चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये। Show दोस्तों आज की खोज की तरह अधिक पहिए की खोज भी आदिमानव ने की क्योंकि वह समान कोई स्थान स्थान पर लेकर जाता था उसने क्या-क्या वृक्षों की कटाई की वृक्षों के टुकड़े कि उसने काट काट के तो बोलो हम जा शुरू चकले कांटों से खींच के धागे का विस्तार हो गया doston aaj ki khoj ki tarah adhik pahiye ki khoj bhi adimanav ne ki kyonki vaah saman koi sthan sthan par lekar jata tha usne kya kya vriksho ki katai ki vriksho ke tukde ki usne kaat kaat ke toh bolo hum ja shuru chakle kanton se khinch ke dhaage ka vistaar ho gaya दोस्तों आज की खोज की तरह अधिक पहिए की खोज भी आदिमानव ने की क्योंकि वह समान कोई स्थान स्थान 82 This Question Also Answers: Vokal App bridges the knowledge gap in India in Indian languages by getting the best minds to answer questions of the common man. The Vokal App is available in 11 Indian languages. Users ask questions on 100s of topics related to love, life, career, politics, religion, sports, personal care etc. We have 1000s of experts from different walks of life answering questions on the Vokal App. People can also ask questions directly to experts apart from posting a question to the entire answering community. If you are an expert or are great at something, we invite you to join this knowledge sharing revolution and help India grow. Download the Vokal App! चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये। आधुनिक पाश्चात्य इतिहासकार मानते हैं कि लकड़ी पर पहिया का विस्तार ईसा से 35 वर्ष पूर्व टामिया जाने कि इराक में हुआ था और इस पर को लकड़ी के कई तत्व से जोड़कर बनाया गया है aadhunik pashchayat itihaaskar maante hain ki lakdi par pahiya ka vistaar isa se 35 varsh purv tamiya jaane ki iraq mein hua tha aur is par ko lakdi ke kai tatva se jodkar banaya gaya hai आधुनिक पाश्चात्य इतिहासकार मानते हैं कि लकड़ी पर पहिया का विस्तार ईसा से 35 वर्ष पूर्व टाम 487 This Question Also Answers: Vokal App bridges the knowledge gap in India in Indian languages by getting the best minds to answer questions of the common man. The Vokal App is available in 11 Indian languages. Users ask questions on 100s of topics related to love, life, career, politics, religion, sports, personal care etc. We have 1000s of experts from different walks of life answering questions on the Vokal App. People can also ask questions directly to experts apart from posting a question to the entire answering community. If you are an expert or are great at something, we invite you to join this knowledge sharing revolution and help India grow. Download the Vokal App! पहिए जिसके उपर सारी दुनिया चलती है और आज पहिए के बल पर ही दुनिया चल रही है यदि पहिया न होता तो सब रुका हुआ होता आज पहिए की रफ्तार इतनी तेज हो गई है पहिए एक पहिया किसी भी चीज में लगा हुआ एक गोल आकार का ऐसा भाग होता है जो भार ढोने के साथ-साथ धरती पर लुड़क कर वाहन को चलाने का काम भी करते हैं केवल एक पहिया मशीन नहीं है, लेकिन जब एक धुरा को असर के साथ जोड़कर संलग्न किया जाता है, तो यह पहिया और धुरा बनाता है| पहिया के आविष्कार ने मानव जीवन में एक क्रांति लाकर खड़ी कर दी पहले लोग किसी भी समान को उठाकर एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाते थे लेकिन जब से पहले का अविष्कार हुआ उसके बाद लोगों को भारी से भारी समान एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाने में कोई जोर नहीं आता हैं सबसे पहले पहिया पत्थर के टुकड़ों से बनाया जाता था लेकिन बाद में धीरे-धीरे बदलाव होते गए और पत्थर के बाद लकड़ी के पहिए बनने लगे लेकिन आज के आधुनिक युग में अच्छे से अच्छे पहिए की आवश्यकता है तो बड़ी से बड़ी कंपनियां आज पहले बना रही है वह भी रबड़ गए जिन्हें हम टायर जाते हैं आज के आधुनिक युग में बहुत से धातु से भी पहिए बनाए जाते हैं आज पहिया बोझ और रफ्तार के हिसाब से बनाए जा रहे हैं और हर साधन के हिसाब से पहिया बनाया