स्वपोषी पोषण तथा विषमपोषी पोषण में क्या अंतर है स्वपोषी पोषण और विषमपोषी पोषण में अंतर स्वपोषी और विषमपोषी में अंतर स्वपोषी और विषमपोषी में क्या अंतर है स्वपोषी और परपोषी में क्या अंतर है विषमपोषी पोषण किसे कहते हैं स्वपोषी और परपोषी में अंतर विषमपोषी के प्रकार Show
चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये। शाहपुर शिवाजी भेजो अपना पोषण करते हैं और परपोषी वे जीव है जो अपने भोजन के लिए दूसरे जीवों पर आधारित रहते हैं shahpur shivaji bhejo apna poshan karte hain aur paraposhee ve jeev hai jo apne bhojan ke liye dusre jivon par aadharit rehte hain शाहपुर शिवाजी भेजो अपना पोषण करते हैं और परपोषी वे जीव है जो अपने भोजन के लिए दूसरे जीवों 2 18स्वपोषी और परपोषी में क्या अंतर है ; स्वपोषी और परपोषी में अंतर ; स्वपोषी और परपोषी में अंतर बताएं ; स्वपोषी और परपोषी में अंतर बताइए ; swaposhi aur parposhi mein antar ; स्वपोषी तथा परपोषी में अंतर ;This Question Also Answers: Vokal App bridges the knowledge gap in India in Indian languages by getting the best minds to answer questions of the common man. The Vokal App is available in 11 Indian languages. Users ask questions on 100s of topics related to love, life, career, politics, religion, sports, personal care etc. We have 1000s of experts from different walks of life answering questions on the Vokal App. People can also ask questions directly to experts apart from posting a question to the entire answering community. If you are an expert or are great at something, we invite you to join this knowledge sharing revolution and help India grow. Download the Vokal App! सभी जीवित जीवों को विभिन्न जीवन प्रक्रियाओं को करने के लिए ऊर्जा की आवश्यकता होती है और इन सभी के लिए ऊर्जा का स्रोत भोजन है. यह विभिन्न स्रोतों से उपलब्ध होता है. पोषण प्रणाली मुख्यत: दो प्रकार की होती है स्वपोषी (Autotrophic) और परपोषी (Heterotrophic). आइए इस लेख के माध्यम से इनके बीच के अंतर के बारे में अध्ययन करते हैं. Difference between Autotrophic and Heterotrophic modes of nutrition सभी जीवित जीवों को विभिन्न जीवन प्रक्रियाओं को करने के लिए ऊर्जा की आवश्यकता होती है और इन सभी के लिए ऊर्जा का स्रोत भोजन है. यह विभिन्न स्रोतों से उपलब्ध होता है. पोषण प्रणाली मुख्यत: दो प्रकार की होती है स्वपोषी (Autotrophic) और परपोषी (Heterotrophic). पोषण (Nutrition) क्या है? जैसा की हम जानते हैं कि पोषक तत्व पोषण प्रदान करते हैं. पोषक तत्वों के उदाहरण प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, फैट, विटामिन, खनिज, फाइबर और पानी हैं. आहार में पोषक तत्वों का सही संतुलन होना भी आवश्यक है. जानें क्या है कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग (Contract Farming)? स्वपोषी (Autotrophic) पोषण प्रणाली क्या है? इस प्रकार के पोषण में, जीव सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में सरल कार्बनिक पदार्थों जैसे कार्बन डाइऑक्साइड और पानी की मदद से अपना भोजन बनाते हैं. हरे पौधों में स्वपोषी (Autotrophic) पोषण प्रणाली होती है और ऐसे जीवों को