रसोइया, बैंकर, वित्त विशेषज्ञ, अभिनेता, व्यापारी, धोबी, नाई व सी०ए० इत्यादि व्यवसायी होते हैं जो शुल्क का भुगतान होने पर अपनी सेवाएँ प्रदान करते हैं। इन सभी प्रकार की सेवाओं को कुशलता, अन्य सैद्धान्तिक ज्ञान एवं क्रियात्मक प्रशिक्षण की आवश्यकता होती है। मानव संसाधन सेवा सेक्टर का महत्त्वपूर्ण घटक है क्योंकि अधिकांश तृतीयक क्रियाकलापों का निष्पादन कुशल श्रमिकों, प्रशिक्षित विशेषज्ञों और परामर्शदाताओं द्वारा होता है।

तृतीयक क्रियाकलापों में उत्पादन और विनिमय दोनों शामिल होते हैं। इन सेवाओं द्वारा चीनी अथवा इस्पात जैसी मूर्त वस्तुओं का उत्पादन नहीं होता, बल्कि सेवाओं का व्यावसायिक उत्पादन होता है जिनका ‘उपभोग’ किया जाता है। इस उत्पादन को परोक्ष रूप से वेतन और पारिश्रमिक के रूप में मापा जाता है। इन सेवाओं के बिना विनिर्माण नहीं हो सकता। विनिमय के अन्तर्गत व्यापार, परिवहन और संचार सुविधाएँ शामिल होती हैं। इनका उपयोग ‘दूरी’ को निष्प्रभावी करने के लिए किया जाता है।

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प्रश्न 2.
तृतीयक क्रियाकलाप क्या है? इसके प्रकारों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
तृतीयक क्रियाकलाप ( सेवाएँ)-तृतीयक क्रियाकलाप वे कार्य या सेवाएँ हैं जो पदार्थों के उत्पादन से भिन्न हैं और जो भौतिक पदार्थों का निर्माण, प्रसंस्करण प्रत्यक्ष रूप से नहीं करते हैं। उदाहरण के लिए; शिक्षक, व्यापारी, वकील, डॉक्टर, इंजीनियर, धोबी, प्लम्बर आदि की सेवाएँ तृतीयक क्रियाकलाप में आती हैं। इसे सेवा क्षेत्र भी कहते हैं। .

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तृतीयक क्रियाकलापों के प्रकार
व्यापार, परिवहन, संचार और सेवाएँ चार प्रमुख तृतीयक क्रियाकलाप हैं
1. व्यापार और वाणिज्य – कहीं और उत्पादित वस्तुओं को खरीदने व बेचने का नाम ‘व्यापार’ है। व्यापार फुटकर और थोक दोनों प्रकार का होता है। थोक व्यापार से जुड़े वित्तीय लेन-देन को ‘वाणिज्य’ कहा जाता है। व्यापार से जुड़ी सभी सेवाओं का एक ही उद्देश्य होता है-लाभ कमाना।

2. परिवहन सेवाएँ – परिवहन एक सेवा है जिससे व्यक्तियों, कच्चे पदार्थों और विनिर्मित माल को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाया जाता है। यह एक जटिल और संगठित उद्योग है जो आधुनिक समाज की तीव्र और सक्षम परिवहन की मूलभूत आवश्यकताओं को पूरा करता है। आज सम्पूर्ण अर्थव्यवस्था परिवहन के उन्नत और सुलभ साधनों पर टिकी है। परिवहन के बिना वस्तुओं व अन्य सेवाओं का उत्पादन, वितरण और उपभोग सम्भव नहीं हो पाता।

3. संचार सेवाएँ – संचार सेवाओं में शब्दों और सन्देशों, तथ्यों और विचारों तथा संगीत का प्रेषण किया जाता है।
दूरसंचार-दूरसंचार का उपयोग इलेक्ट्रॉनिक प्रौद्योगिकी के विकास से सम्भव हुआ है। दूरसंचार ने सन्देशों को भेजने और उन्हें प्राप्त करने की गति में क्रान्ति ला दी है।
संचार के वर्ग

  • व्यक्तिगत संचार तन्त्र, एवं
  • जनसंचार तन्त्र।

4. सेवाएँ – सेवाओं के बिना आर्थिक विकास की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। राष्ट्र निर्माण में इनकी भूमिका अदृश्य होती है। सेवाओं के प्रमुख वर्ग हैं

  • परिवहन व संचार तन्त्र
  • वाणिज्य सेवाएँ
  • मौद्रिक सेवाएँ
  • व्यावसायिक सेवाएँ
  • मनोरंजनात्मक और प्रमोद सेवाएँ
  • प्रशासनिक सेवाएँ
  • निम्नस्तरीय सेवाएँ एवं
  • उच्च स्तरीय सेवाएँ आदि।
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प्रश्न 3.
चतुर्थ क्रियाकलाप की अवधारणा का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
चतुर्थ क्रियाकलाप की अवधारणा चतुर्थ क्रियाकलाप की अवधारणा को निम्नलिखित बिन्दुओं के द्वारा समझा जा सकता है
(1) पिछले कुछ वर्षों में आर्थिक क्रियाकलाप अति विशिष्ट और जटिल होते जा रहे हैं। परिणामस्वरूप इन क्रियाकलापों का अपना एक वर्ग बन गया है, जिसे ‘चतुर्थ क्रियाकलाप’ कहा जाता है।

(2) चतुर्थ क्रियाकलाप में शिक्षा, सूचना तथा शोध और विकास जैसे क्रियाकलापों को रखा जाता है। ये वे. उच्च बौद्धिक व्यवसाय हैं, जो चिन्तन, शोध तथा विकास के लिए विचार देते हैं। तृतीयक और चतुर्थ क्रियाकलाप

