सिर की चोट को कैसे ठीक करें? - sir kee chot ko kaise theek karen?

काली चाय में टैनिन नामक तत्व होता है जिनमें उत्कृष्ट गुण होते हैं इसलिए काली चाय की थैलियां चोट के बाद सिर पर सूजन को कम करने में बहुत मदद कर सकती है।

अचानक चोट लगने से सिर पर सूजन आ जाती है। यह समस्या बच्चों को कई बार होता है। खेलते-खेलते जब वे गिर जाते हैं, तो अक्सर बच्चों के सिर पर गोलाकार में सूजन हो जाता है। यह एक बहुत ही सामान्य समस्या है। कई बार बड़े उम्र के लोगों को भी चोट लगती है, जिससे उन्हें सूजन हो जाती है। ऐसा क्षतिग्रस्त रक्त वाहिकाओं से बहने वाले तरल पदार्थों के एक जगह इकट्ठा होने की वजह से होता है। चोट के कारण सिर पर सूजन को आप इन घरेलू उपचार से भी ठीक कर सकते हैं।

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कोल्ड कंप्रेश करें: जैसे ही आप सिर पर चोट लगने से होने वाली सूजन को देखें तो प्रभावित क्षेत्र पर सीधे एक आइस पैक लगाएं। ठंडी बर्फ वासोकोनस्ट्रक्शन को बढ़ावा देगी या आपके रक्त वाहिकाओं को कस देगी, जिससे सूजन सीमित हो जाएगी। एक ठंडा कंप्रेशन भी दर्द को कम

करने में मदद करेगा। पहले 24 से 48 घंटों के लिए कोल्ड कंप्रेश किया जाना चाहिए।

- एक तौलिया में कुछ बर्फ टुकड़े लपेटें।

- प्रभावित क्षेत्र पर 20 मिनट के लिए इस आइस पैक को लगाएं।

- कुछ मिनट के ब्रेक पर आइसपैक को बार-बार लगाएं।

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वार्म कंप्रेशन: सूजन के 24 घंटे बीत जाने के बाद आप प्रभावित क्षेत्र पर वार्म कंप्रेशन कर सकते हैं। वार्म कंप्रेशन सूजन वाले क्षेत्र में रक्त के प्रवाह में वृद्धि करता है, जिससे रक्त वाहिकाओं को खोलकर ऑक्सीजन युक्त रक्त और पोषक तत्वों को क्षतिग्रस्त ऊतकों तक पहुंचने में मदद करता है।

ब्लैक टी बैग: काली चाय में टैनिन नामक तत्व होता है जिनमें उत्कृष्ट गुण होते हैं इसलिए काली चाय की थैलियां चोट के बाद सिर पर सूजन को कम करने में बहुत मदद कर सकती है।

अर्निका: एनल्जेसिक गुणों के कारण अर्निका सूजन के इलाज के लिए एक प्रभावी जड़ी बूटी है। यह रक्त वाहिकाओं में तरल पदार्थों के पुन: संशोधन को बढ़ावा देता है, जो बदले में दर्द और सूजन को कम करता है। इसके अलावा यह तेजी से रक्त संचरण में सुधार करता है।

तकिया: आराम करते समय या सोते समय सिर के नीचे 1 या 2 तकिए का उपयोग करें इसके अलावा चोटिल बच्चों को शांत रखने का प्रयास करें।

हमारा मस्तिष्क या दिमाग एक बहुत ही नाजुक अंग होता है जो सिर के अंदर मौजूद खोपड़ी में मौजूद होता है। ये खोपड़ी दिमाग के लिए एक सुरक्षात्मक कवच की तरह काम करती है। दिमाग और खोपड़ी के बीच में एक तरल पदार्थ मौजूद होता है जो सिर को लगने वाले झटकों से दिमाग को बचा लेता है। ये तरल पदार्थ हल्के-फुल्के झटकों से दिमाग को बचा सकता है, लेकिन ज्यादा जोर से चोट लगने पर दिमाग को गंभीर नुक्सान हो सकता है।

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ज्यादातर सिर की चोट गंभीर नहीं होती हैं और इनसे सिर पर उभार होता है या नील पड़ जाता है। सिर की चोट लगने पर बहुत खून भी निकल सकता है। कभी-कभी ऐसा भी होता है कि चोट के कोई लक्षण नहीं होते और दिमाग को नुक्सान हो जाता है, इसीलिए सिर की चोट को गंभीर माना जाता है चाहे इसके कोई दिखने वाले लक्षण हों या न हों।

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इस लेख में सिर पर चोट लगने से क्या होता है, सिर में चोट लगने पर क्या करें और डॉक्टर के पास कब जाएं के बारे में बताया गया है।

सिर की चोट एक ऐसा शब्द है जो सिर के सभी भागों की चोट का वर्णन करता है, जैसे खोपड़ी, मस्तिष्क और सिर के अंदरुनी ऊतकों व रक्तवाहिकाओं में किसी प्रकार की चोट लगना। सिर में चोट कई कारणों से लग सकती है जैसे गिरना, फिसलना, सड़क दुर्घटना और शारीरिक हिंसा आदि।

