काली माता के व्रत कैसे रखे जाते हैं | माँ काली की पूजा विधि / काली माता के व्रत में क्या खाना चाहिए – काली माता का व्रत रखने से सभी संकटों से छुटकारा मिलता हैं. काली माता को सभी देवियों में सबसे अधिक शक्तिशाली देवी माना जाता हैं. काली माता की उपासना से भय का नाश, आरोग्य की प्राप्ति, स्वयं को रक्षा मिलती हैं. तथा शत्रुओं से छुटकारा मिलता हैं. काली माता की उपासना करने से हमारे ऊपर किये गए तंत्र-मंत्र का भी विनाश हो जाता हैं. Show दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से काली माता के व्रत कैसे रखे जाते हैं तथा माँ काली की पूजा विधि के बारे में जानेगे. तथा मां काली की पूजा विधि के बारे में भी संपूर्ण जानकरी प्रदान करेगे. तो आइये काली माता के व्रत और पूजा विधि के बारे में विस्तारपूर्वक जानते हैं. Table of Contents
काली माता के व्रत कैसे रखे जाते हैंकाली माता का व्रत शुक्रवार के दिन मध्यरात्रि से आपको रखना होता है. तथा इस दिन माँ काली की पूरी विधि विधान और भक्तिभाव के साथ पूजा की जाती है. पूजा की पूरी विधि हमने निचे बताई है. इस दिन आपको पुरे दिन भूखा रह पर माँ की उपासना करनी होती है. जिससे माँ प्रसन्न होती है. पैर के नीचे नाम लिखकर वशीकरण मंत्र / तुलसी के पत्ते पर नाम लिखकर वशीकरण काली माता की उपासना दो प्रकार से की जाती हैं. सामान्य पूजा और तंत्र पूजा. सामान्य पूजा कोई भी व्यक्ति कर सकता हैं. लेकिन तंत्र पूजा करने के लिए किसी तांत्रिक या उच्च कक्षा के गुरु की जरूरत पड़ती हैं. काली माता का उपासना का समय मध्य रात्रि का होता हैं. काली माँ का व्रत तथा मां काली की पूजा विधि हमने नीचे दी हैं. माँ काली की पूजा विधिमाँ काली की पूजा नीचे दिए गए तरीके से करने से आपकी मनोकामना अवश्य ही पूरी होगी.
चांदी का चंद्रमा पहनने के लाभ / चांदी की अंगूठी महिलाओं के लिए पहनने के लाभ यह उपासना करते समय सिर्फ स्वयं की रक्षा के लिए काली माता से प्रार्थना करे. किसी शत्रु के विनाश या मृत्यु के लिए प्रार्थना न करे. काली माता की यह बहुत ही प्रभावशाली पूजा विधि और उपासना हैं. जिससे आपका काम अवश्य ही पूर्ण होता हैं. काली माता के व्रत में क्या खाना चाहिएकाली माता की पूजा करने के बाद अनाज से बनी कोई भी वस्तु नही खानी हैं. आप साबूदाना या आलू के सिंघाड़े के आटे से बनी वस्तु खा सकते हैं. इसके अलावा आप फलो का भी सेवन कर सकते हैं. जिस दिन काली माता का व्रत रखते हैं. उस दिन मांस-मदिरा का सेवन नही करना चाहिए. तथा प्याज, अदरक, लाल मिर्च और लहसुन का खाना भी वर्जित माना गया हैं. जब भी आप भोजन करे सूर्यास्त होने के बाद ही कर सकते हैं. व्रत के दिन यह सभी बातों का भी ध्यान रखना चाहिए. माला टूटने का मतलब क्या होता है | सपने में माला टूटने का मतलब काली माता का व्रत किस दिन होता हैकाली माता का व्रत आप शुक्रवार के दिन मध्यरात्रि से कर सकते हैं. निष्कर्षदोस्तों आज हमने आपको इस आर्टिकल के माध्यम से काली माता के व्रत कैसे रखे जाते हैं /काली माता के व्रत में क्या खाना चाहिए इन सबके बारे में बताया है . तथा माँ काली की संपूर्ण पूजा विधि आपको बताई हैं. इस व्रत के दौरान क्या खाना चाहिए और किन बातो का ध्यान रखना चाहिए. इसके बारे में संपूर्ण जानकरी प्रदान की हैं. अगर आप भी किसी समस्या या तंत्र विद्या से परेशान है. तो काली माता का यह व्रत करने से आपकी सभी समस्या का निवारण हो सकता हैं. स्फटिक की माला किस राशि को पहनना चाहिए | स्फटिक की माला कहां मिलेगी हम उम्मीद करते है की आपको हमारा यह आर्टिकल उपयोगी साबित हुआ होगा. अगर उपयोगी साबित हुआ है. तो आगे शेयर जरुर करे. दोस्तों हम आशा करते है की आपको हमारा यह काली माता के व्रत कैसे रखे जाते हैं / माँ काली की पूजा विधि आर्टिकल अच्छा लगा होगा. धन्यवाद क्या काली माता की मूर्ति घर में रखनी चाहिए?वास्तु शास्त्र के अनुसार, पूजा घर में कभी भी मां काली की तस्वीर नहीं रखनी चाहिए। क्योंकि मां काली दुर्गा माता का विध्वंसक रूप है जो हमेशा क्रोध रूप में होती है। मां काली की पूजा तंत्र साधना में अधिक की जाती है। इसलिए इस तरह की तस्वीर पूजा घर में नहीं रखनी चाहिए।
मां काली की पूजा घर पर कैसे करें?इस सरल विधि से करें मां काली की पूजा. घर के मंदिर में मां काली की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें।. तस्वीर पर तिलक लगाएं और पुष्प आदि अर्पित करें।. मां काली की पूजा में पुष्प लाल रंग के और कपड़े काले रंग के होने चाहिए।. आसन पर बैठकर मां काली के किसी भी मंत्र का 108 बार जप करें।. मां काली को बुलाने का मंत्र क्या है?नमः ऐं क्रीं क्रीं कालिकायै स्वाहा।
माँ काली से बात कैसे करे?- 11 या 21 शुक्रवार मां कालिका के मंदिर जाएं. - लाल आसन पर बैठकर ॐ क्रीं नमः 108 बार जपें. - क्षमा मांगते हुए अपनी क्षमता अनुसार उन्हें चुनरी, नारियल, हार-फूल चढ़ाकर प्रसाद छोटी कन्याओं में बांटें. - माता कालिका की पूजा में लाल कुमकुम, अक्षत, गुड़हल के लाल फूल और भोग में हलवे या दूध से बनी मिठाई भी अर्पण करें.
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