भंडारण क्या है इसके कार्यों की व्याख्या कीजिए? - bhandaaran kya hai isake kaaryon kee vyaakhya keejie?

भंडारण के कार्य (bhandaran ke karya)

भण्‍डारण के कार्य इस प्रकार है--

1. संग्रहण या संचयन 

भण्‍डारण का एक कार्य अतिरिक्‍त वस्‍तुओं का संग्रह करना है इससे जब भी आवश्‍यकता हो, उन्‍हें  उपभोक्‍ताओं को उपलब्‍ध कराया जा सके। एक विपणनकर्ता के लिए यह आवश्‍यक होता है कि वस्‍तु की मांग आने से पूर्व ही वह वस्‍तुओं की सुपुर्दगी योग्‍य स्थिति सुनिश्चित कर दे।

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2. श्रेणीयन, प्रमापीकरण, पैकिंग आदि

भण्‍डारण में विपणन के अन्‍य कार्यो जैसे-- श्रेणीयन, प्रमापीकरण, पैकिंग, मिश्रण आदि कार्यो का भी निष्‍पादन किया जाता है।

3. कीमतों में स्थिरता 

मांग व पूर्ति की स्थिति के अनुसार वस्‍तुओं की कीमतों में परिवर्तन होते रहते है भण्‍डारण के द्वारा इस स्थिति पर नियंत्रण करके कीमतों में स्थिरता रखी जा सकती है ज्‍यादा वस्‍तुओं के भण्‍डारण द्वारा मांग व पूर्ति समानता रखी जा सकती है।

4. वित्‍त प्रबन्धन

भण्‍डारगृह की रसीद प्रस्‍तुत कर माल का मालिक बैंक से ऋण प्राप्‍त कर सकता है इस प्रकार जल्‍दी में माल बेचें बिना ही व्‍यवसायी बैंक से ऋण लेकर अपनी वित्‍तीय आवश्‍यकताओं को पूरा कर सकते है।

5. अन्‍य कार्य

(अ) वस्‍तुओं के छोटे पार्सल तैयार करना।

(ब) कस्‍टम अधिकारियों के निरक्षण के लिए माल को खोलना एवं दोबारा बन्‍द करना। 

(स) निक्ष्‍ोपी के निर्देशानुसार माल को ग्राहकों को सौंपना।

(द) माल की समुचित देखभाल व सुरक्षा व चोरी से बचाना।

भण्‍डारण का वर्गीकरण/प्रकार 

भण्‍डारण दो प्रकार के होते है--

1. सार्वजनिक भण्‍डारगृह

इन भण्‍डारगृहों का उपयोग सभी लोगों के द्वारा किया जा सकता है इसका संचालन का किराया दरें सरकार के द्वारा तय की जाती है सरकार नियमन होते हुए भी ये व्‍यापारिक आधार पर कार्य करते है इनमें वैज्ञानिक आधार पर भण्‍डारण सुविधाएं दी जाती है। भण्‍डारण की आधुनिक सुविधाओं से सुसज्ज्ति होने के कारण इनके निर्माण पर काफी खर्च करना पड़ता है सार्वजनिक भण्‍डारग्रहों में विभिन्‍न प्रकार की हानियों एवं छीजन को काफी हद तक कम किया जा सकता है माल के स्‍वामी और भण्‍डारग्रह के मध्‍य निक्षेपी और निक्षेपगृहीता का सम्‍बन्‍ध होता है।

सार्वजनिक भण्‍डारगृह के लाभ 

1. भण्‍डारण की सुविधा सभी लोगो के लिए होती है सरकारी नि‍यमों  के कारण किराया भी कम ही वसूल किया जाता है।

2. थोडे स्‍थान की आवश्‍यकता  होने पर सार्वजनिक भण्‍डारगृह अत्‍यंत मितव्‍ययी  सिद्ध होते है।

3. मौसमी वस्‍तुओं  के भण्‍डारण हेतु भी उपयुक्‍त है।

4. सार्वजनिक भण्‍डारण श्रेणीयन, प्रमापीकरण, मिश्रण पैकिंग आदि की संवाएं भी प्रदान करते है।

5. अचानक भण्‍डारण सुविधा की आवश्‍यकता होने पर भी सार्वजनिक भण्‍डारण गृह उपयुक्‍त रहते है।

6. इन भण्‍डारगृहों द्वारा निगैमित रसीद पर वित्‍तीय संस्‍थाओं से वित्‍त की सुविधा प्राप्‍त की जा सकती है।

7. क्रेन रेल, पअरी आदि सुविधाओं से मुक्‍त होने के कारण माल को चढाने-उतारने में सुविधा रहती है।

8. योग्‍य एवं कुशल कर्मचारियों के कारण भण्‍डारगृहों को प्रयोग करने वालो को अच्‍छी सेवाएं प्राप्‍त होती है।

