मां की अंतिम पूंजी कौन है? - maan kee antim poonjee kaun hai?

‘आग रोटियाँ सेंकने के लिए है
जलने के लिए नहीं’
माँ ने बेटी को सचेत करना क्यों जरूरी समझा?

Show


माँ ने बेटी को सचेत करना इसलिए जरूरी समझा है कि वह भी अनेक अन्य बहुओं की तरह किसी की आग में अपना जीवन न खो दे। उसे किसी भी अवस्था में कमजोर नहीं बनना चाहिए। उसे कष्ट देने की कोशिश करने वालों के सामने उठ कर खड़ा हो जाना चाहिए। कोमलता नारी का शाश्वत गुण है पर आज की परिस्थितियों में उसे कठोरता का पाठ अवश्य पढ़ लेना चाहिए ताकि किसी प्रकार की कठिनाई आने की स्थिति में उसका सामना कर सके।

421 Views


पाठिका थी वह धुंधले प्रकाश की
कुछ तुकों और कुछ लयबद्ध पंक्तियों की’
इन पंक्तियों को पढ़कर लड़की की जो छबि आपके सामने उभर कर आ रही है, उसे शब्दबद्ध कीजिए।


अपने माता-पिता के संस्कारों में बंधी भोली-भाली लड़की उसी रास्ते पर चलना चाहती है जो उसे बचपन से युवावस्था तक दिखाया गया है। उसने माता-पिता की छत्र-छाया में रहते हुए जीवन के दुःखों का सामना नहीं किया। वह नहीं जानती कि आज का समाज कितना बदल गया हैं। उसे दूसरों के द्वारा दी गई पीड़ाओं का कोई अहसास नहीं है। वह तो अज्ञान और अपनी छोटी के धुंधले प्रकाश में जीवन की कुछ तुकों और कुछ लयबद्‌ध पंक्तियों को पढ़ने वाली पाठिका है जो चुपचाप उन्हीं को पड़ती है।

902 Views


आपके विचार से माँ ने ऐसा क्यों कहा कि लड़की होना पर लड़की जैसी मत दिखाई देना?


माँ के इन शब्दों में लाक्षणिकता का गुण विद्‌यभाव है। नारी में ही कोमलता, सुंदरता, शालीनता, सहनशक्ति, माधुर्य, ममता आदि गुण अधिकता से होते हैं। ये गुण ही परिवार को बनाने के लिए आवश्यक होते हैं। माँ ने इसीलिए कहा है कि उसका लड़की होना आवश्यक है। उसमें आज की सामाजिक स्थितियों का सामना करने का साहस होना चाहिए। उसमें सहजता सजगता और सचेतता के गुण होने चाहिए। उसे दव्यू और डरपोक नहीं होना चाहिए। इसलिए उसे लड़की जैसी दिखाई नहीं देना चाहिए ताकि कोई सरलता उसे डरा-धमका न सके।

890 Views


‘आग रोटियाँ सेंकने के लिए है
जलने के लिए नहीं’
इन पंक्तियों में समाज में स्त्री की किस स्थिति की ओर संकेत किया गया है?


कवि ने इन पंक्तियों में समाज में विवाहिता र्स्त्रो की बस् के रूप में स्थिति की ओर संकेत किया है। वर्तमान में हमारे भारतीय समाज में दहेज प्रथा और अनैतिक संबंधों की आग बहुओं को बहुत तेजी से जला रही है। लोग दहेज के नाम पर पुत्रवधू के पिता के घर को खाली करके भी चैन नहीं पाते। वे खुले मुँह से धन माँगते हैं और धन न मिलने पर बहू से बुरा व्यवहार करते हैं, उसे मारते-पीटते हैं और अनेक बार लोभ के दैत्य के चंगुल में आ कर उसे आग में धकेल देते हैं। कवियों ने समाज में नारी की इसी स्थिति की ओर संकेत किया है जो निश्चित रूप से अति दुःखदायी है और शोचनीय है। कितना बड़ा आश्चर्य है कि वह आग कभी उस दहेज लोभियों .के घर में उनकी बेटियों को नहीं जलाती। वह सदा बहुओं को ही क्यों जलाती है?

392 Views


माँ को अपनी बेटी ‘अंतिम पूँजी’ क्यों लग रही थी?


