रामेश्वरम मंदिर हिन्दुओं के प्रमुख धार्मिक एवं पवित्र तीर्थ स्थलों में से एक है। तमिलनाडु के रामनाथपुरम जिले में स्थित यह मंदिर चार धामों में से एक है, हिन्दु धर्म के लोगों में यह मान्यता है कि चारों धाम (बद्रीनाथ, जन्नाथपुरी, द्धारका और रामेश्वरम यात्रा) की यात्रा करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। Show वहीं यहां आस्था की डुबकी लगाने का भी अपना अलग महत्व है। ऐसा माना जाता है कि यहां डुबकी लगाने से सारी बीमारियां और दुख दरिद्र दूर हो जाते हैं। दक्षिण भारत में बना यह मंदिर बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है। इस मंदिर से लाखों-करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था जुड़ी हुई है। हर साल करोड़ों की संख्या में भक्तजन रामेश्वरम के दर्शन करने आते हैं। यह मंदिर रामनाथ स्वामी मंदिर और रामेश्वम द्धीप के नाम से भी प्रसिद्ध है। वहीं आज हम आपको अपने इस आर्टिकल में रामेश्वर मंदिर का इतिहास, निर्माण, मान्यताएं एवं इससे जुड़े कुछ महत्वपूर्ण एवं रोचक तथ्यों के बारे में बताने जा रहे हैं। तो आइए जानते हैं, इन तथ्यों के बारे में – रामेश्वर मंदिर का इतिहास एवं इससे जुड़ी पवित्र मान्यताएं – Rameshwaram Temple in Hindiरामेश्वर मंदिर की जानकारी – Rameshwaram Mandirरामेश्वरम मंदिर का इतिहास और इसकी स्थापना के बारे में कई कथाएं प्रचलित है। बंगाल की खाड़ी एवं अरब के सागर के संगम स्थल पर स्थित इस पवित्र धाम की स्थापना से भगवान राम की लंका वापसी से कथा जुड़ी हुई है। रामायण केअनुसार ऐसा माना जाता है कि भगवान विष्णु के सातवें अवतार भगवान राम जब अपनी धर्म पत्नी सीता मैया को महापापी राक्षस का विनाश कर वापस लाए तो उन पर ब्राह्मण हत्या का पाप लगने की बात कही गई, जिसके बाद इस पाप से मुक्त होने के लिए उन्हें कुछ महाज्ञानी और संतों ने भगवान शिव की आराध्या करने के लिए सलाह दी। लेकिन, द्वीप में कोई शिव मंदिर नहीं था, इसलिए भगवान राम ने रामेश्वरम में शिवलिंग की स्थापना करने का निश्चय किया। इसके बाद उन्होंने पवनसुत हनुमान जी को शिव जी की मूर्ति लाने के लिए कैलाश पर्वत में भेजा। प्रभु राम की आज्ञा का पालन करते हुए हनुमान जी शिव प्रतिमा लेने चले गए, लेकिन उन्हें लौटने में देर हो गई। जिसके बाद माता सीता ने समुद्र के किनारे पड़ी रेत से ही शिवलिंग का निर्माण किया। और यही शिवलिंग बाद में ”रामनाथ” के नाम से जाना गया। इसके बाद प्रभु राम ने रावण के हत्या के पाप से मुक्त होने के लिए पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ इस शिवलिंग की उपासना की और बाद में हनुमान जी द्धारा लाए गए शिविलिंग को भी वहां स्थापित कर दिया। यह भगवान शंकर के प्रमुख ज्योतिर्लिंगों में से एक है, जिससे लाखों श्रद्धालुओं की आस्था जुड़ी हुई है। रामेश्वर मंदिर का इतिहास – Rameshwaram Temple History in Hindiरामेश्वरम मंदिर के बारे में इतिहास में उल्लेखित कुछ तथ्यों के मुताबिक 15वीं सदी में राजा उडैयान सेतुपति एवं नागूर निवासी वैश्य द्दारा मंदिर के गोपुरम का निर्माण