2. निजी भण्‍डारगृह 

निजी भण्‍डारगृहों पर स्‍वामित्‍व बड़े-बड़े उत्‍पादकों व थोक व्‍यापारियों का होता है इसका का निर्माण खुद के प्रयोग के लिए किया जाता है और उनका मालिक ही उसका संचालन करता है हमारे देश में इस तरह के भण्‍डारगृह बहुत ही कम है इनका प्रमुख कारण इसके निर्माण में आने वाले अधिक खर्च है निजी भण्‍डारगृह घर या उसके आस-पास या  बाजार के पास में बनाये जाते है आज के समय में भण्‍डारगृह का महत्‍व निरन्‍तर कम होता जा रहा है निजी भण्‍डारगृह की जगी पर अब वितरण केन्‍द्रों की स्‍थापना की जा रही है जिनका प्रमुख उद्धेशय माल के भण्‍डारगृह के स्‍थान पर वितरण के प्रवाह को बनाये रखना है।

भंडारण क्या है इसके कार्यों की व्याख्या कीजिए? - bhandaaran kya hai isake kaaryon kee vyaakhya keejie?

भंडारण किसे कहते हैं बड़ी मात्रा में वस्तुओं को, उनकी खरीद अथवा उत्पादन के समय से लेकर उनके वास्तविक उपयोग अथवा विक्रय के समय तक सुरक्षित रखना। भंडारण गृह अथवा गोदाम शब्द एक दूसरे के पर्यायवाची है, अत: जहाँ वस्तुओं को संग्रहित किया जाता है , वह भण्डार गृह कहलाता है। भंडारण से वस्तुओं के उत्पादन और उपयोग के बीच के समय की दूरी कम होने से उपयोगिता का निर्माण होता है।

भंडारण का महत्व

1. कच्चेमाल का संग्रहण- यदि उत्पादन की निरन्तरता को बनाए रखने है तो कच्चे माल की एक निश्चित मात्रा सदैव उपलब्ध रखनी होगी। यहीं नही, कुछ कच्चे माल ऐसे हैे जो केवल विशेष मौसम में ही उपलब्ध होते है जैसे कपास, तिलहन, जबकि उत्पादन में इनकी आवश्यकता पूरे वर्ष रहती है। इसीलिए इन्हे स्टॉक में रखना पड़ता है जिससे आवश्यकता पड़ने पर उपयोग में लाया जा सके।

2. मूल्य वृद्धि की संभावना के कारण संग्रहण- निर्माता यदि यह समझता है कि कच्चे माल की कमी होगी तथा भविष्य में उसके मूल्य में वृध्दि होगी तो वह इसका संग्रह अवश्य करेगा। यह समान रूप से व्यापारियों के लिए भी सत्य है जो माल के मूल्य में वृद्धि की संभावना को देखते हुए माल का संग्रहण अवश्य करेगें।

3. तैयार माल का संग्रहण- साधारणत: माल के विक्रय की संभावना को ध्यान में रखकर ही उत्पादन किया जाता है। वस्तुओं का उत्पादन पूरे वर्ष होता है। लेकिन इनका उपयोग वर्ष की निश्चित अवधि में ही होता है जैसे कि बिजली के पंखे, ऊनी कपड़े आदि। इसी प्रकार से कुछ वस्तुएं ऐसी है जिनका उत्पादन तो वर्ष के एक विशेष समय म ें होता है। लेकिन उनका उपयोग पूरे वर्ष किया जाता है जैसे कि चीनी। इस कारण इनके संग्रहण की भी आवश्यकता होती है।

4. थोक विक्रेताओ द्वारा माल का संग्रहण- थोक विक्रते ा बड़ी मात्रा में वस्तुओं का क्रय करते हैं तथा समय-समय पर फुटकर विक्रेताओं को छोटी मात्रा में उनकी आवश्यकतानुसार माल का विक्रय करते हैं।

5. पैकेजिंग एवं वस्तुओं को श्रेणीबद्ध करना- भंडारणगृहों में वस्तुओं को आकार या गुणवत्ता के आधार पर विभिन्न वर्गो में विभक्त किया जाता है ताकि सरलता से उन्हें उपयोग में लाया जा सके तथा उनकी बिक्री की जा सके।

6. आयातकों के लिए उपयोगी- कुछ भंडारणगृह (जिन्हें बधंक माल गोदाम कहते हैं) को उस समय तक आयात किये गये माल के संग्रहण के लिए उपयोग में लाया जाता है जब तक की आयातक उनके सीमा शुल्क का भुगतान न कर दें।

    भंडारण के प्रकार

    1. निजी भण्डार- व्यापारी या विनिर्माता अपने माल के संग्रहण के लिए स्वयं भण्डारगृह रखते हैं और उसका संचालन करते है तो ऐसे भण्डारगृह निजी भण्डारगृह कहलाते हैं ।

    2. सार्वजनिक भण्डार- यह एक स्वतंत्र इकाई होती हैं जिसमें किराया चुका कर कोई भी व्यक्ति अपने माल को इन भण्डार गृहों में रख सकता हैं। 

    3. सरकारी भंडारण- इन भंडारणगृहों का स्वामी सरकार होती है। वहीं इनका प्रबंधन एवं नियंत्रण करती है। भारतीय केन्द्रीय भंडारण निगम, राज्य भंडारणण निगम एवं भारतीय खा़द्य निगम सरकारी भंडारणगृहों के उदाहरण है। सरकारी एवं निजी दोनो उद्गम इन भंडारणगृहों का उपयोग अपने माल के संग्रहण के लिए कर सकते हैं। 

