नक्सलवाद का अर्थ क्या होता है? - naksalavaad ka arth kya hota hai?

नक्सलवाद का अर्थ क्या होता है? - naksalavaad ka arth kya hota hai?

चित्र:India map yasNaxal Left-wing violence or activity affected districts 2013.SVG

नक्सलवाद से प्रभावित भारतीय क्षेत्र - २००७ में (बाएँ) तथा सन २०१३ में (दाएँ)

राजनीति
पर एक शृंखला का हिस्सा
नक्सलवाद का अर्थ क्या होता है? - naksalavaad ka arth kya hota hai?

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नक्सलवाद साम्यवादी क्रान्तिकारियों के उस आन्दोलन का अनौपचारिक नाम है जो भारतीय कम्युनिस्ट आन्दोलन के फलस्वरूप उत्पन्न हुआ। नक्सल शब्द की उत्पत्ति पश्चिम बंगाल के छोटे से गाँव नक्सलबाड़ी से हुई है जहाँ भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी के नेता चारू मजूमदार और कानू सान्याल ने 1967 मे सत्ता के विरुद्ध एक सशस्त्र आन्दोलन का आरम्भ किया । मजूमदार चीन के कम्यूनिस्ट नेता माओत्से तुंग के बहुत बड़े प्रशंसकों में से थे और उनका मानना था कि भारतीय श्रमिकों एवं किसानों की दुर्दशा के लिये सरकारी नीतियाँ उत्तरदायी हैं जिसके कारण उच्च वर्गों का शासन तन्त्र और फलस्वरुप कृषितन्त्र पर वर्चस्व स्थापित हो गया है। इस न्यायहीन दमनकारी वर्चस्व को केवल सशस्त्र क्रान्ति से ही समाप्त किया जा सकता है। 1967 में "नक्सलवादियों" ने कम्युनिस्ट क्रान्तिकारियों की एक अखिल भारतीय समन्वय समिति बनाई। इन विद्रोहियों ने औपचारिक रूप से स्वयं को भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी से अलग कर लिया और सरकार के विरुद्ध भूमिगत होकर सशस्त्र लड़ाई छेड़ दी। 1971 के आंतरिक विद्रोह (जिसके अगुआ सत्यनारायण सिंह थे) और मजूमदार की मृत्यु के बाद यह आंदोलन एकाधिक शाखाओं में विभक्त होकर कदाचित अपने लक्ष्य और विचारधारा से विचलित हो गया। फरवरी 2019 तक, 11 राज्यों के 90 जिले वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित हैं।सन्दर्भ त्रुटि: <ref> टैग के लिए समाप्ति </ref> टैग नहीं मिलाऔर डर के मारे सभी कम्पनियाँ बिना ना-नुकर किए देती हैं। नक्सली संगठन मादक दवाओं (ड्रग्स) का भी व्यापार करते हैं। नक्सलियों को मिलने वाला लगभग ४०% फण्ड नशे के व्यापार से ही आता है। [1]

अनुक्रम

  • 1 नक्सलियों के विरुद्ध चलाएँ गए प्रमुख अभियान
    • 1.1 स्टीपेलचेस अभियान
    • 1.2 ग्रीनहंट अभियान
    • 1.3 प्रहार
  • 2 सन्दर्भ
  • 3 इन्हें भी देखें
  • 4 बाहरी कडियाँ

नक्सलियों के विरुद्ध चलाएँ गए प्रमुख अभियान[संपादित करें]

स्टीपेलचेस अभियान[संपादित करें]

यह अभियान वर्ष 1971 में चलाया गया। इस अभियान में भारतीय सेना तथा राज्य पुलिस ने भाग लिया था। अभियान के दौरान लगभग 20,000 नक्सली मारे गए थे।

ग्रीनहंट अभियान[संपादित करें]

यह अभियान वर्ष 2009 में चलाया गया। नक्सल विरोधी अभियान को यह नाम मीडिया द्वारा प्रदान किया गया था। इस अभियान में पैरामिलेट्री बल तथा राष्ट्र पुलिस ने भाग लिया। यह अभियान छत्तीसगढ़, झारखंड, आंध्र प्रदेश तथा महाराष्ट्र में चलाया गया।

