किसी भी कंपनी की फ्रेंचाइजी कैसे ले? - kisee bhee kampanee kee phrenchaijee kaise le?

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आजकल एक शब्द जो हर जगह सुनने को मिल रहा हैं वह हैं फ्रैंचाइज़ी। अब यह शब्द आपके कानो में भी पड़ा होगा और आप इसके बारे में थोड़ा बहुत जानते भी (What is Franchise business model in Hindi) होंगे किंतु आज के इस लेख में आप अवश्य ही इस (Franchise kya hota hai) शब्द के बारे में विस्तार से जानने आये हैं। तो आज आपको निराश ना करते हुए हम आपको फ्रैंचाइज़ी शब्द के बारे में संपूर्ण जानकारी देंगे।

आज के इस लेख में आपको जानने को मिलेगा कि यह फ्रैंचाइज़ी आखिरकार होती क्या है, इसे कैसे शुरू किया जा सकता है, इसका आपके जीवन में या बिज़नेस में क्या असर पड़ सकता (What is Franchise business in Hindi) हैं और इसके लिए आपको किस तरह की प्रक्रिया का पालन करना होता हैं। तो चलिए एक एक करके सभी चीज़ों के बारे में जाने ताकि फ्रैंचाइज़ी को लेकर आपके मन की सभी तरह की शंकाएं दूर हो सके।

फ्रैंचाइज़ी क्या होती है (Franchise kya hai)

फ्रैंचाइज़ी वह चीज़ होती हैं जब कोई व्यक्ति अपने नाम या ब्रांड के नाम या अपनी कंपनी के नाम किसी अन्य व्यक्ति को वही चीज़ खोलने की अनुमति देता हैं। इसमें वह संबंधित व्यक्ति को उसकी फ्रैंचाइज़ी खोलने की अनुमति तो देता हैं लेकिन उस ब्रांड पर अधिकार (Franchise kya hoti hai) केवल और केवल उस व्यक्ति का ही होता हैं जो उसका मालिक होता हैं।

इसे और सरल शब्दों में समझाते हुए हम आपको बता दे कि जिस प्रकार किसी शहर में दुकान होती हैं जो केवल उसी शहर में ही होती हैं और उस व्यक्ति की कोई ब्रांच किसी अन्य जगह नही होती हैं तो उसे एकल व्यापार कहा जाता हैं। किंतु जब कोई व्यापार बहुत बढ़ने लग जाता हैं और अब वह अपने सामान को दूसरे शहर, राज्य या देश में फैलाना चाहे तो वह इसके लिए दूसरे लोगों को कुछ निर्धारित मापदंडो के अनुसार अपनी फ्रैंचाइज़ी देता हैं।

अब आप अपने शहर में ही स्थिति की भी मोटर साइकिल, कार के शोरूम को ही देख लीजिए। क्या वह बाइक या कार का शोरूम केवल आपके यहाँ ही मिलता हैं? आपका उत्तर होगा नही। दरअसल वह बहुत बड़ी कंपनी होती हैं जिनका मुख्यालय देश के बड़े शहर में या फिर विदेश में होता हैं, तो ऐसी स्थिति में वे हमारे या आपके शहर में बेचने के लिए अन्य लोगों को उसकी फ्रैंचाइज़ी देती हैं।

तो इस तरह से फ्रैंचाइज़ी को किसी बिज़नेस की ब्रांच कहा जा सकता हैं जहाँ उस बिज़नेस से संबंधित चीज़े ही मिलती हैं या सेवा दी जाती हैं लेकिन किसी अन्य व्यक्ति के द्वारा। यह उस बिज़नेस की सफलता को भी दिखाती हैं जो फ्रैंचाइज़ी की संख्या पर और उसके द्वारा होने वाली कमाई पर निर्भर करती हैं।

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फ्रैंचाइज़ी क्यों जरुरी होती है