    4. बंधक भंडारण- ये वे भंडारणगृह हैं जिनमें उन आयातित वस्तुओं का भंडारणण किया जाता है जिन पर आयात कर नहीं चुकाया गया है। इन भंडारणगृहों का स्वामित्व साधारणत: गोदी प्राधिकरण के हाथों में होता है तथा यह बंदरगाह के समीप स्थित होते हैं। 

    5. सहकारी भंडारण- इन भंडारणगृहों की स्थापना सहकारी समितियों द्वारा अपने सदस्यों के लाभ के लिए की जाती है। यह बहुत ही किफायती दर पर भंडारणण सुविधाएं प्रदान करते है।

    भंडारण के कार्य

    भंडारण बड़ी मात्रा में माल को गर्मी, सर्दी, आंधी, नमी से सुरक्षा प्रदान कर हानि को न्यूनतम करते हैं। भंडारण के कार्यो का वर्णन इस प्रकार किया जा सकता है-

    1. वस्तुओं का भंडारणण- भंडारणगृहों का मुख्य कार्य वस्तुओं को उस समय तक भली-भाँति संग्रहीत करना है जब तक उनके उपयोग, उपभेाग या उनकी बिक्री के लिए आवश्यकता न होगी।

    2. वस्तुओं की सुरक्षा- भंडारणगृह वस्तुओं को गर्मी धूल, हवा, नमी आदि के कारण खराब होने से बचाते हैं। इनके पास विभिन्न वस्तुओं के लिए उनकी प्रकृति के अनुसार संरक्षण की व्यवस्था होती है।

    3. जोखिम उठाना- भंडारणगृह में वस्तुओं को हानि अथवा क्षति का जोखिम भंडारणगृह अधिकारी को उठाना होता है। इसीलिए वह उनकी सुरक्षा के सभी उपाय करता है।

    4. वित्तीयन- जब कोई व्यक्ति भंडारणगृह को माल सौंपता है तो भंडारणगृह से उससे एक रसीद मिलती है जो प्रमाणित करती है कि माल भंडारणगृह में जमा है। इस रसीद का बैंक एवं अन्य वित्तीय संस्थानों से ऋण एवं अग्रिम लेने पर जमानत के रूप में प्रयोग किया जा सकता है। कुछ भंडारणगृह स्वामी स्वयं भी उनके भडारगृह में जमा माल की जमानत पर जमाकर्ता को अल्प अवधि के लिए धन अग्रिम दे देते है।

    5. प्रक्रियण- कुछ वस्तुएं ऐसी होती है जिनको उसी रूप में उपयोग में नहीं लाया जाता जिस रूप में उनका उत्पादन किया गया होता है। उन्हें उपयोग योग्य बनाने के लिए प्रक्रियण की आवश्यकता होती है। उदाहरण के लिए धान को पॉलिश किया जाता है, लकड़ी की सीजनिंग की जाती है, एवं फलों को पकाया जाता है।

    6. मूल्य जमा सेवाएं- भण्डारगृह में कभी-कभी वस्तुओं का श्रेणीयन का कार्य किया जाता हैं जिससे उसकी पैकिंग व विक्रय में आसानी होती है।

        भण्डारण क्या है इसके कार्यों की व्याख्या?

        भंडारण को प्रारंभ में वस्तुओं को वैज्ञानिक ढंग से सुरक्षित रखने एवं संग्रहण करने की स्थिर इकाई के रूप में माना जाता था लेकिन आज भंडार ग्रह की भूमिका मात्र संग्रहण सेवा प्रदान करने तक सीमित न रहकर वितरण तक विस्तृत हो गई है अर्थात अब यह सही मात्रा में, सही स्थान पर, सही समय पर, सही स्थिति में , सही लागत पर माल को उपलब्ध ...

        भंडार क्या है भंडारण के प्रकार बताइए?

        भंडारण किसे कहते हैं बड़ी मात्रा में वस्तुओं को, उनकी खरीद अथवा उत्पादन के समय से लेकर उनके वास्तविक उपयोग अथवा विक्रय के समय तक सुरक्षित रखना। भंडारण गृह अथवा गोदाम शब्द एक दूसरे के पर्यायवाची है, अत: जहाँ वस्तुओं को संग्रहित किया जाता है , वह भण्डार गृह कहलाता है।

        भंडारण और भंडारण का अर्थ क्या है?

        - 1. कंप्यूटर में सूचनाएँ जमा करना 2. वस्तुओं का संचयन 3. भंडार; ढेर।

        भंडारण का मतलब क्या होता है?

        भण्डारण - माल का प्रभावी भंडारण गोदाम मूल रूप से एक ऐसा स्थान होता है जो कुछ सामानों के भंडारण के लिए बनाया जाता है। इस प्रकार भण्डारण का अर्थ है उन वस्तुओं का भंडारण करना जिनका उपयोग आगे वितरण और अन्य गतिविधियों के लिए किया जाएगा।