पेशाब की थैली में पथरी कैसे निकाले? - peshaab kee thailee mein patharee kaise nikaale?

पटपड़गंज स्थित मैेक्स हॉस्पिटल और किडनी केयर क्लिनिक के यूरोलॉजिस्ट डॉक्टर मयंक गुप्ता बताते हैं कि कई बार विभिन्न वजहों से पेशाब में खनिज और लवणों की अधिकता हो जाती है। जिसके परिणामस्वरूप मूत्र मार्ग में पथरी बन जाती है। यूरिनरी ट्रैक्स में पथरी किसी को कभी भी और कहीं भी हो सकती है। डॉक्टर का कहना है कि कुछ मामलों में मूत्र मार्ग में पथरी स्थिर रहती है। वहीं, कुछ मामलों में पथरी मूत्र मार्ग के इधर-उधर घूमती है, जिसके कारण शरीर में इसके अलग-अलग लक्षण दिखते हैं। पेशाब की थैली में पथरी को ब्लैडर कैलकुली के नाम से भी जाना जाता है। यह समस्या महिलाओं की तुलना में पुरुषों को अधिक होती है। शरीर में पोषण की कमी और डिहाइड्रेशन की वजह से यह समस्या ज्यादा हो सकती है। 

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पेशाब की थैली में पथरी के कारण (Bladder Stones causes)

डॉक्टर बताते हैं कि कुछ शारीरिक बीमारी, संक्रमण और शरीर में पोषण की कमी के कारण पेशाब की थैली में पथरी की समस्या हो सकती है। चलिए जानते हैं पेशाब की थैली में पथरी के कारण क्या हैं?

प्रोस्टेट का बढ़ना

प्रोस्टेट ग्रंथि बढ़ने की वजह से मूत्राशय के आउटलेट में रुकावट उत्पन्न हो सकती है। युवा पुरुषों में यह सबसे सामान्य और आम कारणों में से एक है। प्रोस्टेट बढ़ने के कारण पेशाब की नली में रुकावट उत्पन्न होती है। जिसकी वजह से उस स्थान पर खनिज, लवण तथा अन्य दूषित कण जमा होने लगते हैं। ऐसी स्थिति में पथरी बनना स्वभाविक हो जाता है।

संक्रमण

मूत्र मार्ग में संक्रमण फैलने के कारण पेशाब की थैली में पथरी हो सकती है। दरअसल, संक्रमण के कारण मूत्र मार्ग में सूजन होने लगती है। जिसके कारण पथरी होने की संभावना बढ़ जाती है। 

डिहाइड्रेशन

शरीर में पोषण की कमी और डिहाइड्रेशन के कारण भी पेशाब की थैली में पथरी हो सकती है। 

न्यूरोजेनिक ब्लैडर

तंत्रिका तंत्र, मस्तिष्क या फिर रीढ़ की हड्डी में किसी तरह की समस्या या चोट लगने की वजह से कई बार व्यक्ति मूत्राशय पर अपना नियंत्रण खो देता है। ऐसी स्थिति में यूरीन में ठहराव हो सकती है। जिसके कारण व्यक्ति के पेशाब की थैली में पथरी की समस्या हो सकती है। 

किडनी स्टोन

कुछ मामलों में अगर किसी व्यक्ति की किडनी में पथरी हो जाए, तो पेशाब की थैली में पथरी होने की संभावना हो जाती है। लेकिन इसका यह मतलब बिल्कुल नहीं है कि यह सभी मामलों में लागू हो।

पेशाब की थैली में पथरी कैसे निकाले? - peshaab kee thailee mein patharee kaise nikaale?

इन कारणों के अलावा कई अन्य कारणों से भी पेशाब की थैली में पथरी हो सकती है। इसलिए अगर आपको किसी भी तरह का लक्षण महसूस हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। 

