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So let's see the verified answer of Aao Jaane Apna Bharat Quiz for 5th August 2022. किस अवधि में रामायण एवं महाभारत की रचना हुई थी ? Kis Avadhi Mein Ramayan Evam Mahabharat Ki Rachana Huyi ThiQ1# किस अवधि में रामायण एवं महाभारत की रचना हुई थी ?* Correct Answer 1 is: (B) आर्य अवधि में Also See : Q2.भारत का राष्ट्रीय जलीय जीव कौनसा है? Also See : Q3. पीने के पानी के लिए सत्याग्रह किसने शुरू किया? Also Play: Amazon Quiz and chance to win Smartphone, Amaozn Pay Balance & More prizes Daily Dainik Bhasakr Aao Jaane Apna Bharat Quiz-Past Question with AnswersAlso Read : भारत में सबसे ज्यादा दूध किस राज्य में उत्पादित होता है ?* Also Read : भारत में सर्वाधिक निर्यात होने वाली सब्जी है ?* Also Read : इनमें से कौन भारत की सबसे प्राचीन फुटबॉल प्रतियोगिता है ? Also Read : भारत में बनी पहली रंगीन फिल्म कौन सी थी? Also Read : भारत पहुंचने वाला पहला पुर्तगाली वास्को डि गामा क्या खोजने भारत आया था? Also Read : भारत रत्न प्राप्त करने वाली पहली महिला कौन थी? 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FOLLOW TELEGRAM CHANNEL(1K) आईआईटी खड़गपुर और भारतीय पुरातत्व विभाग के वैज्ञानिकों ने सिंधु घाटी सभ्यता की प्राचीनता को लेकर नए तथ्य सामने रखे। वैज्ञानिकों के मुताबिक यह सभ्यता 5500 साल नहीं बल्कि 8000 साल पुरानी थी। वैज्ञानिकों का यह शोध 25 मई 2016 को प्रतिष्ठित रिसर्च पत्रिका नेचर ने प्रकाशित किया। वैज्ञानिकों ने सिंधु घाटी की पॉटरी की नई सिरे से पड़ताल की और ऑप्टिकली स्टिम्यलैटड लूमनेसन्स तकनीक का इस्तेमाल कर इसकी उम्र का पता लगाया तो यह 6,000 वर्ष पुराने निकले हैं। इसके अलावा अन्य कई तरह की शोध से यह पता चला कि यह सभ्यता 8,000 वर्ष पुरानी है। इसका मतलब यह कि यह सभ्यता तब विद्यमान थी जबकि भगवान श्रीराम (5114 ईसा पूर्व) का काल था। तब मिस्र की सभ्यता की शुरुआत हो रही थी। खैर...यह तो हुई रामायण के काल की बात अब यह भी जान लें कि इस काल में कैसे लोग, पशु, पक्षी आदि रहते थे। विचित्र किस्म की प्रजातियां : भगवान राम का काल ऐसा काल था जबकि धरती पर विचित्र किस्म के लोग और प्रजातियां रहती थीं, लेकिन प्राकृतिक आपदा या अन्य कारणों से ये प्रजातियां अब लुप्त हो गई। जैसे, वानर, गरूड़, रीछ आदि। माना जाता है कि रामायण काल में सभी पशु, पक्षी और मानव की काया विशालकाय होती थी। मनुष्य की ऊंचाई 21 फिट के लगभग थी। वानर जाति : वानर को बंदरों की श्रेणी में नहीं रखा जाता था। 'वानर' का अर्थ होता था- वन में रहने वाला नर। जीवविज्ञान शास्त्रियों के अनुसार 'कपि' मानवनुमा एक ऐसी मुख्य जाति है जिसके अंतर्गत छोटे आकार के गिबन, सियामंग आदि आते हैं और बड़े आकार में चिम्पांजी, गोरिल्ला और ओरंगउटान आदि वानर आते हैं। इस कपि को साइंस में होमिनोइडेया कहा जाता है। गरूड़ : माना जाता है कि गरूड़ की एक ऐसी प्रजाति थी, जो बुद्धिमान मानी जाती थी और उसका काम व्यक्ति एवं संदेश को इधर से उधर ले जाना होता था। राम के काल में सम्पाती और जटायु नाम के दो गरूड़ थे। गरूड़ का अलावा अन्य कई प्रकार के विचित्र पशु और पक्षी होते थे। रीझ : रामायण काल में रीझनुमा मानव भी होते थे। जाम्बवंतजी इसका उदाहण हैं। भालू या रीछ उरसीडे (Ursidae) परिवार का एक स्तनधारी जानवर है। हालांकि इसकी अब सिर्फ 8 जातियां ही शेष बची हैं। संस्कृत में भालू को 'ऋक्ष' कहते हैं। निश्चित ही अब जाम्बवंत की जाति लुप्त हो गई है। हालांकि यह शोध का विषय है। रामायण काल के मायावी लोग : रामायण काल में ऐसे कई मायावी असुर, दावन, वानर और राक्षस थे जो आश्चर्यजनकरूप से शक्तिशाली थे। जैसे..