(3) आर्थिक वृद्धि के आधार के रूप में तृतीयक और चतुर्थ सेक्टरों ने सभी प्राथमिक एवं द्वितीयक रोजगारों को प्रतिस्थापित कर दिया है।

(4) इस वर्ग के व्यवसायों की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि उच्च वेतनमान व पदोन्नति के पर्याप्त अवसरों के कारण इनसे जुड़े लोग जल्दी-जल्दी अपनी कम्पनियाँ बदलते रहते हैं।

(5) चतुर्थ क्रियाकलाप उच्चस्तरीय ज्ञान आधारित व्यवसाय हैं जिनका विकास सूचना प्रौद्योगिकी में आई क्रान्ति के फलस्वरूप हुआ है।

(6) चतुर्थ क्रियाकलापों के उदाहरण हैं – सूचना का संग्रहण, उत्पादन और प्रकीर्णन।

(7) चतुर्थ क्रियाकलाप अनुसन्धान और विकास पर केन्द्रित होते हैं। इन्हें ऐसी उन्नत सेवाओं के रूप में देखा जा सकता है जो विशिष्टीकृत ज्ञान, प्रौद्योगिक कुशलता और प्रशासकीय सामर्थ्य से जुड़ी हुई हैं।

(8) चतुर्थ वर्ग की सेवाओं से जुड़े हुए लोग हैं-बहुराष्ट्रीय कम्पनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, चिकित्सकीय प्रतिलेखक, म्यूचुअल फण्ड के प्रबन्धक, परामर्शदाता, सॉफ्टवेयर इंजीनियर, प्रारम्भिक विद्यालयों, विश्वविद्यालयी कक्षाओं, रंगमंचों, लेखाकार्य, दलाली की फर्मों, अस्पतालों व कार्यालय भवनों में काम करने वाले लोग इस वर्ग की सेवाओं से जुड़े हुए हैं।

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प्रश्न 4.
पंचम क्रियाकलाप का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
पंचम क्रियाकलाप आर्थिक क्रियाकलापों के पद सोपान के सर्वोच्च स्तर पर बैठे ये कर्मी सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण निर्णय लेने और नीतियों के निर्माण का कार्य करते हैं। इन क्रियाओं और चतुर्थक सेक्टर से जुड़ी ज्ञान आधारित सेवाओं में मामूली फर्क होता है।

पंचम क्रियाकलाप वे सेवाएँ हैं, जिनमें

  • नए विचार उत्पन्न होते हैं।
  • वर्तमान एवं पुरानी विचारधाराओं की व्याख्या, पुनर्गठन एवं मूल्यांकन होता है।
  • नए सूत्रों, आँकड़ों एवं तथ्यों की व्याख्या तथा उनका अनुप्रयोग होता है।
  • नई प्रौद्योगिकी का मूल्यांकन होता है।

ये व्यवसाय तृतीयक क्रियाकलापों का एक और विकसित उप-विभाग हैं जिनमें वरिष्ठ तथा श्रेष्ठ व्यावसायिक अधिकारियों, प्रशासनिक अधिकारियों, अनुसन्धान वैज्ञानिकों, वित्त एवं विधि परामर्शदाताओं को शामिल किया जाता है। ये सभी लोग विश्व में उच्चतम वेतन और मनचाही सुविधाओं वाली कुशलताओं का प्रतिनिधित्व करते हैं। इन व्यवसायों को इसी कारण ‘गोल्ड कॉलर जॉब्स’ कहा जाता है। विकसित अर्थव्यवस्थाओं में भी उनकी संख्या कम होती है, लेकिन अर्थव्यवस्थाओं की संरचना में उनका प्रत्यक्ष और विश्व कूटनीति में अप्रत्यक्ष महत्त्व बहुत जबरदस्त होता है। इसी कारण से इन्हें ‘मूवर्स एण्ड शोकर्स’ कहा जाता है।

प्रश्न 5.
चतुर्थ सेवाओं की नवीन प्रवृत्तियों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
चतुर्थ सेवाओं की नवीन प्रवृत्तियाँ चतुर्थ सेवाओं की प्रमुख नवीन प्रवृत्तियाँ निम्नलिखित हैं
1. बाह्यस्रोतन – बाह्यस्रोतन का अर्थ है किसी बाहरी अभिकरण को कार्य सौंपना अथवा ठेके पर काम देना। बाह्यस्रोतन का उद्देश्य दक्षता को सुधारना तथा लागतों को घटाना होता है। जब बाह्यस्रोतन का कार्य समुद्रपार के स्थानों पर करवाया जाता है तो इसे अपतटन (Offshoring) कहा जाता है। जिन व्यावसायिक क्रियाकलापों का बाह्यस्रोतन किया जाता है उनमें प्रमुख हैं-सूचना प्रौद्योगिकी, मानव संसाधन, ग्राहक सेवा, कॉल सेण्टर, विनिर्माण तथा अभियान्त्रिकी आदि।

2. ज्ञान प्रक्रमण बाह्यस्त्रोतन — यह चतुर्थ सेवाओं की एक और नवीन प्रवृत्ति है। के०पी०ओ० सूचना प्रेरित ज्ञान पर आधारित सेवा है जिसमें अनुसन्धान और विकास कार्य, ई-लर्निंग, व्यवसाय अनुसन्धान, बौद्धिक सम्पदा, कानूनी व्यवसाय और बैंकिंग सेक्टर आते हैं। ज्ञान प्रक्रमण बाह्यस्रोतन (K.P.0.) व्यवसाय प्रक्रमण बाह्यस्रोतन से भिन्न है, क्योंकि इसमें उच्च दक्षता प्राप्तकर्मी शामिल होते हैं।

3. भारत में समुद्रपार रोगियों के लिए स्वास्थ्य सेवाएँ – वर्तमान में भारत विश्व में चिकित्सा पर्यटन के सेक्टर में हॉट-स्पॉट के रूप में उभरा है जिससे इस सेक्टर में मेडिकल प्रोफेशनल और टूरिस्ट गाइड के लिए रोजगार की असीमित सम्भावनाएँ बनी हैं।