करवाया। फिर सोलहवी सदी में मंदिर के दक्षिण के दूसरे हिस्से की दीवार का निर्माण एवं नंदी मंडप बनवाया गया। फिर 17 वीं सदी में रघुनाथ किलावन और राजा किजहावन सेठुपति ने चार धामों में से एक रामेश्वरम मंदिर का निर्माण करवाया गया। रामेश्वरम मंदिर की आर्कषक बनावट एवं स्थापत्य कला – Rameshwaram Temple Architectureहिन्दू धर्म के प्रमुख पवित्र तीर्थ धामों में से एक रामेश्वम मंदिर अपनी भव्यता एवं आर्कषक बनावट के लिए भी जाना जाता है। यह भारतीय निर्माण कला का बेहद आर्कषक और खूबसूरत नमूना है। इस मंदिर की लंबाई 1000 फुट, चौड़ाई 650 फुट है एवं मंदिर का प्रवेश द्धार 40 मीटर ऊंचा है, तो खंभे पर अलग-अलग तरह की महीन एवं बेहद सुंदर कलाकृतियां बनी हुई हैं। इस मंदिर का निर्माण द्रविण स्थापत्य शैली में किया गया। इस मंदिर मे माता सीता का स्थापित शिवलिंग और भगवान हनुमान जी द्वारा कैलाश पर्वत से लाए गए दो लिंग मौजूद है। रामेश्वरम मंदिर का गलियारा विश्व का सबसे लंबा गलियारा माना जाता है। रामेश्वर मंदिर का समय – Rameshwaram Temple Timingsआपको बता दे वैसे तो रामेश्वर मंदिर भक्तोजनों के लिये सुबह 5 बजे से दोपहर 1 बजे तक और बादमे दोपहर 3 बजे से रात 9 बजे तक हप्तेमें सातों दिन खुला रहता हैं। आगे हम रामेश्वर मंदिर की समय सारणी दे रहे हैं,
आवश्यकता नुसार इसमें बदलाव हो सकते हैं। और अधिक जानकारी के लिये आप रामेश्वरम मंदिर की ऑफिसियल वेबसाइट (www.rameswaramtemple.tnhrce.in) जाकर ले सकते हैं। रामेश्वरम मंदिर से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण एवं रोचक तथ्य – Facts About Rameshwaram Temple
चार प्रमुख धामों में से एक रामेश्वरम मंदिर से लाखों भक्तों की आस्था जुडी है। यहां हर साल आस्था और श्रद्धा का सैलाब उमड़ता है। इस प्रसिद्ध तीर्थस्थान पर सड़क, रेल और वायु तीनों मार्गों द्धारा आसानी से पहुंचा जा सकता है। More on Jyotirling:
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रामेश्वरम में कौन से भगवान का मंदिर है?रामेश्वरम मंदिर को रामनाथ स्वामी मंदिर (Ramanathaswamy Temple) के नाम से भी जाना जाता है। इस मंदिर में स्थापित शिवलिंग बारह द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक माना जाता है। जिस तरह से उत्तर भारत में काशी का महत्व है, ठीक उसी तरह दक्षिण भारत में रामेश्वरम का भी महत्व है।
रामेश्वरम रेलवे स्टेशन से मंदिर कितना दूर है?रामेश्वरम मंदिर से मात्र 2 किमी. दूर रामेश्वरम रेलवे स्टेशन है, लेकिन एक छोटे-से रेलवे स्टेशन होने की वजह से यहां पर सिर्फ आसपास के ही कुछ शहरों से ट्रेन चलती है।
रामेश्वरम क्यों प्रसिद्ध है?रामेश्वरम को हिंदूओं के सबसे पवित्र स्थानों में से एक माना जाता है, इसे चार धाम की यात्राओं में से एक स्थल माना जाता है। किंवदंतियों के अनुसार, भगवान राम, भगवान विष्णु के सातवें अवतार थे जिन्होने यहां अपनी पत्नी सीता को रावण के चंगुल से बचाने के लिए यहां से श्री लंका तक के लिए एक पुल का निर्माण किया था।
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