शनिवार को कौन से भगवान का दिन होता है - shanivaar ko kaun se bhagavaan ka din hota hai

जीवन मंत्र डेस्क. ज्योतिष में सप्ताह के सातों दिनों के लिए अलग-अलग देवता बताए गए हैं। दिन के अनुसार इन देवताओं की पूजा करने सकारात्मक फल मिल सकते हैं। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार शिवपुराण में सातों दिनों के हिसाब से देवताओं के पूजन का महत्व बताया है। रविवार को सूर्य, सोमवार को चंद्र, मंगलवार को मंगल, बुधवार को बुध, गुरुवार को बृहस्पति, शुक्रवार को शुक्र और शनिवार को शनि का पूजन करना श्रेष्ठ रहता है।

किस देवता की पूजा से कौन सा लाभ मिलता है
पं. शर्मा के अनुसार सूर्य आरोग्य देता है। चंद्र धन-संपत्ति देता है। मंगल व्याधियों यानी रोगों का निवारण करता है। बुध बल देता है। बृहस्पति आयु बढ़ाता है। शुक्र भौतिक सुख प्रदान करता है। शनि मृत्यु का भय दूर करता है।

सूर्य पूजा की संक्षिप्त विधि
सूर्य की कृपा पाने के लिए हर रोज सूर्य को जल अर्पित करना चाहिए। रविवार को तांबे के लोटे में जल भरें, पुष्प डालें और सूर्य को अर्पित करें। 

सोमवार को ऐसे करें चंद्र की पूजा
हर सोमवार शिवलिंग की पूजा करें। शिवजी ने चंद्र को अपने मस्तष्क पर धारण किया है। इसी वजह से इस दिन शिवजी की पूजा करनी चाहिए।

मंगलवार को कैसे कर सकते हैं मंगल की पूजा
मंगल के लिए मंगलवार को शिवलिंग पर लाल मसूर चढ़ाएं। मंगल की पूजा शिवलिंग रूप में ही होती है। मंगलवार को शिवलिंग पर लाल गुलाब चढ़ाएं।

बुधवार को बुध की पूजा करें
बुध ग्रह के लिए हर बुधवार हरी मूंग का दान करें। गणेशजी को दूर्वा चढ़ाएं।

गुरुवार को बृहस्पति की पूजा
देवगुरु बृहस्पति की पूजा भी शिवलिंग रूप में ही की जाती है। इसीलिए हर गुरुवार शिवलिंग पर चने की दाल और बेसन के लड्डू चढ़ाएं।

शुक्रवार को करें शुक्र की पूजा
शुक्र ग्रह के लिए हर शुक्रवार शिवलिंग पर जल चढ़ाएं। बिल्व पत्र चढ़ाएं।

शनिवार को शनि की पूजा
हर शनिवार ग्रहों के न्यायाधीश शनि की पूजा करें। शनि को तेल चढ़ाएं और हनुमान चालीसा का पाठ करें। मान्यता है कि हनुमानजी की पूजा से भी शनिदेव प्रसन्न होते हैं।

हनुमान जी को बल, बुद्धि और विद्या का प्रतीक माना जाता है. हनुमान जी को संकंटमोचन के रूप में पूजा जाता है. शनिवार को हनुमान जी की पूजा करने से शनिदेव प्रसन्न रहते हैं.

शनिवार का दिन भगवान शनि को समर्पित होता है. इस दिन भगवान शनि की पूजा करने से कुंडली से शनि दोष से मुक्ति मिलती है. हिंदू धर्म में शनिदेव को कर्म फल दाता कहा जाता है. मान्यता है कि भगवान शनि लोगों के कर्मों के हिसाब से उन्हें फल देते हैं. इसके अलावा शास्त्रों में शनिवार को हनुमान जी की पूजा करने के महत्व के बारे में बताया गया है.

माना जाता है कि हनुमान जी की पूजा करने से शनिदेव शांत हो जाते हैं. ऐसे में सवाल आता है कि हनुमान जी भगवान शिव के 11 वें अवतार हैं तो शनिदेव कैसे शांत हो जाते है. इसके पीछे एक पौराणिक कथा है.

पौराणिक कथा के अनुसार, जब हनुमान जी माता सीता को ढूंढने के लिए लंका पहुंचे थे तो उनकी नजर शनिदेव पर पड़ती है. इसके बाद हनुमान जी ने पूछा आप यहां कैसे? शनिदेव ने बताया कि रावण ने अपने बल से मुझे कैद कर लिया था. यह बात सुनकर हनुमान जी ने शनिदेव को आजाद कराया. इससे शनिदेव ने प्रसन्न होकर हनुमान जी को वरदान मांगने को कहा. तब हनुमान जी ने कहा कि जो भी मेरी पूजा करेगा उसे अशुभ फल नहीं देंगे. इसलिए इस दिन हनुमान जी की पूजा करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं.