बेटी ही तो माँ को अपनी अंतिम पूंजी लग रही थी क्योंकि वह अपने जीवन के सारे सुख-दुःख उसी के साथ ही तो बांटती थी। वही उसके सबसे निकट थी, वही उसकी साथी थी।

1201 Views


Solution : बेटी का लगाव माँ से सबसे अधिक होता है। वह उसके सबसे निकट एवं उसके सुख - दुख की साथी होती है। माँ भी अपनी बेटी को पूँजी की तरह सहेजकर पालती पोसती है। विवाह के पश्चात् यह पूँजी भी जाने वाली होती है। माँ को अपनी बेटी .अंतिम पूँजी. इसलिए लग रही है क्योंकि उसके जाने के बाद कौन उसका सुख - दुख पूछेगा एवं वह अपने मन की बात किस्से कहेगी।

Solution : माँ अपने सुख-दुख को, विशेषकर नारी जीवन के दुखों को अपनी माँ, बहन या बेटे के साथ बाँट सकती है। शादी से पहले माँ और बहनें उसकी पूँजी थीं। वह उनके साथ बातें कर सकती थी, सलाह ले-दे सकती थी। परन्तु अब उसके पास बेटी ही एक मात्र पूँजी है। कन्यादान के बाद वह भी ससुराल चली जाएगी तो वह बिल्कुल अकेली रह जाएगी।

माँ को अपनी बेटी 'अंतिम पूँजी' क्यों लग रही थी?

माँ और बेटी का सम्बन्ध मित्रतापूर्ण होता है। इनका सम्बन्ध सभी सम्बन्धों से अधिक आत्मीय होता है। माँ, बेटी के साथ अपना सुख-दु:ख बाँट लेती है। बेटी उसके खुशियों तथा उसके कष्टों का एकमात्र सहारा होती है। बेटी के चले जाने के पश्चात् माँ के जीवन में खालीपन आ जाएगा। वह बचपन से अपनी पुत्री को सँभालकर उसका पालन-पोषण एक मूल्यवान सम्पत्ति की तरह करती है। इसलिए माँ को उसकी बेटी अंतिम पूँजी लगती है।

Concept: पद्य (Poetry) (Class 10 A)

  Is there an error in this question or solution?

मां की अंतिम पूंजी कौन है? - maan kee antim poonjee kaun hai?

मां की अंतिम पूंजी कौन है? - maan kee antim poonjee kaun hai?

Question

माँ को अपनी बेटी'अंतिम पूँजी' क्यों लग रही थी?

Open in App

Solution

माँ और बेटी का सम्बन्ध मित्रतापूर्ण होता है। इनका सम्बन्ध सभी सम्बन्धों से अधिक आत्मीय होता है। माँ, बेटी के साथ अपना सुख-दु:ख बाँट लेती है। बेटी उसके खुशियों तथा उसके कष्टों का एकमात्र सहारा होती है। बेटी के चले जाने के पश्चात् माँ के जीवन में खालीपन आ जाएगा। वह बचपन से अपनी पुत्री को सँभालकर उसका पालन-पोषण एक मूल्यवान सम्पत्ति की तरह करती है। इसलिए माँ को उसकी बेटी अंतिम पूँजी लगती है।

Solve

Textbooks

Question Papers

Install app

मां की अंतिम पूँजी कौन है?

बेटी के चले जाने के पश्चात् माँ के जीवन में खालीपन आ जाएगा। वह बचपन से अपनी पुत्री को सँभालकर उसका पालन-पोषण एक मूल्यवान सम्पत्ति की तरह करती है। इसलिए माँ को उसकी बेटी अंतिम पूँजी लगती है।

मां ने अपनी बेटी को क्या सीख दी?

माँ ने बेटी को सीख दी थी कि वह केवल सुंदरता पर ही नहीं रीझे बल्कि अपने वातावरण के प्रति भी सचेत रहे। जिस पानी में झांककर उसे अपनी परछाई दिखाई देती है उसकी गहराई को भी वह भली-भांति जान लें। कहीं वही उसके लिए जानलेवा सिद्ध न हो जाए। वह उस आग की तपन का भी ध्यान रखे जो रोटी पकाने में काम आती है।

माँ ने बेटी को क्या क्या सीख दी Class 10?

Solution : माँ ने बेटी को निम्नलिखित सीख दी <br> (1) कभी अपनी सुंदरता और उसकी प्रशांसा पर न रीझना । <br> (2) घर-गृहस्थी के सामान्य कार्य तो करना, किन्तु अत्याचार न सहना । <br> (3) कपड़ों और गहनों के बदले अपनी आजादी न बेचना, अपना व्यक्तित्व न खोना ।

कन्यादान कविता में बेटी का अंततम पंजी क्यों कहा गया है?

क्योकि पुत्री माँ के सबसे निकट थी। वह अपने सुख दुख की बातें उसके साथ ही करती थीं। विवाह से पहले वह अपनी माँ से सुख दुख की बातें करती थीं किन्तु अब बेटी के साथ बाटती है। अतः बेटी का जाना माँ के लिए 'अंतिम पूंजी' के समान है