माल्यवान, सुमाली, माली, रावण, कालनेमि, सुबाहु, मारीच, कुंभकर्ण, कबंध, विराध, अहिरावण, खर और दूषण, मेघनाद, मय दानव, बालि आदि। रामायण काल के अविष्कार : रामायण काल में कई वैज्ञानिक थे। नल, नील, मय दानव, विश्वकर्मा, अग्निवेश, सुबाहू, ऋषि अगत्स्य, वशिष्ठ, विश्वामित्र आदि कई वैज्ञानिक थे। रामायण काल में भी आज के युग जैसे अविष्कार हुए थे। रामायण काल में नाव, समुद्र जलपोत, विमान, शतरंज, रथ, धनुष-बाण और कई तरह के अस्त्र शस्त्रों के नाम तो आपने सुने ही होंगे। लेकिन उस काल में मोबाइल और लड़ाकू विमानों को नष्ट करने का यंत्र भी होता था। रामाट काल में विभीषण के पास 'दूर नियंत्रण यंत्र' था जिसे 'मधुमक्खी' कहा और जो मोबाइल की तरह उपयोग होता था। विभीषण के पास दर्णन यंत्र भी था। लंका के 10,000 सैनिकों के पास 'त्रिशूल' नाम के यंत्र थे, जो दूर-दूर तक संदेश का आदान-प्रदान करते थे। इसके अलावा दर्पण यंत्र भी था, जो अंधकार में प्रकाश का आभास प्रकट करता था। लड़ाकू विमानों को नष्ट करने के लिए रावण के पास भस्मलोचन जैसा वैज्ञानिक था जिसने एक विशाल 'दर्पण यंत्र' का निर्माण किया था। इससे प्रकाश पुंज वायुयान पर छोड़ने से यान आकाश में ही नष्ट हो जाते थे। लंका से निष्कासित किए जाते वक्त विभीषण भी अपने साथ कुछ दर्पण यंत्र ले आया था। इन्हीं 'दर्पण यंत्रों' में सुधार कर अग्निवेश ने इन यंत्रों को चौखटों पर कसा और इन यंत्रों से लंका के यानों की ओर प्रकाश पुंज फेंका जिससे लंका की यान शक्ति नष्ट होती चली गई। एक अन्य प्रकार का भी दर्पण यंत्र था जिसे ग्रंथों में 'त्रिकाल दृष्टा' कहा गया है, लेकिन यह यंत्र त्रिकालदृष्टा नहीं बल्कि दूरदर्शन जैसा कोई यंत्र था। लंका में यांत्रिक सेतु, यांत्रिक कपाट और ऐसे चबूतरे भी थे, जो बटन दबाने से ऊपर-नीचे होते थे। ये चबूतरे संभवत: लिफ्ट थे। निर्माण कार्य : रामायण काल में भवन, पूल और अन्य निर्माण कार्यों का भी जिक्र मिलता है। इससे पता चलता है कि उस काल में भव्य रूप से निर्माण कार्य किए जाते थे और उस काल की वास्तु एवं स्थापत्य कला आज के काल से कई गुना आगे थी। उस युग में विश्वामित्र और मयासुर नामक दो प्रमुख वास्तु और ज्योतिष शास्त्री थे। दोनों ने ही कई बड़े बड़े नगर, महल और भवनों का निर्माण किया था। गीता प्रेस गोरखपुर से छपी पुस्तक 'श्रीमद्वाल्मीकीय रामायण-कथा-सुख-सागर' में वर्णन है कि राम ने सेतु के नामकरण के अवसर पर उसका नाम 'नल सेतु' रखा। इसका यह कारण था कि लंका तक पहुंचने के लिए निर्मित पुल का निर्माण विश्वकर्मा के पुत्र नल द्वारा बताई गई तकनीक से संपन्न हुआ था। महाभारत में भी राम के नल सेतु का जिक्र आया है। महाभारत कौन से काल में हुआ था?इन सम्पूर्ण तथ्यों से यह माना जा सकता है कि महाभारत निश्चित तौर पर ३१००-१२०० ईसा पूर्व रची गयी होगीं, जो महाभारत में वर्णित ज्योतिषीय तिथियों, भाषाई विश्लेषण, विदेशी सूत्रों एवं पुरातत्व प्रमाणों से मेल खाती है। परन्तु आधुनिक संस्करण की रचना ६००-२०० ईसा पूर्व हुई होगी।
रामायण महाभारत का कौन सा काल कहते हैं?महाभारत का संबंध द्वापर युग से है और रामायण का संबंध त्रेता युग से है। मगर इन दोनों ग्रंथों में कई ऐसे पात्र हैं जिनके हर काल में होने का सबूत मिल जाता है, जो अपनी शक्तियों के कारण अजर अमर हैं।
कौन सी अवधि में रामायण और महाभारत की रचना हुई थी?उत्तर: [D) आर्य अवधि में
महाभारत का समय क्या है?आर्यभट्ट के अनुसार महाभारत युद्ध 3137 ईसा पूर्व में हुआ और कलियुग का आरम्भ कृष्ण के निधन के 35 वर्ष पश्चात हुआ। एक नवीनतम अध्ययन अनुसार राम का जन्म 5114 ईसा पूर्व हुआ था। शल्य जो महाभारत में कौरवों की तरफ से लड़ा था उसे रामायण में वर्णित लव और कुश के बाद की 50वीं पीढ़ी का माना जाता है।
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