अब आपका प्रश्न होगा कि आखिर क्यों एक व्यक्ति को अपनी फ्रैंचाइज़ी खोलने की जरुरत पड़ जाती हैं। तो उदाहरण के रूप में आप समझिये कि आप अपने शहर में चाय बनाने का बिज़नेस करते हैं। अब यह बिज़नेस चल पड़ता हैं और लोगों के बीच प्रसिद्ध हो जाता हैं। आसपास के शहर वाले भी आपकी चाय की चर्चा करने लगते हैं। तो ऐसे में क्या आपके मन में यह विचार नही आएगा कि आप इसके जरिये ज्यादा से ज्यादा पैसा कमा सके।

अब आप एक साथ दो शहरों में दूकान खोलकर पैसा तो नही कमा सकते हैं। यदि आपने दो शहरों में खोल भी लिया तो क्या आप उससे आगे बढ़ सकते हैं, नही ना? तो इसके लिए आप संबंधित शहर में जहाँ आपके चाय की मांग हैं वहां अपने कंपनी के नाम से किसी अन्य व्यक्ति को फ्रैंचाइज़ी खोलने को कहेंगे। अब उस व्यक्ति को आपके द्वारा बताये गए सभी दिशा निर्देशों का पालन करना होगा और जैसा काम आपकी दुकान में होता हैं, वैसा ही काम करना होगा।

बदले में आप उससे कमीशन के तौर पर पैसे लेंगे। यदि भविष्य में उस व्यक्ति के द्वारा आपके द्वारा बताये गाये किसी भी दिशा निर्देशों का उल्लंघन किया जाता हैं तो आप यह फ्रैंचाइज़ी उससे किसी भी समय ले सकते हैं और किसी अन्य व्यक्ति को दे सकते हैं। कहने का अर्थ यह हुआ कि यदि वह आपकी कंपनी की फ्रैंचाइज़ी लेकर काम कर रहा हैं तो उसे पूर्ण रूप से आपके द्वारा बताये गए नियमो का पालन करना होगा।

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फ्रैंचाइज़ी के प्रकार (Franchise types in Hindi)

अब जब आप फ्रैंचाइज़ी क्या होती हैं यह जान चुके हैं तो आपको यह भी जानना चाहिए कि आप किस किस तरह की फ्रैंचाइज़ी ले सकते हैं या फिर फ्रैंचाइज़ी किस किस तरह की होती हैं। कहने का अर्थ यह हुआ कि फ्रैंचाइज़ी केवल एक तरह की ही नही होती हैं बल्कि उसके द्वारा क्या चीज़ उपलब्ध करवाई जा रही हैं, उसके अनुसार यह 3 प्रकार की होती हैं।

उत्पाद का निर्माण करने वाली फ्रैंचाइज़ी

इस तरह की फ्रैंचाइज़ी में ज्यादातर वैसे बिज़नेस आते हैं जो खाने के बिज़नेस से जुड़े होते हैं। जैसे कि आप अपने शहर में जो विदेशी या भारतीय रेस्टोरेंट या होटल की चैन देखते हैं जहाँ पर किसी खाने की आइटम का निर्माण किया जाता हैं वह इसमें आती हैं। उदाहरण के रूप में सीसीडी, डोमिनोस, पिज्जा हट इत्यादि।

उत्पाद को बेचने वाली फ्रैंचाइज़ी

इस तरह की फ्रैंचाइज़ी में वो बिज़नेस आते हैं जिसमे कंपनी के द्वारा सीधे अपने उत्पाद को बेचने के लिए वहां एक फ्रैंचाइज़ी का निर्माण किया जाता हैं। यहाँ पर आपको किसी उत्पाद का निर्माण करने की बजाए बस उसे बेचना होता है। उदाहरण के रूप में किसी कार, बाइक का शोरूम, पतंजलि, कपड़ों के शोरूम इत्यादि।

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सर्विस देने वाली फ्रैंचाइज़ी

इस तरह की फ्रैंचाइज़ी में आपको किसी चीज़ को बेचना नही होता हैं बल्कि सर्विस देनी होती हैं। कहने का अर्थ यह हुआ कि इस तरह के बिज़नेस में आपको कंपनी के मापदंडो के अनुसार उस तरह की सर्विस देनी होती हैं। उदाहरण के रूप में ओयो रूम्स, पैरामाउंट इंस्टिट्यूट, आकाश इंस्टिट्यूट, इत्यादि।

