हनुमान नाम का क्या अर्थ है? - hanumaan naam ka kya arth hai?

क्या आप जानते हैं भगवान हनुमान के बचपन का नाम मारुति (Hanuman Ji Ke Naam Hindi Mein) था जो उनका असली नाम था किन्तु आज हम उन्हें कई अन्य नामो से जानते हैं। भगवान हनुमान के जितने भी नाम पड़े, उसके पीछे कोई ना कोई रोचक कथा जुड़ी हुई है जिसमे से कुछ के बारे में आप जानते होंगे व कुछ के बारे में नहीं। इसलिये आज हम आपको हनुमान के कुछ मुख्य नामो (Hanuman Names) से जुड़ी कथा आपके साथ साँझा करेंगे ताकि आपका ज्ञानवर्धन हो सके।

हनुमान जी के विभिन्न नाम व उससे जुड़ी कथा (Hanuman Names Stories In Hindi)

#1. पवनपुत्र/ वायुपुत्र (Why Hanuman Called Pavan Putra In Hindi)

हनुमान जी की माता का नाम अंजलि था जो अपने पिछले जन्म में अंजना नाम की एक देव कन्या थी। अंजना को एक ऋषि से श्राप मिला था कि वह जिस किसी से भी प्रेम करेगी उसका मुख बंदर सामान हो जायेगा। अगले जन्म में माता अंजना ने पृथ्वी पर अंजलि के रूप में जन्म लिया और केसरी नामक एक वानर से विवाह रचाया।

माता अंजलि भगवान शिव की बहुत बड़ी भक्त थी जिससे प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उनकी कोख से जन्म लेने का वरदान दिया। जब राजा दशरथ पुत्र प्राप्ति के लिए यज्ञ कर रहे थे तब ऋषि ने दशरथ की तीनो पत्नियों को खीर खाने को दी। माता कौशल्या की खीर की प्याली में अचानक एक चील आई और थोड़ी सी खीर अपने पंजे में लेकर उड़ गयी।

माता अंजलि एक जगह पर भगवान शिव की आराधना कर रही थी तब शिवजी ने वायुदेव को चील के पंजे से वह खीर माता अंजलि के हाथों में गिराने का आदेश दिया। वायुदेव ने ठीक वैसा ही किया और माता अंजलि ने वह खीर भगवान शिव का आशीर्वाद समझकर खा ली जिसके बाद उन्होंने मारुति को जन्म दिया। इसलिये उन्हें पवनपुत्र या वायुपुत्र के नाम से भी जाना जाता है।

#2. हनुमान नाम कैसे पड़ा (Hanuman Name Meaning In Hindi)

जैसा की हमने आपको बताया कि हनुमान जी का असली नाम मारुति था तो अब सोचने वाली बात यह है कि उनका नाम हनुमान कैसे पड़ा? दरअसल हनुमान संस्कृत भाषा का शब्द है जो दो शब्दों के मेल से बना है: हनु अर्थात जबड़ा व मान अर्थात विकृत। इस तरह हनुमान का अर्थ हुआ विकृत या मुड़े हुए जबड़े वाला। किन्तु क्या आप जानते हैं कि हनुमान जी का जबड़ा जन्म के समय एक दम सही था तो उनका जबड़ा टेढ़ा कैसे हुआ?

जब भगवान हनुमान छोटे थे तब उन्होंने आकाश में सूर्य को देखा जिसे उन्होंने एक फल समझा। इसी कारण वे आकाश में उड़े और सूर्य को निगल लिया जिस कारण पूरे विश्व में अंधकार छा गया। इससे क्रोधित होकर इंद्र देव ने अपने वज्र से हनुमान जी पर प्रहार किया जो उनके जबड़े पर लगा और वे मुर्छित होकर पृथ्वी पर गिर पड़े। तब से उनका जबड़ा थोड़ा टेढ़ा हो गया और उनका नाम हनुमान पड़ा।

#3. बजरंगबली का अर्थ (Bajrang Bali Meaning In Hindi)

संस्कृत भाषा में बजरंग का अर्थ कुमकुम या सिंदूर से होता है। इसके पीछे भी एक रोचक कथा है। आप सभी को यह भलीभांति ज्ञात है कि भगवान राम के सबसे बड़े भक्त हनुमान थे और हनुमान जी को भी प्रभु राम से अत्यधिक लगाव था (Bajrangbali)।

एक दिन हनुमान जी को माता सीता के सिंदूर लगाने की बात पता चली तो वे उत्सुकता वश इसके पीछे का कारण पूछ बैठे। तो सीता माता ने उन्हें बताया कि वह सिंदूर श्री राम के लिए लगाती है जिससे वे स्वस्थ रहते है और दीर्घायु बनते है। इतना सुनते ही हनुमान जी ने सोचा कि यदि माता सीता के केवल इतना सा सिंदूर लगाने से इतना प्रभाव पड़ सकता है तो मुझसे क्यों नही।