क्या है मेडिकल टूरिज्म? कम खर्च पर मेडिकल व रिलैक्सेशन ट्रीटमेण्ट मिल जाएँ और दूसरा प्राकृतिक विविधता और ऐतिहासिक धरोहर के स्थानों में घूमने का शौक भी पूरा हो जाए, आमतौर पर इसे ‘मेडिकल टूरिज्म’ कहा जाता है। अन्य शब्दों में इसका अर्थ है- ‘घूमने आइए, इलाज कराइए।’

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प्रश्न 6.
सेवाओं के प्रमुख घटकों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
सेवाओं के प्रमुख घटक सेवाओं के प्रमुख घटक निम्नलिखित हैं

  • वाणिज्यिक सेवाएँ – विज्ञापन, कानूनी सेवाएँ, जनसम्पर्क और परामर्श।
  • अचल सम्पत्ति के क्रय-विक्रय सम्बन्धी सेवाएँ जो वित्त, बीमा, वाणिज्यिक और आवासीय भूमि व भवनों से सम्बन्धित हैं।
  • उत्पादक तथा उपभोक्ता को जोड़ने वाले थोक और फुटकर व्यापार तथा रख-रखाव व मरम्मत के लिए कार्य जैसी सेवाएँ।
  • परिवहन और संचार – रेल, सड़क, जलयान व वायुयान सेवाएँ तथा डाक-तार सेवाएँ।
  • मनोरंजन – दूरदर्शन, रेडियो, फिल्म और साहित्य।
  • प्रशासन – स्थानीय, राज्य तथा राष्ट्रीय प्रशासन, अधिकारी वर्ग, पुलिस सेवा तथा अन्य जन सेवाएँ।
  • गैर-सरकारी संगठन – शिशु-चिकित्सा, पर्यावरण, ग्रामीण विकास आदि लाभरहित सामाजिक क्रियाकलापों से जुड़े व्यक्तिगत या सामूहिक परोपकारी संगठन।

प्रश्न 7.
विश्व में तृतीयक व्यवसाय में रोजगार का भाग बढ़ रहा है। इसके कारणों को समझाइए।
उत्तर:
विश्व में तृतीयक व्यवसाय में रोजगार का भाग बढ़ने के कारण
विश्व में सेवा क्षेत्रों में रोजगार के अवसरों में तीव्र वृद्धि हुई है। विश्वभर में मुख्यतः विकसित अर्थव्यवस्था में सेवा क्षेत्र में रोजगार के अवसरों में वृद्धि के प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं
1. विकसित देशों में प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि – इसके कारण मनोरंजन, स्वास्थ्य तथा परिवहन जैसी सेवाओं की माँग में तेजी से वृद्धि हुई है।

2. समय के मूल्य में वृद्धि – अब विकसित देशों में समय का मूल्य बहुत अधिक बढ़ गया है, इसलिए लोग अधिकांश घरेलू कार्यों के लिए भी बाजार से सेवाएँ प्राप्त करते हैं।

3. चिकित्सा सेवाओं में वृद्धि – विश्व के विकसित देशों जैसे संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा, पश्चिमी यूरोप के देश तथा जापान में सकल घरेलू उत्पाद में चिकित्सा सेवाओं का अनुपात बढ़ रहा है। इसका मुख्य कारण इन देशों की जनसंख्या की जनांकिकीय संरचना में परिवर्तन है। प्रौढ़ जनसंख्या में चिकित्सा सुविधाओं की माँग में वृद्धि हुई है।

4. शैक्षिक सेवाओं की माँग में वृद्धि – कार्यस्थलों पर साक्षर, गणित तथा कम्प्यूटर में कुशल व्यक्तियों की माँग में वृद्धि हुई है।

5. अप्रत्यक्ष उत्पादन में भी सेवा क्षेत्र की वृद्धि – इस क्षेत्र में भी कामगारों के अनुपात में वृद्धि हुई है। विनिर्माण उद्योग में संलग्न कम्पनियाँ भी सही दिशा-निर्देश देने वाली प्रशासन तन्त्र की सेवाएँ लेती हैं जो सूचनाओं का संग्रहण करके उनका संसाधन करने में सक्षम हो।

6. सार्वजनिक क्षेत्र की सेवाओं में वृद्धि – सार्वजनिक क्षेत्र में सुरक्षा, सफाई, शिक्षा, स्वास्थ्य तथा कानून की व्यवस्था जैसी अनेक सेवाओं में वृद्धि हुई है।

7.विकसित देशों में सेवा निर्यात – देश के भीतर और बाहर सेवा निर्यात का स्तर निरन्तर ऊपर जा रहा है। इसके कारण भी रोजगार में वृद्धि हो रही है।

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प्रश्न 8.
विश्व में चतुर्थ क्रियाकलापों की प्रकृति तथा वृद्धि की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
चतुर्थ क्रियाकलाप-चतुर्थ क्रियाकलाप से तात्पर्य उन उच्च बौद्धिक व्यवसायों से है जिनका दायित्व चिन्तन, शोध और विकास के लिए नए विचार देना है। चतुर्य क्रियाकलापों की प्रकृति
चतुर्थ क्रियाकलापों की प्रकृति के प्रमुख बिन्दु निम्नलिखित हैं