जाता है और पहिए ने यह सबसे बड़ा विकास यह किया कि मानव अब चंद घंटों में ही धरती के एक छोर से दूसरे छोर पर पहुंच जाता है पहिए का आविष्कारसबसे पुराना बरामद नमूना एक लकड़ी का स्लोवेनियाई मॉडल है जो 5,100 से 5,350 साल पहले बना था कहा जाता है कि जिस तरह भारत में बहुत से वैज्ञानिक अविष्कार हुए जैसे जीरो के आविष्कार गणित की दुनिया मे क्रांति ला दी उसी तरह कहा जाता है कि पहिए का अविष्कार भारत में हुआ था लेकिन कुछ इतिहासकार मानते हैं कि सबसे पहले आविष्कार ईसा से 3500 वर्ष पूर्व मोसोपोटामिया (इराक) में हुआ था सबसे पहले पहिया पेड़ को काट कर उसके तने से बनाया जाता है उनका कहना था कि था की इराक में पहिए का आविष्कार हुआ था लकड़ी के पहिए का आविष्कार हुआ और आज किताबो में भी यही पढ़ाया जाता है लेकिन सच तो यह है की पहिया का आविष्कार आज से लगभग 5000 साल पहले यानी महाभारत काल युग में भारत में ही हुआ था उस समय पहिए का उपयोग रथो में किया जाता था लेकिन कहा जाता है की सिन्धु घाटी की सभ्यता किन्हीं कारणों से अचानक नष्ट हो गई यहां तक कि खुदाई में भी ऐसे कई सबूत मिले हैं जिससे यह सिद्ध होता है कि पहिए का प्रचलन सिन्धु घाटी सभ्यता के लोगों के बीच व्यापक पैमाने पर था विश्व की सबसे प्राचीन सभ्यता सिंधु घाटी जो 1500 से 3000 ईसा पूर्व पुरानी है के अवशेषों में प्राप्त खिलोने या हाथी गाड़ी भारत के संग्रहालय रखी गयी है जो यह प्रमाण देती है की पहिया का आविष्कार भारत में हुआ था ना कि इराक में हुआ था | पहिए का आविष्कार महत्वपूर्ण अविष्कार माना जाता है क्योंकि पहिया के आविष्कार से ही आज मानव जीवन गति कर रहा है और सब चीजें रफ्तार पकड़ी हुई यदि पहिए का आविष्कार ना होता तो आज दुनिया इतनी तरक्की नहीं करती और एक जगह रुक कर रह जाती पहिया आदिमानव काल में भी उतना ही उपयोगी था जितना आज के युग में है लेकिन आदि मानव पत्थर के पहले बना कर सामान को एक जगह से दूसरे जगह पर ले जाते थे उन पत्थरों के पहियों से बहुत जोर आता था और आज के आधुनिक युग में तो इतने आधुनिक तैयार किए गए हैं कि कितना भी बोझ कितनी भी दूर एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाया जा सकता है आधुनिक वाहनों में हवा से भरे रबर के पहिये होते हैं जो टायर कहलाते हैं यह बड़ी आसानी से कितना भी बोझ एक स्थान से दुसरे तक ले जा सकते हैं आज के वाहनों में रबड़ से बने हवा भरे हुए टायर इस लिए इस्तेमाल किए जाते हैं क्योंकि उन से वाहनों को इस से वाहनों को सामान ले जाने में जोर काम आता है और रफ्तार के लिए भी रबड़ के बने हवा भरे हुए पहिए इस्तेमाल किये जाते है यह भी देखे
इस पोस्ट में आपको पहिए का आविष्कार किसने किया था पहिए का आविष्कार कैसे हुआ पहिए का आविष्कार किस काल में हुआ पहिये का आविष्कार कब हुआ पहिए का आविष्कार कब हुआ था पहिये की खोज किसने की पहिये का योगदान पहिये का उपयोग के बारे में बताया गया है अगर इसके अलावा आपका कोई भी सवाल या सुझाव हो तो नीचे कमेंट करके जरूर पूछें. और इस पोस्ट को शेयर जरूर करें ताकि दूसरे भी इस जानकारी को जान सकें. पहिए का आविष्कार कहाँ हुआ था?पहिया यानी एक ऐसा यांत्रिक पुर्ज़ा जो चक्र के आकार का होता है और एक धुरी पर घूमता है. सबसे पुराने पहिये के सबूत 3500 ईसा पूर्व के हैं, जो प्राचीन मेसोपोटामिया में पाए गए थे.
पहिए का आविष्कार कब और किसने किया?आधुनिक पाश्चात्य इतिहासकार मानते हैं कि लकड़ी के पहिए का आविष्कार ईसा से 3500 वर्ष पूर्व मोसोपोटामिया (इराक) में हुआ था। इस पहिए को लकड़ी के कई तख्तों से जोड़कर बनाया गया था। इसका आविष्कार सुमेरियन सभ्यता के काल में हुआ था। दुनियाभर के स्कूलों में यही पढ़ाया जाता है।
भारत में पहिया का आविष्कार कब हुआ?पहिए का आविष्कार ''नव पाषाण'' काल में हुआ था नियोलिथिक युग, काल, या अवधि, या नव पाषाण युग मानव प्रौद्योगिकी के विकास की एक अवधि थी जिसकी शुरुआत मध्य पूर्व में 9500 ई. पू. के आसपास हुई थी, जिसे पारंपरिक रूप से पाषाण युग का अंतिम हिस्सा माना जाता है।
सबसे पहले पहिया किसका बना था?Solution : लकड़ी के पहिए का आविष्कार सबसे पहले 3500 ई. पू. मेसोपोटामिया (इराक) में हुआ था। इस पहिए को लकड़ी के कई तख्तों से जोड़कर बनाया जाता था तथा इसका आविष्कार सुमेरियन सभ्यता के काल में हुआ था।
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