पेशाब की थैली में पथरी के लक्षण दिखे, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करेँ। शरीर में होने वाले किसी भी तरह के बदलाव को नजरअंदाज न करें। इससे आपकी समस्या बढ़ सकती है।   मूत्राशय में छोटे-छोटे पत्थर बनने पर उन्हें मूत्राशय की पथरी (bladder stones) कहते हैं। ये मूत्राशय की दीवार पर परेशानी पैदा कर, मूत्राशय से मूत्र के प्रवाह को बाधित कर सकते हैं।इसके निम्न लक्षण हो सकते हैं:पेट के निचले हिस्से में दर्द, जो अक्सर तेज़ हो सकता है।मूत्र (Urine) के सामान्य तरीके में बदलाव, जैसे कि अधिक बार पेशाब के लिए जाना या रात में पेशाब जाने की ज़रूरत महसूस होने पर उठकर जाना।पेशाब में दर्द होनामूत्राशय की पथरी (bladder stones) के लक्षणों के बारे में और पढ़ेंडॉक्टर को कब दिखाना चाहिए? (When to see your doctor)

अगर आपको ऊपर दिए गए लक्षणों में से कोई लक्षण महसूस होता है तो आपको डॉक्टर से सम्पर्क करने की सलाह दी जाती है। ये सभी लक्षण मूत्राशय की पथरी की वजह से हो, ऐसा जरूरी नहीं है लेकिन इनमें आगे की जांच की जरूरत होगी।

ब्लैडर स्टोन्स क्यों होते हैं? (Why bladder stones happen)

ब्लैडर स्टोन्स की सबसे आम वजह किसी इंसान का पूरी तरह से अपने मूत्राशय से मूत्र खाली कर पाने में असक्षम होना है।

जब मूत्र लम्बे समय तक मूत्राशय में रहता है, तो मूत्र में मौजूद रसायन, क्रिस्टल बनने लगते हैं जो एक साथ आकर कठोर हो मूत्राशय की पथरी (bladder stones) बना लेते हैं।

जिन वजहों से कोई व्यक्ति अपना मूत्राशय खाली नहीं कर पाता है, उनमें शामिल है:

  • पुरुषों में जो मूत्राशय से मूत्र के प्रवाह को रोकने के कारण बनती है
  • रीढ़ की कोई चोट जो मूत्राशय को नियंत्रित करने वाली नसों को नुकसान पहुँचाती है
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खराब खान-पान भी मूत्राशय की पथरी (bladder stones) के बनने में योगदान दे सकता है। पोषक तत्वों की कमी वाले आहार से मूत्र के रासायनिक संगठन को बदला जा सकता है, जिससे पथरी बनने की संभावना बढ़ जाती है।

बहुत सारे ताज़े फल और सब्जियों (दिन में कम से कम पांच बार) और साबुत अनाज के साथ कम वसा वाले, उच्च फाइबर आहार की सलाह दी जाती है।

इलाज (Treatment)

मूत्राशय से पथरी को निकालने के लिए आमतौर पर सर्जरी की जरूरत होती है। सबसे आम प्रक्रिया सिस्टोलिथोलैपैक्सी (cystolitholapaxy) है जिसमें पथरियों को बाहर निकालने से पहले उन्हें छोटे लेज़र से टुकड़ों में तोड़ दिया जाता है।

मूत्राशय की पथरी के बुनियादी कारणों का इलाज करना (जहां सम्भव हो) भी ज़रूरी है ताकि भविष्य में नई पथरी बनने से रोका जा सके।

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कौन प्रभावित होता है? (Who is affected)

प्रोस्टेट ग्रंथि में वृद्धि (prostate enlargement) से बढ़ाव की वजह से मूत्राशय की पथरी के अधिकांश मामले 50 की उम्र के पुरुषों में होते हैं।

मूत्राशय की पथरी बच्चों में भी असर कर सकती हैं लेकिन ये बहुत कम आम है और हर साल लगभग 20 से 40 ही ऐसे मामले सामने आते हैं।

ब्लैडर स्टोन्स के लक्षण (Symptoms of bladder stones)

कुछ मामलों में ब्लैडर स्टोन्स (मूत्राशय की पथरी) के कोई लक्षण दिखाई नहीं देते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि वे इतने छोटे होते हैं कि पेशाब करते हुए मूत्राशय से निकल जाते हैं।

हालांकि, ब्लैडर स्टोन्स के अधिकांश मामलों में लोगों को लक्षण महसूस होते हैं, क्योंकि ये पथरी या तो मूत्राशय की दीवार पर परेशानी पैदा करती है या मूत्राशय से मूत्र के सामान्य प्रवाह को रोक कर देती है।

ब्लैडर स्टोन्स के लक्षणों में शामिल है:

  • पेट के निचले हिस्से में दर्द
  • पुरुषों में, लिंग और वृषण कोष में दर्द
  • पीठ, नितंब और कूल्हे के आस-पास दर्द, जो चलते या व्यायाम करते हुए और अधिक हो सकता है (पुरुषों और महिलाओं दोनों में)
  • पेशाब करते वक्त दर्द
  • रूक-रूक कर पेशाब आना
  • सामान्य से अधिक पेशाब जाने की ज़रूरत पड़ना
  • रात में पेशाब लगने पर जग कर पेशाब जाना
  • पेशाब करने में कठिनाई होना

बच्चों में कुछ और भी लक्षण हो सकते हैं जैसे:

  • लड़कों में लगातार और दर्द के साथ इरेक्शन होना जो यौन इच्छा से संबंधित नहीं है (मेडिकल टर्म में इसे कहा जाता है)

डॉक्टरी सलाह कब लें? (When to seek medical advice)

अगर आपको निम्न लक्षणों में से किसी एक का अनुभव होता है, तो आपको ज़रूर इस बात की सलाह दी जाती है कि आप अपने डॉक्टर से संपर्क करें:

  • लगातार होने वाला पेट में दर्द
  • आपके पेशाब के सामान्य तरीके में बदलाव
  • पेशाब में खून आना

ये सभी लक्षण मूत्राशय की पथरी की वजह से हो, ऐसा जरूरी नहीं है लेकिन इनमें आगे की जांच की जरूरत होगी।

ब्लैडर स्टोन्स (मूत्राशय की पथरी) के कारण क्या होते हैं?

ब्लैडर स्टोन्स की सबसे आम वजह है जब कोई इंसान पूरी तरह से अपने मूत्राशय से मूत्र खाली नहीं कर पाता है।

मूत्र आपके गुर्दे द्वारा निर्मित होता है यह किडनी द्वारा आपके खून से निकाले गए अपशिष्ट उत्पादों के साथ पानी के मिश्रण से बना होता है।

यदि मूत्र को आपके मूत्राशय में रहने दिया जाता है, तो यूरिया में रसायन एक साथ चिपकना शुरू हो जाएगा और क्रिस्टल बन जाएगा। समय के साथ, क्रिस्टल कठोर होना शुरू हो जाएंगे और मूत्राशय के पत्थरों का निर्माण करेंगे

कुछ आम वजहें जिनके चलते लोग अपना मूत्राशय पूरी तरह से खाली नहीं कर पाते हैं, नीचे बताए गए हैं -

प्रोस्टेट ग्रंथि में वृद्धि (prostate enlargement)

प्रोस्टेट एक छोटी ग्रंथि है जो केवल पुरुषों में पाई जाती है। यह लिंग और मूत्राशय के बीच, पेल्विस के पीछे स्थित होता है और मूत्रमार्ग को घेरता है। मूत्रमार्ग वह ट्यूब है जो मूत्राशय से लिंग के अंत तक और शरीर से बाहर पेशाब ले जाता है।

प्रोस्टेट का मुख्य काम वीर्य के उत्पादन में मदद करना है। कई पुरुषों में, उनकी उम्र बढ़ने पर प्रोस्टेट बढ़ जाता है।

50 की उम्र से अधिक के लगभग एक तिहाई पुरुषों में प्रोस्टेट ग्लैंड मूत्रमार्ग पर दबाव डालता है और मूत्राशय से मूत्र के सामान्य प्रवाह में अवरोध पैदा करता है।

इलाज के साथ बढ़ी हुई प्रोस्टेट ग्लैंड वाले पुरुषों में मूत्राशय में पथरी बनना असामान्य है। हालांकि, कम संख्या में पुरुषों में जो इलाज पर प्रतिक्रिया देने में विफल रहते हैं, उनमें मूत्राशय में पथरियां बनने का खतरा ज्यादा रहता है।

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न्यूरोजेनिक ब्लैडर (neurogenic bladder)

न्यूरोजेनिक ब्लैडर वह स्थिति है जब मूत्राशय को कंट्रोल करने वाली नस क्षतिग्रस्त हो जाती है, जिसका मतलब वो इंसान अपने मूत्राशय को पूरी तरह से खाली करने में असमर्थ होता है।