प्रहार[संपादित करें]

3 जून, 2017 को छत्तीसगढ़ राज्य के सुकमा जिले में सुरक्षा बलों द्वारा अब तक के सबसे बड़े नक्सल विरोधी अभियान ‘प्रहार’ को प्रारंभ किया गया। सुरक्षा बलों द्वारा नक्सलियों के चिंतागुफा में छिपे होने की सूचना मिलने के पश्चात इस अभियान को चलाया गया था। इस अभियान में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के कोबरा कमांडो, छत्तीसगढ़ पुलिस, डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड तथा इंडियन एयरफोर्स के एंटी नक्सल टास्क फोर्स ने भाग लिया। यह अभियान चिंतागुफा पुलिस स्टेशन के क्षेत्र के अंदर स्थित चिंतागुफा जंगल में चलाया गया जिसे नक्सलियों का गढ़ माना जाता है। इस अभियान में 3 जवान शहीद हो गए तथा कई अन्य घायल हुए। अभियान के दौरान 15 से 20 नक्सलियों के मारे जाने की सूचना सुरक्षा बल के अधिकारी द्वारा दी गई। खराब मौसम के कारण 25 जून, 2017 को इस अभियान को समाप्त किया गया।

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. Prakash, Om (2015). "UC Berkeley Library Proxy Login". Proceedings of the Indian History Congress. 76: 900–907. JSTOR 44156660.

इन्हें भी देखें[संपादित करें]

  • मार्क्सवाद-लेनिनवाद
  • नक्सलबाड़ी
  • पश्चिम बंगाल
  • भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी

बाहरी कडियाँ[संपादित करें]

  • नक्सलवाद की खबरें नक्सलवाद का सच पढ़ें सिर्फ सच पर
  • नक्सलवाद
  • नक्सलवाद पर आलेख सरकार को चुनौती देते नक्सली
  • बस्तर में नक्सली हिंसा
  • नक्सलवाद के निदान का तरीका ठीक नहीं
  • नक्सलवाद का विकृत चेहराः एक आलेख
  • नक्सलवाद - नक्सलवाद पर लेखों का संग्रह

नक्सलवाद का मतलब क्या होता है?

सत्ता के खिलाफ भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी के नेता चारू मजूमदार और कानू सान्याल के सशस्त्र आंदोलन का नाम है नक्सलवाद। ये आंदोलन 1967 में पश्चिम बंगाल के गांव नक्सलबाड़ी से शुरू हुआ था।

नक्सलवाद कब शुरू हुआ?

नक्सलवाद का जन्म 1967 की वसंत ऋतु में नक्सलबाड़ी विद्रोह के कारण हुआ है। नक्सलबाड़ी, वह गाँव जिसने आंदोलन को अपना नाम दिया, एक किसान विद्रोह का स्थल था, जिसे कम्युनिस्ट नेताओं ने राज्य के भूमि मालिकों (जमींदारों) के विरुद्ध भड़काया था।

नक्सली कैसे बनते हैं?

आखिर नक्सली कैसे बनते हैं? नक्सलियों की राजधानी है जमुई, जहां कम उम्र के बच्चों को कड़ी ट्रेनिंग के बाद बड़ी जिम्मेंदारी सौंपी जाती है। भौगोलिक बनावट ऐसी है कि यदि सुरक्षा बल यहां के गांवों तक पहुंचना चाहें तो उन्हें सात-आठ दिन लग जाते हैं। यानी नक्सलियों के लिए आदर्श जगह।

बिहार में नक्सली जिला कौन सा है?

नक्सल प्रभावित जिलों को ही इसमें रखा जाता है। नए सिरे से वर्गीकरण के बाद अब 10 जिले रोहतास, कैमूर, औरंगाबाद, गया, नवादा, लखीसराय, जमुई, बांका, मुंगेर और प. चंपारण ही नक्सल प्रभावित क्षेत्र रह गए हैं। पहले 7 जिलों पटना, शिवहर, सीतामढ़ी, भोजपुर, बगहा, खगड़िया और बेगूसराय को नक्सल मुक्त घोषित किया गया था।