तो इस तरह से तीन तरह की फ्रैंचाइज़ी हो सकती हैं जिसमें आप बिज़नेस कर सकते हैं या उनके लिए आवेदन कर सकते हैं। आपको इन फ्रैंचाइज़ी को लेने के बाद कंपनी के द्वारा बनाए गए सभी तरह के मापदंडो को ध्यान में रखते हुए उनका काम करना होता हैं और पैसा कमाना होता हैं।

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फ्रैंचाइज़ी लेने के नियम (Franchise lene ke niyam)

अब जब आप किसी कंपनी की फ्रैंचाइज़ी लेने के लिए आवेदन करेंगे या किसी कंपनी की फ्रैंचाइज़ी खोलेंगे तो आपको उनके द्वारा बताये गए सभी तरह के दिशा निर्देशों का कठोरता के साथ पालन करना होगा। इसमें किसी भी तरह की नरमी नही बरती जाएगी और ना ही आप अपनी ओर से कुछ एक्स्ट्रा जोड़ सकते हैं या हटा सकते हैं। यह नियम सभी कंपनियां अपने ब्रांड के अनुसार निर्धारित करती हैं।

एक उदाहरण के रूप में यदि आप सीसीडी की फ्रैंचाइज़ी अपने शहर में खोलने जा रहे हैं तो उसके लिए आपको सीसीडी का मेन्यू रखना होगा। उनके द्वारा जिस तरह से चाय या कॉफ़ी का निर्माण किया जाता हैं, उसी तरह का निर्माण करना होगा। उनके द्वारा जो दाम निर्धारित किये गए हैं, उतना ही दाम रखना होगा। इसके अलावा आप अपने ओर से कुछ एक्स्ट्रा नही जोड़ सकते हैं और ना ही हटा सकते हैं।

एक तरह से सीसीडी की अन्य फ्रैंचाइज़ी की तरह ही आपकी फ्रैंचाइज़ी होगी। हम यदि सभी तरह की फ्रैंचाइज़ी को एक दूसरे की फोटोकॉपी कह देंगे तो कुछ गलत नही होगा। कहने का अर्थ यह हुआ कि किसी बिज़नेस की जो फ्रैंचाइज़ी भोपाल में खुली हुई हैं उसी तरह की ही फ्रैंचाइज़ी चेन्नई में खुली होगी जो कि एक दूसरे की फोटोकॉपी होंगी। इनमें आपस में कुछ भी अंतर देखने को नही मिलेगा।

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फ्रैंचाइज़ी लेने के लिए डाक्यूमेंट्स

अब जब आप किसी कंपनी की फ्रैंचाइज़ी लेंगे तो आप यह दिमाग अपने दिमाग में बिठा कर रखे ले कि उस कंपनी के द्वारा केवल उन्हीं व्यक्तियों को वह फ्रैंचाइज़ी दी जाएगी जो अपना और अपने सभी तरह के डाक्यूमेंट्स का पूरी तरह से सत्यापन करवा लेगा। यह कंपनियां जो अपनी फ्रैंचाइज़ी देती हैं वह बहुत बड़ी कंपनियां होती हैं और उनकी फ्रैंचाइज़ी उनका ही प्रतिनिधित्व करती हैं। ऐसे में वे किसी ऐसे व्यक्ति को फ्रैंचाइज़ी नही दे सकती हैं जिनकी वजह से उनके ब्रांड वैल्यू पर कोई नकारात्मक असर पड़े।

तो ऐसे में उन कंपनियों के द्वारा फ्रैंचाइज़ी देने से पहले संबंधित व्यक्ति के बैकग्राउंड का पूरी तरह से सत्यापन किया जाता हैं। इसके लिए उनके द्वारा संबंधित व्यक्ति के सभी तरह के डॉक्यूमेंट मांगे जाते हैं ताकि वे इसकी सत्य की पुष्टि कर सके। तो यदि आप किसी कंपनी की फ्रैंचाइज़ी लेने जा रहे हैं तो आपको निम्नलिखित डॉक्यूमेंट जमा करवाने होंगे।