न्यूरोजेनिक ब्लैडर (neurogenic bladder) इन बातों का परिणाम हो सकती है-

  • आपकी रीढ़ के कॉलम में गंभीर चोट (नसों का एक लंबा बैंड जो मस्तिष्क से रीढ़ के केन्द्र से नीचे तक काम करती है), जिसके परिणाम के रूप में कुछ हद तक (paralysis) हो सकती है।
  • ऐसी स्थितियां जो तंत्रिका तंत्र को नुकसान पहुंचाती है, जैसे या

न्यूरोजेनिक ब्लैडर (neurogenic bladder) वाले अधिकांश लोगों को अपने मूत्राशय को खाली करने के लिए कैथेटर की जरूरत होती है। कैथेटर एक ट्यूब है जो मूत्रमार्ग में डाली जाती है और मूत्राशय में ऊपर की तरफ की जाती है। मूत्राशय से मूत्र कैथेटर के जरिए निकाला जाता है। इसे

कहते हैं।

हालांकि एक कैथेटर (catheter), जब पूरी तरह से प्रभावी है, तो ये सामान्य रूप से मूत्राशय को नियंत्रित करने का सही विकल्प नहीं है और अक्सर मूत्राशय में मूत्र का कुछ हिस्सा छोड़ देता है। ये मूत्राशय में पथरी बना सकता है।

ऐसा अनुमान है कि 10 में से 1 इंसान जिसे न्यूरोजेनिक ब्लैडर (neurogenic bladder) है, उनमें जीवन में एक बार पर मूत्राशय की पथरी (bladder stones) का विकास होगा।

सिस्टोसेल (cystocele)

सिस्टोसेल एक स्थिति है जो महिलाओं को प्रभावित करती है और तब विकसित होती है, जब मूत्राशय की दीवार कमजोर हो जाती है और वजाइना पर गिरना शुरू करती है। ये मूत्राशय से मूत्र के सामान्य प्रवाह पर असर डाल सकती है।

सिस्टोसेल (cystocele) लंबे वक्त तक रहने वाले अत्यधिक दबाव, बच्चे के जन्म, क्रोनिक कब्ज या भारी सामान उठाने की स्थिति में विकसित हो सकता है।

ब्लैडर डायवर्टिकुला (bladder diverticula)

ब्लैडर डायवर्टिकुला (bladder diverticula) थैली के आकार की होती हैं जो ब्लैडर की दीवार पर विकसित होती हैं। अगर ये एक निश्चित आकार से ज्यादा बढ़ जाती हैं तो इंसान के लिए उसके मूत्राशय को खाली करना मुश्किल हो जाता है।

ब्लैडर डायवर्टिकुला (bladder diverticula) जन्म से मौजूद हो सकता है या किसी इंफेक्शन के जटिल होने पर या प्रोस्टेट वृद्धि से हो सकता है।

मूत्राशय वृद्धि सर्जरी (Bladder augmentation surgery)

एक प्रकार की सर्जरी जिसे मूत्राशय वृद्धि सर्जरी (Bladder augmentation surgery) कहा जाता है, इसमें आंत का एक टुकड़ा हटाकर, मूत्राशय में जोड़कर उसे बड़ा बनाया जाता है।

इसका उपयोग एक प्रकार के

का इलाज करने में हो सकता है, जिसे अर्ज इंकॉन्टीनेंस (urge incontinence) के नाम से जाना जाता है।

शोध इस बात की सलाह देते हैं कि 20 में से 1 इंसान जो इस तरह की सर्जरी से गुज़रते हैं, उनमें ब्लैडर स्टोन्स (bladder stones) होते हैं।

डाइट (Diet)

एक आहार जो वसा, चीनी या नमक में अधिक होता है, लेकिन विटामिन ए और विटामिन बी में कम होता है, मूत्राशय की पथरी के जोखिम को बढ़ा सकता है, खासकर अगर किसी व्यक्ति को पीने के लिए पर्याप्त पीने की चीज़ें ना मिल रही हो।

ये तीनों कारण मूत्र की रासायनिक संरचना में परिवर्तन कर, मूत्राशय की पथरी के निर्माण की अधिक संभावना पैदा करते हैं।

गुर्दे- गुर्दे पेट के पीछे स्थित बीन के आकार के अंगों की एक जोड़ी है, जो रक्त से अपशिष्ट और अतिरिक्त तरल पदार्थ को मूत्र के रूप में शरीर से बाहर निकालते हैं।