  • चतुर्थ क्रियाकलापों में शिक्षा, सूचना, शोध और विकास की क्रिया शामिल है। ये बौद्धिक व्यवसाय के रूप में नए विचार देते हैं।
  • ये क्रियाकलाप प्रौद्योगिकी में क्रान्ति के परिणामस्वरूप विकसित हुए हैं।
  • ये क्रियाकलाप आर्थिक दृष्टि से बहुत जटिल बन गए हैं।
  • इन क्रियाकलापों में संलग्न अधिकांश लोग अत्यधिक विकसित देशों में रहते हैं।
  • इन क्रियाकलापों की प्रमुख विशेषता लोगों का उच्च वेतनमान तथा पदोन्नति के अच्छे अवसर हैं।
  • सूचना प्रौद्योगिकी चतुर्थक क्रियाकलापों के विकास में सहायक है।

चतुर्य क्रियाकलापों की वृद्धि
विश्व में आर्थिक क्रियाकलापों का पहले से कहीं अधिक विस्तार और विकास हुआ है। इसके साथ ही चतुर्थ क्रियाकलापों में वृद्धि हुई है। सूचना प्रौद्योगिकी में क्रान्ति के कारण ज्ञान आधारित उद्योगों में तेजी से वृद्धि हुई है। इसके कारण ज्ञान और प्रौद्योगिकी पर आधारित उद्योग के नए संकुलन स्थापित हुए हैं। विज्ञान और ज्ञान पर आधारित उद्योगों के संकुलों को विज्ञान और प्रौद्योगिकी पार्क कहते हैं। इस तरह के पार्क अमेरिका तथा यूरोपीय देशों में विकसित हुए हैं। भारत व चीन में भी इस तरह के पार्कों का विकास हुआ है। इन पार्कों में प्रौद्योगिकी से सम्बन्धित उद्योगों का विकास हुआ है जिनमें कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर, इण्टनरनेट आदि शामिल हैं।

प्रश्न 9.
तृतीयक क्रियाकलाप में व्यापार और वाणिज्य का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
तृतीयक क्रियाकलापों के प्रकार हैं

  • व्यापार और वाणिज्य
  • परिवहन
  • संचार और
  • सेवाएँ।

व्यापार और वाणिज्य
कोई भी व्यक्ति अपनी आवश्यकता की सभी वस्तुएँ पैदा नहीं कर सकता। उसे दूसरे व्यक्तियों की पैदा की गई वस्तुएँ लेनी पड़ती हैं। इसी कारण व्यापार का जन्म हुआ। प्रारम्भ में ‘वस्तु विनिमय’ प्रचलित था। व्यापार के दो अंग हैं

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व्यापार के दो रूप हैं

  • थोक व्यापार, और
  • खुदरा व्यापार।

व्यापारिक केन्द्रों के दो वर्ग हैं

  • ग्रामीण विपणन केन्द्र और
  • शहरी विपणन केन्द्र।

ग्रामीण विपणन केन्द्र की विशेषताएँ।
इसकी प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं

  • ये अर्द्ध शहरी केन्द्र हैं और बहुत ही प्रारम्भिक प्रकार के व्यापारिक केन्द्रों के रूप में काम करते हैं।
  • व्यक्तिगत और व्यावसायिक सेवाएँ सुविकसित नहीं होती।
  • ये स्थानीय संग्रहण और वितरण केन्द्र होते हैं।
  • इनमें अधिकतर में मण्डी (थोक व्यापार केन्द्र) और खुदरा व्यापार क्षेत्र (दुकानें) होती हैं।
  • ये शहरी केन्द्र न होते हुए भी गाँव वालों की वस्तुओं (नमक, मिर्च, कपड़ा आदि) और सेवाओं की (डॉक्टर, दर्जी, उपकरणों की मरम्मत आदि) जरूरतों को पूरा करते हैं।

ग्रामीण क्षेत्रों में आवधिक बाजार – ग्रामीण क्षेत्रों में जहाँ नियमित बाजार नहीं होते विभिन्न कालिक अन्तरालों पर स्थानीय आवधिक बाजार लगाए जाते हैं। ये बाजार पाक्षिक व साप्ताहिक होते हैं। इन बाजारों में लोग आकर आवश्यक जरूरतों को पूरा करते हैं।

नगरीय विपणन केन्द्र की विशेषताएँ
इसकी प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं

  • ये सामान्य वस्तुओं और सेवाओं के साथ-साथ विशिष्ट वस्तुएँ और सेवाएँ भी प्रदान करते हैं।
  • यहाँ कारखानों में निर्मित वस्तुएँ बिकती हैं।
  • यहाँ विशेष प्रकार के बाजार विकसित होते हैं, जिसमें श्रमिक, आवास, अर्द्ध-निर्मित या निर्मित वस्तुएँ उपलब्ध होती हैं।
  • इसमें शैक्षणिक संस्थाएँ व पेशेवर लोग आते हैं।

व्यापार के रूप
व्यापार के दो रूप निम्नलिखित हैं
1. खुदरा (फुटकर) व्यापार – इस व्यापारिक क्रियाकलाप में वस्तुएँ सीधे उपभोक्ताओं को बेची जाती हैं। खुदरा व्यापार के रूप हैं
(i) स्थायी खुदरा दुकानें—इन्हीं में अधिकतर खुदरा व्यापार होता है। ये दुकानें केवल बिक्री के लिए होती हैं।

(ii) फेरी वाले, इण्टरनेट आदि – यह खुदरा व्यापार का दूसरा रूप है। इसमें कई तरह से उपभोक्ताओं तक वस्तुएँ पहुँचती हैं। फेरी वाले, ठेले वाले, ट्रक, ट्रैक्टर, ट्रॉली, बुग्गी, ताँगे वाले घर-घर जाकर सामान बेचने हैं। यह खुदरा व्यापार के पारम्परिक रूप हैं। इसके अलावा आजकल स्वचालित मशीनों, टेलीफोन, इण्टरनेट आदि से भी उपभोक्ता वस्तुएँ खरीदते हैं।