  • आवास प्रमाण पत्र
  • आधार कार्ड
  • पैन कार्ड
  • पासपोर्ट
  • जगह के डाक्यूमेंट्स
  • ट्रेडिंग लाइसेंस
  • बैंक खाता
  • GST नंबर
  • ऑनलाइन बैंकिंग
  • नगर परिषद से NOC
  • आय प्रमाण पत्र
  • जाति प्रमाण पत्र
  • शिक्षा संबंधी प्रमाण पत्र
  • पासपोर्ट साइज़ फोटोज इत्यादि।

इनके अलावा संबंधित कंपनी की फ्रैंचाइज़ी लेने के लिए आपको कई अन्य तरह के डॉक्यूमेंट भी जमा करवाने पड़ सकते हैं। तो यदि आप किसी कंपनी की फ्रैंचाइज़ी लेने जा रहे हैं तो डाक्यूमेंट्स को पहले से ही तैयार करवा कर रखेंगे तो बेहतर रहेगा।

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किसी कंपनी की फ्रैंचाइज़ी कैसे ले? (kisi company ki Franchise kaise le)

अब जब आप फ्रैंचाइज़ी के बारे में इतना सब जान चुके हैं तो अवश्य ही आपके मन में भी किसी ना किसी कंपनी की फ्रैंचाइज़ी लेने का विचार आ रहा होगा। ऐसे में आप जिस भी कंपनी की फ्रैंचाइज़ी लेना चाहते हैं उसके बारे में सब जानकारी जुटा ले। कहने का अर्थ यह हुआ कि पहले आप यह पक्का कर ले कि आप किस कंपनी की फ्रैंचाइज़ी लेने जा रहे हैं और क्यों लेने जा रहे हैं। क्या उस फ्रैंचाइज़ी को लेकर आपको कुछ फायदा होगा या आपके शहर में उसकी फ्रैंचाइज़ी खोलना सही रहेगा।

जब आप यह सब अच्छे से देख ले तब आप उस कंपनी के बारे में सब जानकारी जुटाए। साथ ही उस कंपनी की वेबसाइट को खोलकर उसके द्वारा फ्रैंचाइज़ी देने के लिए बनाए गए सभी नियम, दिशा निर्देशों को अच्छे से पढ़ ले ताकि आप पहले से ही सब तैयारी करके रखे। इससे आपको उस कंपनी की फ्रैंचाइज़ी लेने में आसानी होगी।

अब जब आपने संबंधित कंपनी की फ्रैंचाइज़ी लेने के ऊपर सब जानकारी जुटा ली हैं तो आपका अगला काम होगा उस कंपनी की फ्रैंचाइज़ी लेने के लिए आवेदन करना। अब यह प्रक्रिया सभी कंपनियों के द्वारा ऑनलाइन ही कर दी गयी हैं जिस्म्मे आपको अपने बारे में और अपने बिज़नेस के बारे में सब जानकारी ऑनलाइन देनी होगी और उस कंपनी की फ्रैंचाइज़ी लेने के लिए आवेदन करना होगा। जब आप यह आवेदन कर देंगे तो उस कंपनी के अधिकारियों द्वारा उस आवेदन को देखकर आपसे संपर्क किया जाएगा।

आपकी उनके साथ मीटिंग भी फिक्स होगी और वे आपकी जगह आपकर आपसे मिलेंगे भी। उसके बाद आपको सब प्रक्रिया के बारे में बता दिया जाएगा। आपको उस कंपनी के द्वारा बताये गए सभी नियमों का पालन करते हुए ही आगे बढ़ना होगा और उन्हें एक अहसास दिलवाना होगा कि आप उनकी कंपनी की फ्रैंचाइज़ी लेकर अच्छे से काम कर सकते हैं। उसके बाद सब प्रक्रिया का पालन करते हुए उस कंपनी के द्वारा आपको फ्रैंचाइज़ी खोलने की अनुमति दे दी जाएगी।

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किस किस तरह की फ्रैंचाइज़ी ली जा सकती है