मूत्राशय की पथरी का निदान (Diagnosing bladder stones)

अगर आपके डॉक्टर को इस बात का संदेह है कि आपको (ब्लैडर स्टोन) मूत्राशय की पथरी है तो आपको परीक्षण के लिए अस्पताल भेजेंगे।

यह संभावना है कि आपको रक्त और मूत्र का परीक्षण करवाना होगा। खून की जांच से इस बात का पता चलेगा कि आपके मूत्राशय में कोई इंफेक्शन है या नहीं।

यदि आपका मूत्र परीक्षण असामान्य रूप से उच्च एसिड स्तर दिखाता है, तो यह एक संकेत हो सकता है कि आपके मूत्राशय के अंदर, मूत्राशय की पथरी बन गई है।

अगले चरण में आपको मूत्राशय का एक्स-रे (x ray) करवाना होगा। सभी प्रकार की मूत्राशय की पथरी साफतौर पर एक्स-रे में दिखाई नहीं देती है, इसलिए एक नेगिटिव एक्स-रे का मतलब हमेशा ये नहीं होता है कि आपको मूत्राशय की पथरी( bladder stones) नहीं है।

इसलिए, एक्स-रे के बाद आमतौर पर एक और टेस्ट किया जाता है जिसे

कहते हैं।

सीटी स्कैन में, कई बार एक्स-रे किए जाते हैं। इसके बाद ये कम्प्यूटर के जरिए असेंबल कर आपके गुर्दों और आस-पास के ऊतकों की अधिक विस्तृत पिक्चर बनाई जाती है।

एक सीटी स्कैन आमतौर पर उच्च सटीकता के साथ पथरियों का पता लगा सकता है।

मूत्राशय में असामान्यताएं एक सिस्टोस्कोपी का उपयोग करके भी पहचानी जा सकती हैं। इस प्रक्रिया में, सिस्टोस्कोप नामक एक पतली, खोखली देखने की नली को आपके मूत्राशय के अंदर देखने के लिए आपके मूत्रमार्ग में (लिंग या योनि में खुलने वाला भाग जिससे आप पेशाब करते हैं) डाला जाता है।

रक्त शरीर को ऑक्सीजन की आपूर्ति करता है और कार्बन डाइऑक्साइड को हटाता है। ये हृदय द्वारा शरीर के चारों ओर पंप किया जाता है।

सिस्टोस्कोपी (cystoscopy) वो प्रक्रिया है जिसमें मूत्राशय के अंदर देखने के लिए, लाइट और छोटे टेलीस्कोप (सिस्टोस्कोप) के साथ एक पतले उपकरण को मूत्रमार्ग के अंदर डाला जाता है।

अंतर्शिरा (IV) का अर्थ है रक्तप्रवाह में शिरा के माध्यम से रक्त, दवाओं या तरल पदार्थों का इंजेक्शन।

मूत्रमार्ग एक ट्यूब है जो मूत्राशय से मूत्र को शरीर के बाहर तक ले जाता है।

शिराएं, रक्त वाहिकाएं होती हैं जो शरीर के बाकी हिस्सों से रक्त को हृदय तक ले जाती हैं।

विकिरणों का उपयोग कर, शरीर के अंदर की तस्वीरों को बनाने के दर्द रहित तरीके को एक्स-रे कहते हैं।

मूत्राशय की पथरी का इलाज (Treating bladder stones)

बहुत अधिक पानी (लगभग 1.2 लीटर या 6-8 गिलास एक दिन) पीने से मूत्राशय की पथरी को आपके मूत्राशय से बाहर निकालना संभव हो सकता है।

लेकिन क्योंकि मूत्राशय की पथरी वाले अधिकांश लोगों में मूत्राशय से मूत्र को पूरी तरह से खाली करने में समस्या होती है, इसलिए ये संभावना नहीं है कि इस तरीके से पथरी बाहर निकल जाए।

सर्जरी (Surgery)

मूत्राशय की पथरी वाले लगभग सभी लोगों में किसी ना किसी प्रकार की सर्जरी की जरूरत होगी। मूत्राशय की पथरी के लिए भिन्न प्रकार की सर्जरी की लिस्ट दी गई है:

ट्रांसयुरथ्रल सिस्टोलिथोलैपैक्सी (Transurethral cystolitholapaxy)

मूत्राशय की पथरियों का इलाज करने के लिए वयस्कों में सबसे व्यापक रूप से इस्तेमाल किए जाने वाले तरीके को ट्रांसयुरथ्रल सिस्टोलिथोलैपैक्सी (Transurethral cystolitholapaxy) के नाम से जाना जाता है।

ट्रांसयुरथ्रल सिस्टोलिथोलैपैक्सी (Transurethral cystolitholapaxy) में सर्जन एक छोटी लचीली ट्यूब जिसके एंड पर कैमरा (एक सिस्टोस्कोप) पर होता है, उसे आपके मूत्रमार्ग में और फिर ऊपर की ओर आपके मूत्राशय में डालेगा।

कैमरे का उपयोग किसी भी पथरी का पता लगाने के लिए किया जाता है। लेज़र या अल्ट्रासाउंड तरंगों को सिस्टोस्कोप से भेजा जाता है। ये पथरियों को छोटे टुकड़ों में तोड़ देते हैं, जो आपके मूत्राशय से फ्लूड्स के साथ बाहर निकल जाते हैं।

ट्रांसयुरथ्रल सिस्टोलिथोलैपैक्सी (Transurethral cystolitholapaxy) लोकल एनेस्थेटिक के प्रभाव में की जाती है इसलिए इसमें दर्द नहीं होता है।

सिस्टोलिथोलैपैक्सी (cystolitholapaxy) में संक्रमण के विकसित होने का खतरा रहता है इसलिए एहतियात के तौर पर आपको एंटीबायोटिक दी जा सकती है।

Percutaneous Suprapubic Cystolitholapaxy

चूँकि बच्चों का मूत्रमार्ग, वयस्कों की अपेक्षा छोटा होता है इसलिए सिस्टोलिथोलैपैक्सी (cystolitholapaxy) प्रक्रिया का इस्तेमाल करने से बच्चों में मूत्रमार्ग को चोट पहुंचने का काफी खतरा रहता है। इसलिए बच्चों में percutaneous suprapubic cystolitholapaxy प्रक्रिया का उपयोग किया जाता है।

जब स्टोन्स बहुत बड़े होते हैं, तो percutaneous suprapubic cystolitholapaxy का इस्तेमाल कभी कभी वयस्कों में भी किया जाता है।

प्रक्रिया के दौरान सर्जन जननांगों के ठीक ऊपर, त्वचा में एक छोटा सा चीरा लगाता है। मूत्राशय में एक और चीरा लगाया जाता है और फिर स्टोन्स हटा दिए जाते हैं।

percutaneous suprapubic cystolitholapaxy लोकल या सामान्य एनेस्थेटिक के प्रभाव में की जा सकती है। छोटे बच्चे सर्जरी के दौरान जागते हुए डर सकते हैं इसलिए

को चुना जाता है।

ओपन सिस्टोस्टॉमी (Open cystostomy)

ओपन सिस्टोस्टॉमी (open cystostomy), percutaneous suprapubic cystolitholapaxy के जैसी ही प्रक्रिया है। अंतर सिर्फ इतना है कि इसमें पेट और मूत्राशय में काफी बड़ा चीरा लगाया जाता है।

ओपन सिस्टोस्टॉमी (open cystostomy) का इस्तेमाल मुख्य रूप से पुरुषों में किया जाता है जिनमें प्रोस्टेट वृद्धि अधिक हो गयी है और वो दूसरी प्रक्रियाओं को बाधित कर रही है।

वैकल्पिक रूप से, ओपन सिस्टोस्टॉमी (open cystostomy) अन्य प्रकार की सर्जरी के साथ जोड़ा जा सकता है जैसे प्रोस्टेट या मूत्राशय डायवर्टिकुला की कुछ या सभी सर्जरी (मूत्राशय के अस्तर में विकसित थैलियां)।

ओपन सिस्टोस्टॉमी (open cystostomy) की प्रक्रिया सामान्य एनैस्थेटिक के प्रभाव में की जाती है।

ओपन सिस्टोस्टॉमी (open cystostomy) का नुकसान ये है कि इसमें ऑपरेशन के बाद दर्द अधिक होता है और ठीक होने में अधिक समय लगता है।