सिर में चोट लगने के कारण मस्तिष्क के ऊतकों में सूजन या ब्लिडिंग हो सकती है या मस्तिष्क को चारों तरफ से ढकने वाली परत में खून बह सकता है। सिर में चोट लगने के कारण कई बार खोपड़ी की हड्डी नहीं टूटती है लेकिन हड्डी के पीछे मस्तिष्क को चोट लग जाती है, ऐसी स्थिति में सिर बाहर से ठीक लगता है लेकिन मस्तिष्क के अंदर खून बहने लगता है। 

सिर में चोट लगने के तुरंत बाद ही उसके लक्षण महसूस होने लग सकते हैं या लक्षण धीरे-धीरे भी विकसित हो सकते हैं, जिसमें कुछ घंटे से कुछ दिनों तक का समय लग सकता है। इन लक्षणों में सिर में चोट लगने से मतली और उल्टी, सिरदर्द, चक्कर आना, याददाश्त चली जाना, उलझन, थकान महसूस होना और शरीर का संतुलन बनाने में कठिनाई महसूस होना आदि शुमार हैं।

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सिर की चोट का परीक्षण करने के लिए डॉक्टर सिर का परीक्षण करते हैं और यह पूछते हैं कि चोट किस प्रकार लगी थी। परीक्षण के दौरान सीटी स्कैन और सिर का एक्स रे भी किया जा सकता है, इन टेस्टों की मदद से यह पता लगाया जाता है कि सिर की चोट कितनी गंभीर है और सिर की हड्डी सुरक्षित है या नहीं। 

यदि सिर में चोट लगी है तो उस पर तुरंत ध्यान देना और उसका इलाज करवाना बहुत जरूरी होता है। सिर की चोट का इलाज चोट की जगह, प्रकार और उसकी गंभीरता के आधार पर किया जाता है। जिन लोगों के सिर में हल्की चोट आई है, तो हो सकता है उनको जांच व लक्षणों को नियंत्रित करने के अलावा कोई अन्य उपचार करवाने की जरूरत ना पड़े। लेकिन जिन लोगों के सिर में गंभीर रूप से चोट आई है, जिससे उनकी सिर की हड्डी टूट गई है या फिर सिर के बाहर या मस्तिष्क के अंदर खून बह रहा है तो ऐसी स्थिति में ऑपरेशन की आवश्यकता भी पड़ सकती है। 

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सिर में चोट लगने से कई प्रकार की जटिलताएं हो सकती हैं, जैसे न्यूरोलॉजिकल संबंधी समस्याएं, कोमा और यहां तक कि कुछ गंभीर मामलों में मरीज की मृत्यु भी हो सकती है। 

सिर की चोट कितने दिन में ठीक हो जाती है?

सिर की चोट और संघट्टन सिर की अधिकतर चोटें चिंताजनक नहीं होती हैं। सामान्यत: आपको हॉस्पिटल में नहीं जाना पड़ता और दो सप्ताह के भीतर आप पूरी तरह ठीक हो जाते हैं।

सिर में गहरी चोट लगने से क्या होता है?

जब किसी धक्के से नुकसान होता है तो दिमाग को यह नुकसान चोट के समय या बाद में सूजन (सेरेब्रल एडेमा) और मस्तिष्क में रक्तस्राव (इंट्रासेरेब्रल हेमरेज) या सिर के इर्दगिर्द रक्तस्राव (एपिड्यूरल या सबड्यूरल हेमरेज) से हो सकता है। जब सिर काफी जोर से टकराता है, मस्तिष्क घूमता है और अपनी धूरी (मस्तिष्क स्तंभ) पर चक्कर काटता है।

सिर की चोट गंभीर कैसे पता करें?

चोट केवल खोपड़ी पर मामूली चोट या मस्तिष्क की गंभीर चोट हो सकती है।.
गंभीर सिर या चेहरे से खून बह रहा है।.
व्यक्ति भ्रमित, थका हुआ या बेहोश है।.
व्यक्ति सांस लेना बंद कर देता है।.
आपको गंभीर सिर या गर्दन की चोट पर संदेह है, या व्यक्ति किसी गंभीर सिर की चोट के कोई लक्षण या लक्षण विकसित करता है।.

सिर में चोट लगने से सूजन आने पर क्या करे?

- एक तौलिया में कुछ बर्फ टुकड़े लपेटें। - प्रभावित क्षेत्र पर 20 मिनट के लिए इस आइस पैक को लगाएं। - कुछ मिनट के ब्रेक पर आइसपैक को बार-बार लगाएं। वार्म कंप्रेशन: सूजन के 24 घंटे बीत जाने के बाद आप प्रभावित क्षेत्र पर वार्म कंप्रेशन कर सकते हैं।