ऑटोट्रॉफ़्स (Autotrophs) के रूप में जाना जाता है. ऑटोट्रॉफ़्स (Autotrophs) में एक हरे रंग का वर्णक होता है जिसे क्लोरोफिल (Chlorophyll) के रूप में जाना जाता है जो सूर्य की ऊर्जा को ट्रैप करने में मदद करता है. ऑटोट्रॉफ़्स सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में अपना भोजन बनाते हैं और इस प्रक्रिया को प्रकाश संश्लेषण (Photosynthesis) के रूप में जाना जाता है. यानी हरे पौधे प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया द्वारा अपने स्वयं के भोजन को संश्लेषित करते हैं. ऑटोट्रॉफ़ द्वारा निर्मित भोजन का उपयोग मानव और जानवरों द्वारा किया जाता है. परपोषी (Heterotrophic) पोषण प्रणाली क्या है? कार्बन डाइऑक्साइड और पानी जैसी सरल जैविक सामग्री से, जानवर अपना भोजन बनाने में सक्षम नहीं हैं और इसलिए भोजन के लिए अन्य जीवों पर निर्भर रहते हैं. इस प्रकार की प्रणाली को परपोषी पोषण प्रणाली कहा जाता है. इसलिए, भोजन के लिए अन्य जीवों पर निर्भर रहने वाले जीवों को हेटरोट्रॉफ़्स या ‘परपोषी’ (Heterotrophs) के रूप में जाना जाता है. उदाहरण मनुष्य, कुत्ते, बिल्ली, इत्यादि, और यीस्ट जैसे कुछ गैर-हरे पौधे (Non-Green Plants). मूल रूप से, हेटरोट्रॉफ़ अपने भोजन के लिए पौधों या अन्य जीवों पर निर्भर रहते हैं.स्वपोषी (Autotrophic) और परपोषी (Heterotrophic) पोषण प्रणाली के बीच अंतर 1. स्वपोषी या ऑटोट्रॉफ़्स प्लांट किंगडम के सदस्य होते हैं और साइनोबैक्टीरिया जैसे कुछ एककोशिकीय (Unicellular) जीव हैं. दूसरी ओर, परपोषी या हेटेरोट्रोफ़ सभी जानवरों के साम्राज्य (Animal Kingdom) के सदस्य होते हैं. 2. स्वपोषी में पोषण का तरीका यह है कि वे उत्पादक (Producers) हैं और प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया के साथ सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में अपना भोजन तैयार करते हैं. जबकि परपोषी या हेटरोट्रॉफ़ में पोषण का तरीका यह है कि वे उपभोक्ता (Consumers) हैं जो अपने भोजन के लिए दूसरों पर निर्भर रहते हैं. 3. ऑटोट्रॉफ़्स को फोटोऑटोट्रॉफ़्स (Photoautotrophs) और केमोआटूटोट्रॉफ़्स (Chemoautotrophs) में वर्गीकृत किया जा सकता है. और हेटरोट्रॉफ़्स को फोटोहेटरोट्रॉफ़्स (Photoheterotrophs) और केमोहेटरोट्रोफ़्स (Chemoheterotrophs) में वर्गीकृत किया जा सकता है. 4. खाद्य श्रृंखला (Food Chain) में, ऑटोट्रॉफ़ सबसे कम ट्रॉफिक लेवल (Trophic Level) बनाते हैं जबकि हेटरोट्रॉफ़ दूसरे या तीसरे ट्रॉफ़िक स्तर (Trophic Level) बनाते हैं. 5. ऑटोट्रॉफ़ उत्पादक और हेटरोट्रोफ़ उपभोक्ताओं के रूप में कार्य करते हैं. 6. कुछ ऑटोट्रॉफ़्स में, सौर ऊर्जा को संग्रहीत किया जा सकता है, जबकि हेटरोट्रॉफ़्स में, सौर ऊर्जा भंडारण या उपयोग संभव नहीं है. 7. ऑटोट्रॉफ़्स में, क्लोरोप्लास्ट (Chloroplast) भोजन तैयार करने में मदद करता है जबकि हेटरोट्रॉफ़्स में क्लोरोप्लास्ट नहीं होता है इसलिए वे अपना भोजन तैयार नहीं कर पाते हैं. 8. ऑटोट्रॉफ़्स प्रकाश ऊर्जा को रासायनिक ऊर्जा में परिवर्तित करके अकार्बनिक स्रोतों से ऊर्जा प्राप्त करते है जबकि हेटरोट्रोफ़ प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से अन्य जीवों से ऊर्जा प्राप्त करते हैं. 