सर्जरी की जटिलताएं (Complications of surgery)

मूत्राशय की पथरी के लिए की जाने वाली सर्जरी की सबसे आम जटिलता मूत्राशय या मूत्रमार्ग का संक्रमण है। इन्हें एकत्र रूप से

या यूटीआई के रूप में जाना जाता है।

जिन लोगों की मूत्राशय की सर्जरी की जाती है, उनमें 10 में से 1 को यूटीआई (UTIS) प्रभावित करती है, जिसे सामान्य रूप से एंटीबायोटिक से ठीक किया जा सकता है।

रिकवरी और फॉलोअप (Recovery and follow-up)

अगर आपको ट्रांसयुरथ्रल सिस्टोलिथोलैपैक्सी (Transurethral cystolitholapaxy) या percutaneous suprapubic cystolitholapaxy है, तो एनेस्थेटिक का प्रभाव खत्म होते ही आप आमतौर पर घर जा पाएंगे।

ओपन सिस्टोस्टॉमी (open cystostomy) में आपको घर जाने के लिए ठीक होने में कुछ दिन लग सकते हैं।

संभव है कि आपको फॉलो अप अपॉइंटमेंट लेने के लिए कहा जाएगा जहां एक्स-रे या सीटी स्कैन का उपयोग यह जाँचने के लिए किया जा सकता है कि मूत्राशय की पथरियों के सभी टुकड़े आपके मूत्राशय से हटा दिए गए हैं।

बुनियादी कारण का इलाज (Treating the underlying cause)

एक बार ब्लैडर स्टोन्स निकलवाने के बाद ये ज़रूरी है कि बुनियादी कारणों का इलाज किया जाए ताकि दोबारा ब्लैडर में स्टोन ना बने।

प्रोस्टेट वृद्धि (Prostate enlargement)

प्रोस्टेट वृद्धि (Prostate enlargement) को दवा से ठीक किया जा सकता है, जो दोनों कामों में, प्रोस्टेट के आकार को कम करने और मूत्राशय को आराम करने में मदद कर सकता है, जिससे यूरिन पास करना आसान हो जाता है।

अगर दवाइयों से काम नहीं होता है तो प्रोस्टेट के कुछ हिस्से या पूरे को निकालने के लिए सर्जरी की जरूरत हो सकती है।

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न्यूरोजेनिक ब्लैडर (neurogenic bladder)

अगर आपको न्यूरोजेनिक ब्लैडर (neurogenic bladder) है (तंत्रिका क्षति के कारण मूत्राशय को नियंत्रित करने में असमर्थता) और मूत्राशय की पथरी विकसित हो जाती है, तो अक्सर ये इस बात का संकेत होता है कि जिस तरह आप अपने मूत्राशय को खाली कर रहे हैं उसमें बदलाव की ज़रूरत है। आपको अपने कैथेटर को फिट करने के लिए और प्रशिक्षण की आवश्यकता हो सकती है या आपको अपने द्वारा उपयोग किए जा रहे कैथेटर के प्रकार को बदलने की आवश्यकता हो सकती है।

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सिस्टोसेल (cystocele)

हल्के से मध्यम सिस्टोसेल (cystocele) (एक स्थिती जो महिलाओं में होती है जिसमें मूत्राशय की दीवार कमजोर हो जाती है और वजाइना में गिरने लगती है) का इलाज, एक डिवाइस जिसका नाम पेसरी है उसके जरिए किया जा सकता है।

एक पेसरी को योनि के अंदर फिट करने और मूत्राशय को उसके सही स्थान पर रखने के लिए बनाया गया है।

अधिक गंभीर मामलों में मूत्राशय की दीवारों को मजबूत करने और सहारा देने के लिए सर्जरी करने की ज़रूरत हो सकती है।

मूत्राशय डायवर्टिकुला (bladder diverticula)

मूत्राशय डायवर्टिकुला (मूत्राशय की दीवार में विकसित होने वाले पाउच) आमतौर पर किसी भी पाउच को हटाने के लिए सर्जरी की आवश्यकता होती है।

ब्लड- खून, शरीर में ऑक्सीजन सप्लाई करता है और कार्बन डाइऑक्साइड को बाहर निकालता है। इसे शरीर में चारों ओर, ह्दय के जरिए पंप किया जाता है।