अब जब आप फ्रैंचाइज़ी के प्रकार के बारे में जान चुके हैं तो यही काफी नही होता हैं। उन प्रकारों में भी कई तरह के प्रकार होते हैं जो आप फ्रैंचाइजी लेते समय ध्यान में रख सकते हैं। कहने का अर्थ यह हुआ कि फ्रैंचाइज़ी अलग अलग क्षेत्रों के अनुसार अलग अलग तरह की होती हैं।

कोई खाने के बिज़नेस से जुड़ी हुई होती हैं तो कोई शिक्षा के क्षेत्र से। ऐसे में यह आप पर निर्भर करता हैं कि आप किस तरह की फ्रैंचाइज़ी लेने में रुचि रखते हैं। आइए जाने फ्रैंचाइज़ी में आप किस किस तरह के क्षेत्र से जुड़ी फ्रैंचाइज़ी के लिए आवेदन कर सकते हैं।

  • खाद्य – रेस्टोरेंट, कैफ़े
  • यात्रा – होटल
  • शिक्षा – कोचिंग, संस्थान, करियर काउंसलर
  • स्वास्थ्य – अस्पताल, मेडिकल स्टोर
  • वाहन – कार, बाइक, साइकिल
  • सौंदर्य व फैशन
  • आईटी कंपनियां
  • मनोरंजन
  • राशन का सामान
  • मॉल
  • स्टोर रूम
  • बैटरी
  • कपड़ों की फ्रैंचाइज़ी
  • जूतों के ब्रांड्स
  • डिलीवरी कंपनी इत्यादि।

एक तरह से हम और आप दैनिक जीवन में या मनोरंजन के लिए जिस भी सामान का इस्तेमाल करते हैं, उसमे बहुत सी कंपनियां ब्रांड बन चुकी होती हैं। अब जब वे ब्रांड बन चुकी हैं तो इसका मतलब वे अलग अलग जगह अपनी फ्रैंचाइज़ी खोलने को महत्ता देंगी। तो एक तरह से आप इसमें से किसी की भी फ्रैंचाइज़ी लेने के लिए आवेदन कर सकते हैं।

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फ्रैंचाइज़ी लेने के फायदे (Franchise lene ke fayde)

आपको फ्रैंचाइज़ी लेते समय उसके फायदों के बारे में भी पता होना चाहिए ताकि आप बेझिझक फ्रैंचाइज़ी के लिए आगे हाथ बढ़ा सके। दरअसल जब भी हम किसी कंपनी की फ्रैंचाइज़ी लेते हैं तो हमें बहुत सारे फायदे देखने को मिलते हैं जिसका हम लाभ उठा सकते हैं। आइए जाने फ्रैंचाइज़ी लेने के क्या क्या लाभ आपको मिल सकते हैं।