9. ऑटोट्रॉफ़ अपने स्थान से नहीं जा सकते हैं यानी वह अपने स्थान पर ही रहते हैं जबकि भोजन और आश्रय की तलाश में हेटरोट्रोफ़ एक स्थान से दूसरे स्थान पर जा सकते हैं. 10. ऑटोट्रोफ्स के उदाहरण हरे पौधे, शैवाल और कुछ प्रकाश संश्लेषक जीवाणु हैं. हेटरोट्रॉफ़ के उदाहरण हैं गाय, भैंस, बाघ, इंसान, इत्याद्दी. इसलिए, स्वपोषी या ऑटोट्रॉफ़्स और परपोषी या हेटरोट्रॉफ़्स के बीच मुख्य अंतर यह है कि स्वपोषी प्रकाश संश्लेषण की मदद से अपना भोजन बनाने में सक्षम होते हैं जबकि परपोषी नहीं. FAQऑटोट्रॉफ़ (Autotrophs) और हेटरोट्रॉफ़ (Heterotrophs) क्या है?ऑटोट्रॉफ़्स वे ऑर्गेनिज़्म (ग्रीन प्लांट्स) हैं जो प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया के माध्यम से अपना भोजन स्वयं तैयार करते हैं और हेटरोट्रॉफ़ ऑर्गेनिज़्म (पशु और मानव, मधुमक्खी इत्यादि) हैं जो पोषण के लिए अपना स्वयं का भोजन तैयार नहीं कर पाते हैं और ऑटोट्रॉफ़ पर निर्भर होते हैं. विभिन्न प्रकार के ऑटोट्रॉफ़्स (Autotrophs) का नाम बताइए?ऑटोट्रॉफ़्स (Autotrophs) के दो अलग-अलग प्रकार हैं फोटोओटोट्रॉफ़ (Photoautotrophs) और किमोओटोट्रॉफ़ (Chemoautotrophs). फोटोओटोट्रॉफ़ वे जीव हैं जो सूर्य के प्रकाश का उपयोग करके स्वयं के लिए भोजन तैयार करते हैं और किमोओटोट्रॉफ़ वे जीव हैं जो अकार्बनिक ऊर्जा स्रोतों का उपयोग करके कार्बन डाइऑक्साइड से ऊर्जा प्राप्त करते हैं. Detritivore क्या है?Detritivore वे ऑर्गेनिज्म हैं जो पौधों और जानवरों के अवशेषों के साथ-साथ फेकल मैटर (Fecal Matter) से भी भोजन प्राप्त करते हैं. यह पुनर्चक्रण अपशिष्ट को पुनर्जीवित करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. उदाहरण के लिए Fungi, insects, और Worms. Detritivores , तीसरे प्रकार के हेटरोट्रॉफ़िक उपभोक्ता हैं. परपोषी पोषण प्रणाली कितने प्रकार की होती है?परपोषी पोषण प्रणाली निम्नलिखित तीन प्रकार की होती है: i) मृतोपजीवी पोषण (Saprotrophic nutrition) ii) परजीवी पोषण (Parasitic nutrition) iii) पूर्णभोजी/प्राणीसम पोषण (Holozoic nutrition) स्वपोषण और परपोषण में क्या अंतर है?स्वपोषी में पोषण का तरीका यह है कि वे उत्पादक (Producers) हैं और प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया के साथ सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में अपना भोजन तैयार करते हैं. जबकि परपोषी या हेटरोट्रॉफ़ में पोषण का तरीका यह है कि वे उपभोक्ता (Consumers) हैं जो अपने भोजन के लिए दूसरों पर निर्भर रहते हैं.
स्वपोषी और स्वपोषी में क्या अंतर है?Solution : (1) स्वपोषी-जो पौधे या जीव अपना भोजन स्वयं बनाते हैं स्वपोषी कहलाते हैं। उदाहरण- हरे पौधे। <br> (2) विषमपोषी-वे जीव जो अपने भोजन के लिये पूर्ण वा आशिक रूप से किसी दूसरे जीव पर आश्रित रहते हैं । विषमपोषों या परपोषी कहलाते हैं।
परपोषी का उदाहरण क्या है?वह जीव जिसके शरीर से किसी परजीवी जीव को आश्रय तथा पोषण मिलता है, उसे परपोषी (host) कहते हैं। उदाहरण के लिए, जूँ के लिए मानव एक परपोषी है।
स्वपोषी का मतलब क्या होता है?स्वपोषी या स्वपोषित (autotrophs) वे सजीव हैं जो साधारण अकार्बनिक अणुओं से जटिल कार्बनिक यौगिको का निर्माण कर सकते हैं। इस कार्य के लिए आवश्यक उर्जा के लिए वे प्रकाश या रासायनिक उर्जा का उपयोग करते हैं। स्वपोषी सजीवों को खाद्य श्रृंखला में उत्पादक कहा जाता है।
|