2. थोक व्यापार – थोक व्यापार का गठन कई बिचौलिए सौदागरों और पूर्तिद्यरों द्वारा होता है न लि फुटकर भण्डारों द्वारा। थोक विक्रेता प्रायः फुटकर भण्डारों को उधार देते हैं। यहाँ तक कि फुटकर विक्रेत अधिकतर थोक विक्रेता की पूँजी पर ही अपने कार्य का संचालन करते हैं।

प्रश्न 10.
परिवहन क्या है? इसकी आवश्यकता व प्रभावित करने वाले कारकों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
परिवहन का अर्थ – यह एक सेवा या सुविधा है जिसके द्वारा व्यक्तियों, सामान और सम्पत्ति को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाया जाता है। परिवहन सड़क, रेलमार्ग, जलमार्ग तथा वायुमार्गों द्वारा किय जाता है।

परिवहन की आवश्यकता – गतिशीलता मनुष्य की मौलिक आवश्यकता है, जिसे परिवहन का संगठिा उद्योग पूरा करता है। वस्तुओं के उत्पादन, वितरण और उपभोग के लिए आधुनिक समाज को तीव्रगामी और सक्षम परिवहन की जरूरत होती है। मानव समाज के इस जटिल तन्त्र में परिवहन के द्वारा हर वस्तु का मूल्य बढ़ जाता है।

परिवहन को प्रभावित करने वाले कारक
परिवहन को प्रभावित करने वाले कारक निम्नलिखित हैं
1. जनसंख्या – परिवहन सेवाओं का विस्तार और सुचारु संचालन के लिए जनसंख्या के आकार का बहुत प्रभाव पड़ता है। अधिक जनसंख्या के लिए परिवहन की अधिक सुविधाओं की आवश्यकता होती है।

2. आर्थिक विकास – परिवहन और आर्थिक विकास एक-दूसरे पर आश्रित हैं। विकसित देशों में परिवहन की अधिक सुविधाएँ हैं। आर्थिक विकास का परिवहन की गुणवत्ता और विस्तार में बहुत योगदान होता है।

3. परिवहन व्यय – परिवहन पर होने वाला व्यय परिवहन के विस्तार और गुणवत्ता को प्रभावित करता है। महँगा परिवहन उसके उपयोग में बाधक होता है।

4. परिवहन की गति – समय से गन्तव्य तक यात्रियों और माल का पहुँचना आवश्यक है। यदि फल और सब्जी के ट्रक समय पर मण्डी में नहीं पहुँचते हैं तो उनके मूल्य में कमी हो जाती है, इसीलिए व्यापारी ट्रक चालकों को प्रोत्साहन धनराशि देते हैं।

5. उच्चावच – स्थल परिवहन को उच्चावच प्रभावित करता है। पहाड़ों और पठारों पर सड़कों व रेलमार्गों का निर्माण तथा संचालन व्यय बढ़ जाता है। इनके अलावा नगरों, कस्बों और गाँवों, औद्योगिक केन्द्रों और कच्चे माल की स्थिति और उनके बीच होने वाले व्यापार का प्रतिरूप, जलवायु का प्रकार तथा मार्ग की बाधाओं को दूर करने के लिए धनराशि भी परिवहन सेवाओं को प्रभावित करती हैं।

प्रश्न 11.
संचार क्या है? इसके साधनों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
संचार का अर्थ-शब्दों और सन्देशों, तथ्यों और विचारों का एक व्यक्ति अथवा स्थान से दूसरे व्यक्ति या स्थान तक भेजना ही संचार है।
संचार के साधन
संचार के प्रमुख साधन निम्नलिखित हैं
1. दूरसंचार – दूरसंचार का उपयोग वैद्युत प्रौद्योगिकी के विकास से जुड़ा है। सन्देशों की प्रेषण की गति ने संचार में क्रान्ति ला दी है। दूरसंचार के द्वारा सन्देश सप्ताहों की बजाय मिनटों में भेजे जाने लगे हैं।

2. संचार के नए साधन – मोबाइल टेलीफोन के द्वारा सन्देश सीधे और तत्काल भेजे जाने लगे हैं। मोबाइल से सन्देश कहीं-से-कहीं को भी और कभी भी भेजे जा सकते हैं।

3. रेडियो और टी०वी० – रेडियो और टी०वी० समाचारों, चित्रों और टेलीफोन सन्देशों को संसार के कोने-कोने में अनेक श्रोताओं-दर्शकों तक पहुँचाते हैं; इसीलिए इन्हें जनसंचार के साधन कहा जाता है।

4. समाचार-पत्र – दुनियाभर की दैनन्दिन घटनाओं की खबरें पूरी दुनिया में पहुँचाते हैं।

5. उपग्रह – उपग्रह की घटनाओं की खबरें अन्तरिक्ष से लेकर सम्पूर्ण पृथ्वी पर पहुंचाते हैं।

6. इण्टरनेट – इण्टरनेट ने तो भूमण्डलीय संचार व्यवस्था में क्रान्ति ला दी है।

प्रश्न 12.
पर्यटन क्या है? पर्यटकों के आकर्षण का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
पर्यटन संसार का तीव्रतम वृद्धि वाला सबसे बड़ा उद्योग बन गया है। अधिकतर विकसित देशों में यह अर्थव्यवस्था का मुख्य कारक बन गया है। विकासशील देश भी पर्यटन को आय और रोजगार के अवसर में वृद्धि करने तथा जीवन स्तर को ऊँचा उठाने का सम्भावित तरीका मान रहे हैं।

पर्यटन का अर्थ – लोगों का अपने निवास स्थलों और कार्यस्थलों से अस्थायी तौर पर अल्प समय के लिए अन्य स्थानों पर जाकर रहना तथा वहाँ मनोरंजन आदि के अनेक क्रियाकलापों में लिप्त होना ही पर्यटन है।
समें सभी उद्देश्यों से की गई यात्राएँ शामिल हैं।

