हमारे दैनिक जीवन में मापन का बहुत प्रयोग होता है प्रत्येक व्यक्ति रोजाना मापन का उपयोग करता ही करता है विज्ञानं में कई प्रकार कि राशियो जैसे की लम्बाई क्षेत्रफल आयतन द्रव्यमान समय ताप विधुत धारा आदि को नापा जाता है किसी भौतिक राशि का परिमाण संख्याओं में व्यक्त करने को मापन कहा जाता है। मापन मूलतः तुलना करने की एक प्रक्रिया है। इस लेख में मापन क्या है ? मापन से आप क्या समझते है ? इसको विस्तार से समझते है , Show
मापन किसे कहते है ?स्टीवेंस के अनुसार कीन्ही निश्चित स्वीकृत नियमो के अनुसार पदार्थो को नाक या संख्या प्रदान करने की प्रक्रिया मापन हैं उदहारण द्वारा इसे आसानी से समझ सकते है जैसे की उदाहरण के लिये जब हम कहते हैं कि किसी पेड़ की उँचाई 15 मीटर है तो हम उस पेड़ की उचाई की तुलना एक मीटर से कर रहे होते हैं। यहाँ मीटर एक मानक मात्रक है जो भौतिक राशि लम्बाई या दूरी के लिये प्रयुक्त होता है। इसी प्रकार समय का मात्रक सेकण्ड, द्रव्यमान का मात्रक किलोग्राम आदि द्वारा ब्यक्त किया जाता हैं। आप सभी को मापन क्या है ? मापन से आप क्या समझते है ? ये टॉपिक अब समझ में आ गया होगा इससे सम्बंधित और भी टॉपिक देख लेते है । मापन का महत्त्व एव आशयलॉर्ड केल्विन के अनुसार आप जिसको माप सकते हैं और उसे संख्याओं में व्यक्त कर सकते हैं, तो आप उसके बारे में कुछ जानते हैं ; लेकिन यदि आप उसे संख्याओं में अभिव्यक्त नहीं कर सकते तो आपका ज्ञान तुच्छ और असंतोषजनक माना जायेगा ,
मापन के स्तर
माप और तौल (Measures and Weights)किसी विषय में सही ज्ञान के लिए यह जरुरी है कि हम प्रकृति के कुछ गुणों की माप करें। अधिकतर तीन राशियों को प्रयोग किया जाता है जो की लंबाई, भार तथा समय, है इन राशियों में से किसी को भी मापने के लिए परिमाण को मानक मान लिया जाता है इसमें पूरी मात्रा को मापा जाता है जैसे की हम रूपए में गिनते हैं तथा तौल को किलोग्राम में । मापन के तत्ववह वस्तु प्राणी अथवा क्रिया जिसकी किसी विशेषता का मापन होना है, FAQमापन से सम्बंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न1. मापन का इतिहास क्या हैं ? उत्तर सिन्धु घाटी (३००० ईसापूर्व से १५०० ईसापूर्व) के लोगों ने नाप एवं तौल के उपयोग में अत्यन्त उन्नत मानकीकरण का विकास कर लिया था। यह वहाँ खुदाई से प्राप्त मापों से स्पष्ट है। उनके नाप-तौल के मात्रकों में आश्चर्यजनक एकरूपता (युनिफॉर्मिटी) दिखती है। 2. मापन कितने प्रकार के होते हैं उत्तर मापन चार प्रकार के होते है नामित मापन (Nominal Measurement), क्रमित मापन (Ordinal Measurement), अन्तरित मापन (Interval Measurement), तथा अनुपातिक मापन (Ratio Measurement) है। 3. मापन की आवश्यकता क्यों होती है ? उत्तर कभी कभी ज्ञानेन्द्रियाँ के द्वारा प्राप्त जानकारी सही नहीं होती इसलिए मापन की आवश्यकता होती है । 4. मापन से क्या आशय है? उत्तर किसी वस्तु की सही माप ही मापन कहलाती है । निष्कर्षआशा है की मापन क्या है ? मापन से आप क्या समझते है ? इसकी जानकारी स्पस्ट हो गया होगा तथा आपको हमारी पोस्ट को पढ़कर अच्छा लगा होगा यदि जानकारी अच्छी लगी हो तो आप अपने दोस्तों के साथ SHARE कर सकते है धन्यवाद । विकास के माप से आप क्या समझते हैं?आर्थिक विकास के माप का एक अन्य मानदण्ड जीवन का स्तर है । इस विचार के अनुसार जीवन स्तर को आर्थिक विकास का संकेत माना जाना चाहिये न कि प्रति व्यक्ति आय या राष्ट्रीय आय में वृद्धि को, लोगों के विकास का मूल उद्देश्य है लोगों के जीवन स्तर में सुधार लाकर अथवा जीवन स्तर को ऊपर उठा कर उन्हें बेहतर जीवन उपलब्ध कराना ।
विकास को कैसे मापा जाता है?विकास के मापक के रूप में सकल राष्ट्रीय उत्पाद एवं प्रति व्यक्ति आय (GNP and Per Capita Income as Measures of Development):. वास्तविक राष्ट्रीय आय: ... . प्रति व्यक्ति शुद्ध राष्ट्रीय उत्पादन: ... . राष्ट्रीय शुद्ध सकल या प्रति व्यक्ति आय: ... . कुल राष्ट्रीय वास्तविक आय तथा प्रति व्यक्ति वास्तविक आय:. आर्थिक विकास से आप क्या समझते हैं इसे कैसे मापा जाता है?आर्थिक विकास से आशय उस प्रक्रिया से है जिसके परिणामस्वरूप देश के समस्त उत्पादन साधनों का कुशलतापूर्वक दोहन होता है। साथ ही साथ राष्ट्रीय आय और प्रति व्यक्ति आय में निरंतर एवं दीर्घकालिक वृद्धि होती है तथा जीवन स्तर एवं मानव विकास सूचकांक में सुधार की स्थिति उत्पन्न होती है।
आर्थिक विकास की माप का आधार क्या है?शेष तीनों विकल्प साक्षरता दर, प्रति व्यक्ति आय और शिशु मृत्यु दर आर्थिक विकास का मापक हैं। जब आर्थिक विकास अच्छा होगा तो साक्षरता दर भी अच्छी होगी और प्रति व्यक्ति आय भी अच्छी होगी। शिशु मृत्यु दर भी आर्थिक विकास अच्छा होने की स्थिति में कम होगी।
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