इसके बाद उन्होंने अपने पूरे शरीर पर सिंदूर का लेप लगा लिया तब से उनका नाम बजरंग बलि पड़ गया। इसलिये आज भी आपको हनुमान जी के मंदिर में सिंदूर चढ़ाने की परंपरा मिलेगी।

#4. संकट मोचन नाम क्या है (Why Is Hanuman Called Sankat Mochan In Hindi)

चाहे हनुमान चालीसा हो या रामायण, सभी में हनुमान जी को संकट मोचन (Sankatmochan) कहा गया है। अर्थात हनुमान जी ऐसे महापुरुष थे जो अपने चाहने वालो के संकट मिटाते थे। चाहे वह माता सीता को ढूँढना हो या लक्ष्मण के लिए संजीवनी बूटी लाना। जब-जब भगवान राम पर कोई विपदा आई तब-तब उन्होंने अपने परम भक्त हनुमान को याद किया और हनुमान ने उनका हर संकट दूर भी किया।

हनुमान की निष्ठाभाव से की गयी भक्ति से प्रसन्न होकर माता सीता ने उन्हें अजय अमर होने का आशीर्वाद दिया था। अर्थात हनुमान जी ही भगवान के रूप में ऐसे जीवित मनुष्य है जिन्होंने अमर होने का वरदान प्राप्त किया। लोगों का आज भी यह प्रबल रूप से मानना हैं कि भगवान हनुमान आज भी किसी ना किसी रूप में इस पृथ्वी पर है और उन्हें अगर सच्चे मन से याद किया जाये तो वे अपने भक्तों के हर संकट हरते है।

#5. हनुमान जी का पंचमुखी अवतार (Panchmukhi Hanuman)

पंचमुखी भी एक संस्कृत भाषा का शब्द है जो दो शब्दों के जोड़ने से बना हैं। इसमें पंच का अर्थ संख्या पांच से है व मुखी का अर्थ मुहं से है अर्थात पांच मुहं वाले हनुमान।

एक बार रावण के भाई अहिरावण या महिरावण जो अपनी मायावी शक्तिओं के लिए प्रसिद्ध था, उसने भगवान राम व लक्ष्मण का अपहरण कर लिया था और उन्हें पाताल लोक ले गया था। वह वहां अपनी देवी महामाया के सामने दोनों की बलि चढ़ाने वाला था किन्तु हनुमान वहां उन्हें बचाने आ गए।

वहां उन्होंने देखा कि पांच दिशाओं में पांच दीपक जल रहे हैं जिन्हें एक साथ बुझाने पर ही अहिरावण का वध संभव था। इसलिये हनुमान ने पांच मुख वाले हनुमान का रूप धरा जिसमे उन्होंने वराह, गरुड़, नरसिंह व हयग्रीव देवताओं के मुख धरे और अहिरावण का वध किया।

वैसे तो भगवान हनुमान के 108 नाम हैं जिसमे से 12 नाम प्रमुख है जिनका जाप करने से आपके कष्ट दूर होंगे। इसी के साथ आप सभी को जय बजरंग बलि।

हनुमान का हिंदी अर्थ क्या होता है?

- 'हनुमान' शब्द का यदि संस्कृत अर्थ निकाला जाए तो इसका मतलब होता है ऐसा व्‍यक्ति जिसका मुख या जबड़ा बिगड़ा हुआ हो। लेकिन, आपको बता दें कि हनुमान नाम को लेकर एक कथा प्रचलित है कि देवराज इंद्र के वज्र प्रहार की वजह से बालक हनुमान की ठुड्ढी (संस्कृत में हनु) टूट गई थी, जिसके बाद उन्हें हनुमान नाम मिला।

हनुमान नाम के लोग कैसे रहते हैं?

हनुमान नाम के लोग हमेशा दूसरों की मदद करने के लिए तत्पर रहते हैं। ऐसा चन्द्रमा के प्रभाव के कारण होता है। हनुमान नाम के लोगों में आत्मविश्वास की कमी होने के कारण कभी-कभी इनकी योजनाएं पूरी नहीं हो पातीं। ये लोग मार्गदर्शन करने में सक्षम और दयालु होते हैं

हनुमान जी का असली नाम क्या है?

* बहुत कम लोग जानते हैं कि हनुमान जी के बचपन का नाम मारुति था, जो दरअसल उनका सबसे पहला व असली नाम था। * देवी अंजना के पुत्र होने से इन्हें अंजनी पुत्र व आंजनेय भी कहा जाता है। तो वही पिता केसरी के नाम से भी इन्हें जाना जाता हैं।

हनुमान को संस्कृत में क्या कहते हैं?

संस्कृत में हनू का अर्थ होता है ठुड्डी ,हनुमान नाम को लेकर एक कथा प्रचलित थी कि देवराज इन्द्र से वज्र के प्रहार से श्री हनुमान जी का ठु ड्डी टूट गई थी। जिससे उनका नाम हनुमान पड़ा। हनुमान का संस्कृत अर्थ निकाला जाए तो ऐसा व्यक्ति जिसका मुख या जबड़ा बिगड़ा हुआ हो।