पर्यटकों के आकर्षण
पर्यटक अपनी रुचि और इच्छाओं को पूरा करने के लिए पर्यटन पर निकलते हैं; इसलिए अनेक प्राकृतिक और मानवकृत भू-दृश्य पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। इनमें से प्रमुख निम्नलिखित हैं
1. जलवायु-कुछ ठण्डे देशों के पर्यटकों को गुनगुनी धूप में पुलिनों पर मौज-मस्ती की इच्छा होती है। यही कारण है कि उत्तरी यूरोप के पर्यटक दक्षिणी यूरोप और भूमध्यसागर के तटों पर छुट्टियाँ बिताते हैं। भूमध्य जागर के तट पर यूरोप के उत्तरी भागों की तुलना में तापमान निरन्तर ऊँचे रहते हैं। यही नहीं छुट्टियों के व्यस्ततम अवसरों पर मौसम धूपवाला और वर्षारहित रहता है। कुछ लोग बर्फीले पहाड़ों पर शीतऋतु के खेलों का आनन्द लेते हैं।

2. भू-दृश्य -अनेक लोग मनोरम और मनोहर पर्यावरण में छुट्टियाँ बिताना चाहते हैं। इसके लिए अछूते पर्वतों, झीलों, समुद्री तटों या मानव स्पर्श से रहित भू-दृश्यों को पर्यटन के लिए चुनते हैं।

3. इतिहास और कला – किसी प्रदेश का इतिहास और कला भी पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। मिस्र, चीन, भारत जैसे देशों में पर्यटक ऐतिहासिक स्थलों का आनन्द लेने और अध्ययन करने आते हैं। लोग प्राचीन, नयनाभिराम नगरों, पुरातात्त्विक स्थलों को देखने जाते हैं। पर्यटकों के किलों, महलों और गिरजाघरों को खोजने में आनन्द आता है।

4. संस्कृति और अर्थव्यवस्था – विभिन्न क्षेत्रों में जातीय और स्थानीय रीति-रिवाजों में अभिरुचि रखने वाले पर्यटक ऐसे ही स्थलों पर जाते हैं। यदि ऐसे क्षेत्र पर्यटकों की जरूरत सस्ते में पूरा कर देते हैं, तो वे बहुत लोकप्रिय हो जाते हैं। पर्यटकों का घरों में ठहराना लाभकारी व्यवसाय बन गया है।

लघ उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
सेवाक्षेत्र प्रायः विकसित क्षेत्रों में क्यों केन्द्रित हैं? उपयुक्त उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
सेवाक्षेत्र के विकसित क्षेत्रों में केन्द्रित होने के कारण

  • विकसित देशों में आय के बढ़ने से प्रति व्यक्ति आय बढ़ती है। इससे सेवाओं की माँग में वृद्धि हो . जाती है। स्वास्थ्य, मनोरंजन और परिवहन ऐसी ही सेवाएँ हैं।
  • समय के मूल्य में वृद्धि के कारण अनेक कार्य बाजार से करवाए जाते हैं।
    उदाहरण – यूरोप, उत्तरी अमेरिका और जापान में सकल घरेलू उत्पाद में चिकित्सा सेवाओं का अनुपात निरन्तर बढ़ा है।

प्रश्न 2.
किलोमीटर दूरी, समय दूरी तथा लागत दूरी में अन्तर को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
किलोमीटर दूरी में परिवहन दूरी अथवा मार्ग की लम्बाई को वास्तविक दूरी के रूप में नापा जाता है।
समय दूरी अथवा एक मार्ग पर यात्रा करने में लगने वाले समय में नापा जाता है।
लागत दूरी अथवा मार्ग पर यात्रा के खर्च के रूप में मापा जा सकता है।
परिवहन के साधन के चयन में समय अथवा लागत के सन्दर्भ में एक निर्णायक कारक मानचित्र पर समान समय में पहुंचने वाले स्थानों को मिलाने वाली ‘समकाल रेखाएँ‘ खींची जाती हैं।

निम्नलिखित में कौन एक पंचम क्रियाकलाप है - nimnalikhit mein kaun ek pancham kriyaakalaap hai

प्रश्न 3.
विकासशील देशों में सेवाक्षेत्रों में लगे लोगों का लेखा-जोखा ठीक तरह से नहीं रखे जाने के क्या कारण हैं? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
विकासशील देशों में सेवाक्षेत्रों में लगे लोगों का लेखा-जोख़ा ठीक तरह से नहीं रखे जाने के कारण निम्नलिखित हैं

  • विकासशील देशों में अधिकांश लोग असंगठित सेवाओं में लगे हैं। इस क्षेत्र को अनौपचारिक क्षेत्र’ भी कहते हैं।
  • अनौपचारिक क्षेत्र में ग्रामीण क्षेत्रों से लोग नगरों की ओर प्रवास करते हैं और नगरों में विभिन्न सेवाओं में रोजगार पाते हैं।
  • इन लोगों में अधिकांश लोग अशिक्षित तथा अकुशल होते हैं तथा इन लोगों को बहुत कम मजदूरी मिलती है।
  • असंगठित सेवाओं में गृहिणियों तथा बाल मजदूरों की संख्या भी अच्छी होती है परन्तु इनका भी लेखा-जोखा नहीं रखा जाता है।

प्रश्न 4.
विश्व में ग्रामीण क्षेत्रों के आवधिक बाजारों की विशेषताओं को समझाइए।
उत्तर:
ग्रामीण क्षेत्रों में आवधिक बाजारों की विशेषताएँ

  • ग्रामीण क्षेत्रों में आवधिक बाजार एक निश्चित दिन पर निश्चित स्थान पर लगाए जाते हैं।
  • ये बाजार साप्ताहिक / पाक्षिक / मासिक होते हैं जहाँ परिग्रामी क्षेत्रों से लोग आकर अपनी आवश्यकताओं की वस्तुओं को खरीदते हैं।
  • इन बाजारों के भारत में स्थानीय नाम हैं-हाट, पैंठ अथवा साप्ताहिक / पाक्षिक / मासिक बाजार।
  • कालिक अवधि पर लगने वाले बाजारों के कारण दुकान और व्यापारी हमेशा व्यस्त रहते हैं। .