इस तरह करें हनुमान जी की पूजा

हनुमान जी को बल, बुद्धि और विद्या का प्रतीक माना जाता है. हनुमान जी को संकंटमोचन के रूप में पूजा जाता है. शनिवार को हनुमान जी की पूजा करने से शनिदेव प्रसन्न रहते हैं. इस दिन सुबह- सुबह उठकर हनुमानजी के मंत्रों का जाप करना चाहिए. हर शनिवार और मंगलवार को हनुमान जी को गुड़ का भोग लगाना चाहिए. इसके अलावा इस दिन हनुमान जी को सिंदूर को गिला करके लगाने से विशेष फल की प्राप्ति होती है. मंगलवार और शनिवार के दिन हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए. इससे आपके सभी कष्ट दूर होते हैं.

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Aaj Ka Panchang 17 December 2022 in Hindi Today: 17 दिसम्बर 2022 का पञ्चाङ्ग- सुजीत जी महाराज- आज पौष माह कृष्ण पक्ष की नवमी है। संकट निवारण हेतु शनिवार का पावन व्रत है। उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र है। सूर्य धनु राशि में है। भगवान शिव जी की उपासना करें। दुर्गासप्तशती का पाठ करें।सिद्धिकुंजिकास्तोत्र व सप्तश्लोकीदुर्गा का 09 पाठ करें। आज हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए सुन्दरकाण्ड का पाठ करें । भगवान विष्णु जी की उपासना के साथ माता लक्ष्मी जी की पूजा भी करें। श्री सूक्त के पाठ करने का यह बहुत सुंदर अवसर है। मंदिर में माता दुर्गा जी का दर्शन करें। श्री रामचरितमानस का पाठ करें। गीता के पाठ का आज बहुत महत्व है। सूर्योदय में सूर्य को जल व लाल रोली,चावल व पुष्प से जल दें व शिवपूजा के लिए मंदिर में भगवान शिव को दुग्ध,गंगाजल व शहद से रुद्राभिषेक करें व उनको बेल पत्र अर्पित करें। आज कई तांत्रिक उपासना होती है। इस समय बंगलामुखी उपासना के लिए भी बेहतर तिथि है। आज माता काली जी की स्तुति करें। इस समय दान का बहुत महत्व व पुण्य है। आज पुण्य संचय करने का महान दिवस है।शनिवार की रात्रि में माता काली उपासना व व्रत का अनन्त पुण्य है। एकादशी का व्रत भगवान विष्णु को प्रसन्न करने का सबसे सुंदर अवसर है।

प्रातःकाल पञ्चाङ्ग का दर्शन ,अध्ययन व मनन आवश्यक है। शुभ व अशुभ समय का ज्ञान भी इसी से होता है। अभिजीत मुहूर्त का समय सबसे बेहतर होता है। इस शुभ समय में कोई भी कार्य प्रारंभ कर सकते हैं। विजय व गोधुली मुहूर्त भी बहुत ही सुंदर होता है। राहुकाल में कोई भी कार्य या यात्रा आरम्भ नहीं करना चाहिए।

हनुमान जी का शनिवार से क्या संबंध है?

ऐसा माना जाता है कि शनिवार के दिन हनुमान जी की पूजा करने से शनि देव बहुत प्रसन्न होते हैं और इससे शनि देव से संबंधित सभी परेशानियां दूर हो जाती हैं। शनिवार को हनुमान जी की पूजा के पीछे एक कथा बताई जाती है, जिसमें शनि देव ने हनुमान जी से वादा किया था कि जो भी हनुमान जी की पूजा करेगा, वह उन्हें कभी परेशान नहीं करेंगे।

शनिवार को किसका पूजा करना चाहिए?

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शनिवार का दिन शनिदेव को समर्पित होता है। इस दिन शनि देव की विधि- विधान से पूजा करने से शनि देव की विशेष कृपा प्राप्त होती है।

सप्ताह के किस दिन करें कौन से भगवान की पूजा?

उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार शिवपुराण में सातों दिनों के हिसाब से देवताओं के पूजन का महत्व बताया है। रविवार को सूर्य, सोमवार को चंद्र, मंगलवार को मंगल, बुधवार को बुध, गुरुवार को बृहस्पति, शुक्रवार को शुक्र और शनिवार को शनि का पूजन करना श्रेष्ठ रहता है।

भगवान श्री कृष्ण का कौन सा दिन होता है?

कृष्ण का जन्म भाद्रपद मास में कृष्ण पक्ष में अष्टमी तिथि, रोहिणी नक्षत्र के दिन रात्री के १२ बजे हुआ था । कृष्ण का जन्मदिन जन्माष्टमी के नाम से भारत, नेपाल, अमेरिका सहित विश्वभर में मनाया जाता है।