सिस्टोस्कोप- सिस्टोस्कोपी(cystoscopy) वो प्रक्रिया है जिसमें मूत्राशय के अंदर देखने के लिए लाइट और छोटे टेलीस्कोप (cystoscope) का प्रयोग किया जाता है, जिसे मूत्रमार्ग में डाला जाता है। दर्द निवारक एनाल्जेसिक्स (Analgesics) ऐसी दवाएं हैं जो दर्द से राहत देते हैं। उदाहरण में पैरासिटामोल (paracetamol), एस्पिरिन (aspirin) और इबूप्रोफेन (ibuprofen) शामिल है।

अल्ट्रासाउंड स्कैन के जरिए ध्वनि तरंगों का प्रयोग कर शरीर के अंदर की छवियां ली जाती हैं।

मूत्राशय की पथरी से बचाव (How to prevent bladder stones)

खूब पानी पिएं

मूत्राशय की पथरी को विकसित होने (या दोबारा होने) से रोकने का सबसे अच्छा तरीका खूब पानी पीना है।

वास्तव में आपको कितना पीना चाहिए, ये इन बातों पर निर्भर करेगा:

  • आपकी उम्र
  • आपका आकार
  • आपकी शारीरिक गतिविधि का स्तर
  • यदि आपको कोई बुनियादी स्वास्थ्य समस्या रही हो

आपका डॉक्टर आपको सलाह दे सकता है कि कितना पानी पीना है।

एक संतुलित हैल्दी आहार लें

एक संतुलित आहार खाने से भी मूत्राशय की पथरी (bladder stones) को बनने से रोकने में मदद मिल सकती है। ताजे फल और सब्जियों (दिन में कम से कम पांच भाग) और साबुत अनाज सहित कम वसा वाले, उच्च फाइबर आहार की सलाह दी जाती है।

आपके चीनी और नमक के सेवन को सीमा में रखना भी ज़रूरी है क्योंकि ये दोनों ही मूत्राशय की पथरियों का खतरा बढ़ा सकती हैं। दिन में 6g (0.2oz) से अधिक नमक लेने की कोशिश ना करें।

फलों और डेयरी उत्पादों जैसे कई खाद्य पदार्थों में प्राकृतिक शर्करा होती है, इसलिए आप इन खाद्य पदार्थों को खाकर अपने शरीर में चीनी की जरूरत को पूरा कर सकते हैं।

अगर पेशाब की नली में पथरी फस जाए तो क्या करें?

आयुर्वेदिक एक्सपर्ट डॉ. अबरार मुल्तानी बताते हैं कि आपको सिर्फ एक केला लेकर उसके अंदर पुदीना (पेपरमिंट) के दो से तीन छोटे-छोटे टुकड़ों को लगाकर खा लेना है. केला खाने के थोड़ी देर बाद आधा गिलास गुनगुना दूध और आधा गिलास पानी पी लें. दो से तीन दिन में पेशाब की नली में फंसी छोटी-मोटी पथरी निकल जाएगी.

पेशाब की थैली की पथरी कैसे निकलती है?

मूत्राशय से पथरी को निकालने के लिए आमतौर पर सर्जरी की जरूरत होती है। सबसे आम प्रक्रिया सिस्टोलिथोलैपैक्सी (cystolitholapaxy) है जिसमें पथरियों को बाहर निकालने से पहले उन्हें छोटे लेज़र से टुकड़ों में तोड़ दिया जाता है।

कितने एमएम की पथरी पेशाब की नली से निकल सकती है?

डॉ. काला कहते हैं कि गुर्दें में 10 एमएम की पथरी होने पर दवाइयां व परहेज से इलाज किया जा सकता है। इससे बड़ा साइज होने की स्थिति में ऑपरेशन करना पड़ता है। लिथोट्रिप्सी, दूरबीन से ऑपरेशन व चीरा लगाकर भी पथरी को निकाला जाता है।

पेशाब की नली में पथरी होने के क्या लक्षण है?

पेशाब की नली में पथरी का इलाज – क्या है यूरेट्रिक स्टोन के लक्षण ?.
बार बार पेशाब आना.
पेट के बग़ल में या पीठ दर्द होना जो आता-जाता रहता हो.
पेशाब में रक्त का मिलना (blood in urine).
उल्टियाँ आना.
पेशाब में जलन.