  • फ्रैंचाइज़ी लेने का सबसे बड़ा फायदा तो आपको यह मिलेगा कि आपको अपना बिज़नेस का प्रमोशन नही करना पड़ेगा। यदि आप अपना खुद का कोई बिज़नेस शुरू करते हैं तो लोगों के बीच प्रसिद्ध होने के लिए आपको बहुत परिश्रम करना पड़ता हैं जबकि किसी ब्रांड की फ्रैंचाइज़ी लेने के लिए यह काम अपने आप ही हो जाता हैं। तो आपको अपनी फ्रैंचाइज़ी का प्रमोशन करने की आवश्यकता कम पड़ेगी।
  • इसी के साथ आपको दूसरा सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि लोगों का विश्वास बनाने में भी आपको मेहनत नही करनी पड़ेगी। दरअसल जब किसी की फ्रैंचाइज़ी खोली जाती हैं तो लोगों का उस ब्रांड पर पहले से ही विश्वास होता हैं। ऐसे में आपके ऊपर भी लोगों का विश्वास होगा और यही विश्वास आपको आगे बढ़ाने में मदद करेगा।
  • अब फ्रैंचाइज़ी लेने के लिए आपके पास हजारो विकल्प होंगे। इसमें से जो विकल्प आपको अच्छा लगे आप उसी कंपनी की फ्रैंचाइज़ी लेने के लिए आवेदन कर सकते हैं। इसमें आपको कोई रोकेगा नही और ना ही कोई परेशानी आएगी। इसलिए आप फ्रैंचाइज़ी लेते समय इस फायदे को भी उठाए।
  • जो सामान्य दुकानदार होते हैं वहां लोग सामान का मोलभाव करते हैं और सामान का भाव कम करने को कहते हैं जबकि फ्रैंचाइज़ी में ऐसा नही होता हैं। फ्रैंचाइज़ी में जो भाव बताया गया हैं लोगों को उसी भाव पर ही वह सामान खरीदना होता हैं। तो इससे बड़ा फायदा आपको और क्या ही होगा।
  • फ्रैंचाइज़ी लेने के बाद आपकी दुकान का सब सेटअप वह कंपनी ही करके देगी। इसमें आपके दुकान का इंटीरियर और बाकि सब साजो सज्जा का सामान उस कंपनी के द्वारा ही देखा जाएगा। आपको बस काम शुरू करना होगा।
  • यदि आपको फ्रैंचाइज़ी का काम करते समय किसी तरह की समस्या होती हैं तो इसमें आपकी कंपनी के द्वारा पूरी पूरी मदद की जाएगी। यह मदद किसी भी रूप में और किसी भी चीज़ के लिए हो सकती हैं। आपके मदद मांगने पर तुरंत कंपनी के कर्मचारी आपकी सहायता करेंगे।
  • इसके अलावा आपको फ्रैंचाइज़ी देने वाली कंपनी की ओर से और भी कई तरह की सुविधाएँ दी जाएगी और उसका लाभ आपका परिवार भी उठा सकता हैं। ऐसे में आपको किसी भी कंपनी की फ्रैंचाइज़ी लेकर बहुत ही फायदा होने वाला हैं।
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फ्रैंचाइज़ी लेने के नुकसान (Franchise lene ke nuksan)

अब जब आपने फ्रैंचाइज़ी लेने के इतने सारे फायदों के बारे में जान लिया हैं तो अवश्य ही आपको इसके नुकसान के बारे में भी जान लेना चाहिए। इन्हें जानकर ही तो आप यह आंकलन कर पाएंगे कि क्या आपको फ्रैंचाइज़ी लेनी चाहिए या नही। आइए जाने फ्रैंचाइज़ी लेने के क्या क्या नुकसान आपको झेलने पड़ सकते हैं।

  • जब भी आप किसी कंपनी की फ्रैंचाइज़ी लेंगे तो आप उनसे कॉन्ट्रैक्ट करेंगे। इस कॉन्ट्रैक्ट के आहत आपको एक निश्चित समय अवधि के लिए उनके साथ बंधकर रहना पड़ेगा और उनका काम करना पड़ेगा। यदि आप बीच में इस कॉन्ट्रैक्ट को तोड़ते हैं या इसके नियमों का उल्लंघन करते हैं तो आपको कानूनी कार्यवाही का सामना करना पड़ सकता हैं।
  • किसी की फ्रैंचाइज़ी लेने के लिए आपको लॉयल्टी के लिए बहुत मोटा पैसा चुकाना पड़ सकता हैं। यह लॉयल्टी का पैसा इसलिए लिया जाता हैं ताकि आप उस कंपनी की फ्रैंचाइज़ी लेकर कुछ गलत काम ना कर पाए जिससे उस ब्रांड की छवि को नुकसान हो।
  • जब आप किसी कंपनी की फ्रैंचाइज़ी लेते हैं तो आप पूरी तरह से स्वतंत्र नही होंगे। ऐसे में बिज़नेस तो आपको होगा लेकिन आप उसमे अपनी ओर से कुछ नही कर पाएंगे। आपको जो भी कंपनी की ओर से निर्देश दिए जाएंगे आपको बस उन्हीं का पालन करना होगा।
  • फ्रैंचाइज़ी लेते समय आपको यह भी ध्यान रखना होगा कि आप जिस भी कंपनी की फ्रैंचाइज़ी लेने के लिए आवेदन कर रहे हैं, आपको अपनी दुकान पर केवल उसी कंपनी से संबंधित सामान रखने होंगे। कहने का अर्थ यह हुआ कि आप किसी अन्य कंपनी के सामान को अपनी दुकान पर किसी भी स्थिति में नही रख सकते हैं।
  • यदि आप किसी भी समय कंपनी के नियमों का उल्लंघन करते हुए पाए जाते हैं या उनके नियमों की अनदेखी करते हैं तो कंपनी के द्वारा आपके ऊपर कार्यवाही की जा सकती हैं। गंभीर स्थिति में आपसे उसी समय फ्रैंचाइज़ी ली भी जा सकती हैं और यह किसी अन्य व्यक्ति को दी जा सकती हैं।

प्रश्न: फ्रेंचाइजी का हिंदी अर्थ क्या है?