प्रश्न 5.
फुटकर व्यापार सेवाओं की विशेषताएँ बताइए।
उत्तर:
फुटकर व्यापार सेवाओं की विशेषताएँ

  • फुटकर व्यापार वह व्यापारिक क्रियाकलाप हैं जो उपभोक्ताओं को वस्तुओं के प्रत्यक्ष विक्रय से सम्बन्धित हैं।
  • यह एक स्थानीय व्यापारिक क्रिया है।
  • अधिकांश फुटकर व्यापार एक निश्चित स्थान पर होता है।
  • फेरी, रेहड़ी, ट्रक, द्वार-से-द्वार, डाक आदेश, दूरभाष, स्वचालित बिक्री मशीनें एवं इण्टरनेट फुटकर बिक्री के भण्डाररहित उदाहरण हैं।

प्रश्न 6.
थोक व्यापार सेवा की विशेषताएँ बताइए।
उत्तर:
थोक व्यापार सेवा की विशेषताएँ

  • थोक व्यापार में भारी मात्रा में वस्तुओं का व्यापार होता है।
  • इसमें थोक व्यापारी बिचौलिए व्यापारियों और आपूर्ति संस्थाओं से माल खरीदते हैं।
  • इसमें फुटकर बिक्री नहीं होती है।
  • थोक व्यापारी फुटकर व्यापारियों को उधार में माल देते हैं, अत: फुटकर व्यापारी, थोक व्यापारी की पूँजी से ही अपना व्यापार चलाते रहते हैं।

प्रश्न 7.
समकाल रेखा और समकालिक मानचित्र को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
समकाल रेखा – किसी स्थान से समान यात्रा समय को दिखाने वाली रेखा ‘समकाल रेखा’ कहलाती है।

समकालिक मानचित्र – यह एक ऐसा मानचित्र होता है, जिसमें समान यात्रा समय को दिखाने वाली रेखाएँ खिंची होती हैं। ऐसे मानचित्रों से किसी स्थान से दूसरे स्थान तक पहुँचने में लगने वाले समय का पता चल सकता है।

प्रश्न 8.
चतुर्थ क्रियाकलापों की विशेषताएँ बताइए।
उत्तर:
चतुर्थ क्रियाकलाप की विशेषताएँ चतुर्थ क्रियाकलाप की मुख्य विशेषताएँ निम्नलिखित हैं

  • ये उच्च बौद्धिक व्यवसाय से सम्बन्धित हैं।
  • ये शिक्षा, सूचना, शोध तथा विकास की सेवाओं का एक भिन्न वर्ग है।
  • चतुर्थ क्रियाकलाप का दायित्व चिन्तन, शोध और विकास के लिए नए विचार देना है।
  • चतुर्थ क्रियाकलापों में लगे लोगों का एक विशिष्ट वर्ग है जिसका लक्षण उच्च वेतनमान और पदोन्नति के अवसरों के साथ-साथ बहुत अधिक गतिमान होना है।

प्रश्न 9.
पंचम क्रियाकलापों की विशेषताएँ बताइए।
उत्तर:
पंचम क्रियाकलापों की विशेषताएँ

  • पंचम गतिविधियाँ सर्वोच्च निर्णय निर्माता होती हैं।
  • ये गतिविधियाँ मुख्य रूप से आउटसोर्सिंग से सम्बन्धित होती हैं जिसका परिणाम विश्व के भिन्न भागों में भारी संख्या में कॉल सेण्टरों के खुलने से निकला है।
  • पंचम गतिविधियों में अनुसन्धान व विकास, ई-लर्निंग, व्यापार अन्वेषण, बौद्धिक सम्पत्ति अन्वेषण, कानूनी व्यवसाय तथा बैंकिंग क्षेत्र शामिल हैं।

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प्रश्न 10.
सेवाएँ एवं विनिर्माण में अन्तर को समझाइए।
उत्तर:
सेवाएँ एवं विनिर्माण में अन्तर

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प्रश्न 11.
श्रृंखला भण्डार अथवा चेन स्टोर को समझाइए।
उत्तर:
श्रृंखला भण्डार (चेन स्टोर)-शृंखला भण्डार (यथा-विशाल मेगा मार्ट, वी मार्ट, बिग बाजार, रिलायंस फ्रेश आदि) अपेक्षाकृत कम लागत पर व्यापारिक माल खरीद पाते हैं। कई बार ये वस्तुओं को स्वयं थोक में बनवा लेते हैं। वे इस तन्त्र को सँभालने के लिए कुशल विशेषज्ञ नियुक्त करते हैं। वे एक स्टोर के अनुभव का फायदा अन्य स्टोरों पर लागू करने में सक्षम होते हैं। श्रृंखला भण्डार में देश भर अथवा विदेशों में फैली हजारों दुकानें होने के कारण जोखिम कई स्थानों पर बँट जाता है। विज्ञापन और बिक्री की प्रोन्नति भी किफायती पड़ती है।

प्रश्न 12.
संचार साधनों के वर्ग को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
संचार साधनों के वर्ग-संचार के विभिन्न साधनों के दो वर्ग हैं
1. व्यक्तिगत संचार तन्त्र – इसमें डाक व तार सेवा तथा कम्प्यूटर समर्थित दूरसंचार आते हैं। इस तन्त्र के द्वारा टेलीफोन, मोबाइल, इण्टरनेट और ई-मेल पर हम काफी कम लागत पर सन्देश भेज सकते हैं।

2. जनसंचार तन्त्र – जनसंचार के दो माध्यम हैं

  • मुद्रण माध्यम; जैसे-अखबार, पत्र और पत्रिकाएँ इत्यादि, तथा
  • इलेक्ट्रॉनिक माध्यम; जैसे-रेडियो और दूरदर्शन।

प्रश्न 13.
निम्न स्तरीय एवं उच्च स्तरीय सेवाओं को समझाइए।
उत्तर:
निम्न स्तरीय सेवाएँ – ये सेवाएँ साधारण होती हैं। इन सेवाओं को करने वाले मुख्यतः शारीरिक श्रम करते हैं; जैसे—पंसारी की दुकान, रिक्शा चालक, नाई, धोबी, माली, घर में काम करने वाली बाई आदि।

उच्च स्तरीय सेवाएँ – ये सेवाएँ उच्च स्तरीय या विशिष्टीकृत होती हैं। इन सेवाओं को करने वाले लोग मानसिक श्रम करते हैं; जैसे-डॉक्टर, वकील, अध्यापक, बैंकर व संगीतकार का कार्य आदि। उच्च स्तरीय सेवाएँ भुगतान कर सकने वाले व्यक्तिगत उपभोक्ताओं को उपलब्ध होती हैं।

प्रश्न 14.
असंगठित क्षेत्र पर टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
असंगठित क्षेत्र-रोजगार की तलाश में कामगार गाँवों से शहरों में प्रस्थान करते हैं और शहरों में लोगों के दैनिक जीवन के काम को सुविधाजनक बनाने के लिए व्यक्तिगत सेवाएँ उपलब्ध कराते हैं। ये असंख्य लोग दुकानों पर नौकरी व घरों में काम करने वाले, रेहड़ी-रिक्शा वाले, फेरी वाले, तरह-तरह के मिस्त्री, ड्राइवर, रसोइये (कुक), माली, गृहपाल इत्यादि होते हैं। इन्हें अल्प वेतन पर नियुक्त किया जाता है। कर्मियों का यह वर्ग असंगठित होता है। असंगठित अथवा अनौपचारिक क्षेत्र का एक उदाहरण डिब्बावाला सेवा है, जो मुम्बई में 2,00,000 उपभोक्ताओं को भोजन उपलब्ध कराते हैं।

प्रश्न 15.
पर्यटन के प्रमुख लाभों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
पर्यटन के प्रमुख लाभ

  • पर्यटक से प्राप्त आय, कुल कच्चे माल के निर्यात से होने वाली आय से अधिक होती है।
  • इससे स्थानीय लोगों को होटलों में, मनोरंजन में, गाइड के रूप में रोजगार मिलता है। पर्यटन उद्योग श्रमप्रधान है।
  • पर्यटन स्मृति चिह्नों के निर्माण उत्पादन को प्रोत्साहित करता है।
  • पर्यटन से स्थानीय कृषि उत्पादों की माँग में वृद्धि होती है।
  • हवाई अड्डों, सड़कों और होटलों के निर्माण में विदेशी निवेश आता है।
  • विदेशों से सांस्कृतिक सम्बन्ध मजबूत होते हैं तथा अपने स्थानीय रीति-रिवाजों और विरासत की रक्षा होती है।

प्रश्न 16.
पर्यटन को प्रोत्साहित/प्रभावित करने वाले कारक समझाइए।
उत्तर:
पर्यटन को प्रोत्साहित/प्रभावित करने वाले कारक
1. पर्यटन की माँग में वृद्धि – पिछले 50-60 वर्षों में छुट्टियाँ बिताने के लिए पर्यटन की माँग में वृद्धि हुई है। लोगों के जीवन स्तर के ऊँचा उठने और खाली समय में वृद्धि के कारण अनेकानेक लोगों को छुट्टियाँ बिताने की प्रेरणा मिली है।

2. अधिक समृद्धि – संसार के अनेक देशों में काफी बड़े वर्ग की आय में भारी वृद्धि हुई है। ऐसे लोग दूर-दूर देशों में पर्यटन के लिए जाने में समर्थ हैं।

3. परिवहन के सस्ते तीव्रगामी साधन – सड़क, रेल और वायु परिवहन में विकास तथा वायु परिवहन के सस्ते होने के कारण पर्यटन को प्रोत्साहन मिलता है।

4. अधिक छुट्टियाँ-काम के नए तौर – तरीकों से लोगों को काफी खाली समय मिलता है। कुछ लोग घर पर बैठकर कम्प्यूटर के माध्यम से काम करते या कुछ अंशकालिक कामगार हैं। ऐसे लोगों के पास पर्यटन के लिए काफी समय होता है।

पंचम क्रियाकलाप कौन कौन से हैं?

पंचम क्रियाकलाप वे सेवाएँ हैं जो नवीन एवं वर्तमान विचारों की रचना, उनके पुनर्गठन और व्याख्या; आँकड़ों की व्याख्या और प्रयोग तथा नई प्रौद्योगिकी के मूल्यांकन पर केंद्रित होती हैं।

निम्नलिखित क्रियाकलापों में से कौन सा एक तृतीयक क्रियाकलाप है?

Explanation: तृतीयक गतिविधि में सभी सेवा व्यवसाय शामिल हैं। परिवहन, संचार, व्यापार, स्वास्थ्य, शिक्षा और प्रशासन तृतीयक गतिविधियों के महत्वपूर्ण उदाहरण हैं।

निम्नलिखित में से कौन सा एक चतुर्थ क्रियाकलाप है?

संगणक विनिर्माण विश्वविद्यालयी अध्यापन कागज़ और कच्ची लुगदी निर्माण

मानव के तृतीयक क्रियाकलाप कौन कौन से हैं?

तृतीयक क्रियाकलापों के प्रकार इस प्रकार व्यापार, परिवहन, संचार और सेवाएँ कुछ तृतीयक क्रियाकलाप हैं जिनकी इस सेक्टर में चर्चा की गई है।