उत्तर: फ्रेंचाइजी का हिंदी अर्थ है किसी बड़ी कंपनी की अपने शहर में ब्रांच खोलना।

प्रश्न: फ्रेंचाइजी कितने प्रकार की होती है?

उत्तर: फ्रेंचाइजी 3 प्रकार की होती है जिसमें उत्पाद का निर्माण, उत्पाद को बेचना और सर्विस देना सम्मिलित होता है।

प्रश्न: फ्रेंचाइजी कैसे काम करती है?

उत्तर: किसी भी कंपनी की फ्रैंचाइज़ी को संपूर्ण रूप से कंपनी के दारा बताये गए दिशा निर्देशों का पालन करना होता है।

प्रश्न: फ्रैंचाइज़ी व्यवसाय कैसे शुरू करें?

उत्तर: फ्रैंचाइज़ी व्यवसाय शुरू करने के लिए संबंधित कंपनी की वेबसाइट पर जाकर आवेदन करें।

तो इस तरह से आज आपने जाना कि फ्रैंचाइज़ी क्या होती है, उसके लिए आवेदन प्रक्रिया क्या है, उसके आवेदन के लिए आपको क्या कुछ करना पड़ेगा और किन नियमो का पालन करना होगा। इसी के साथ अंत में आपने जाना कि किसी भी कंपनी की फ्रैंचाइज़ी लेने पर आपको किस तरह के फायदे या नुकसान हो सकते हैं इत्यादि।

कौन सी फ्रेंचाइजी सबसे ज्यादा पैसा कमाती है?

कौन सी फ्रेंचाइजी सबसे ज्यादा पैसा कमाती हैं? सबसे ज्यादा फ्रेंचाइजी कमाने वाली बिजनेस का नाम महिंद्रा फर्स्ट चॉइस व्हील्स लिमिटेड है। यह कंपनी बहुत ही ज्यादा पैसा कमाती है और यह एक ब्रांड हैं।

फ्रेंचाइजी कैसे मिलती है?

फ्रेंचाइजी प्राप्त करने के लिए आपको कंपनी के द्वारा मांगा गया शुल्क देना होगा, इतना ही नहीं कंपनी इसके लिए आपके स्थान का भी जायजा लेती है, जहाँ आप फ्रेंचाइजी खोलना चाहते है. ... .
आपको अपनी फ्रेंचाइजी के लिए एक बिज़नेस प्रपोज़ल भी बनाना होता है, जिसमें स्थान एवं आपकी फ्रेंचाइजी से सम्बंधित सभी दस्तावेज देने होते है..

किसी कंपनी की फ्रेंचाइजी क्या होती है?

फ्रैंचाइज़ी क्या है ? ( Franchise kya hota hai ) फ्रैंचाइज़ी बड़ी कंपनी के द्वारा दिया जाने वाला एक Legal अधिकार है जिसके तहत आप उस कंपनी का नाम और ट्रेडमार्क इस्तेमाल कर के उनके प्रोडक्ट्स को मार्किट में बेच सकते है। बिजनेस में Competition काफी बढ़ चुकी है। ऐसी कोई भी कंपनी या बिजनेस नहीं है जिसमें स्पर्धा ना हो।

एजेंसी कैसे ली जाती है?

किसी कंपनी की एजेंसी कैसे लें?.
लोकल चीफ़ से कांटैक्ट करिए आप जिस भी कंपनी का एजेंसी लेना चाहते है तो इसके लिए आप अपने जिले के उस कंपनी के लोकल चीफ से संपर्क कर सकते है। ... .
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