खबरों को बेहतर बनाने में हमारी मदद करें।खबर में दी गई जानकारी और सूचना से आप संतुष्ट हैं? Show खबर की भाषा और शीर्षक से आप संतुष्ट हैं? खबर के प्रस्तुतिकरण से आप संतुष्ट हैं? खबर में और अधिक सुधार की आवश्यकता है? Vaishno Devi Yatra 2021: जम्मू कश्मीर में वैसे तो मां वैष्णों के धाम में हर समय भक्तों का तांता लगा रहता था. ये समय ऐसा है, जब यहां भक्तों की संख्या बढ़ जाती है. 7 अक्टूबर 2021 से शारदीय नवरात्र (Sharadiya Navratri 2021) शुरू हो रहे हैं, जिसकी वजह से मां के दरबार में भारी भीड़ रहती है, ऐसे में यदि आप वैष्णो देवी तीर्थ यात्रा पर जाने का प्लान बना रहे हैं, तो कुछ जरूरी नियमों को जान लें. यदि इन नियमों की अनदेखी की, तो हो सकता है आप मां वैष्णो देवी के दर्शन भी न कर पाएं. आइए जानते हैं वैष्णो देवी की यात्रा के खास नियम. श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड द्वारा कोरोना महामारी को देखते हुए श्रद्धालुओं के लिए कुछ गाइडलाइन जारी की हैं, जिन्हें पूरा किए बिना आप माता वैष्णो देवी दरबार में एंट्री नहीं कर पाएंगे. ये हैं नियम (Vaishno Devi Yatra 2021 latest guidelines) अपने साथ रखें ये जरूरी कागजात इस तरह कराएं ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन भारत में वैसे तो धार्मिक स्थलों की कोई कमी नहीं. हर साल लाखों यात्री तीर्थ करते हैं, लेकिन उनमें से बेहद खास माना जाता है पहाड़ों और बादलों के बीच स्थित माता वैष्णो देवी का दरबार. वैष्णो देवी मंदिर तक की यात्रा को कठिन तीर्थ यात्राओं में से एक माना जाता है. वैष्णो देवी दरबार जम्मू-कश्मीर स्थित त्रिकूट पर्वत पर एक गुफा में है, जहां तक पहुंचने के लिए 13 किलोमीटर की मुश्किल चढ़ाई करनी पड़ती है. ये यात्रा भले ही कठिन है, लेकिन यहां का दृश्य बेहद अलौकिक है, जो लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है. यदि आपको भी मां वैष्णो देवी के दरबार में जाना है, तो उससे पहले ये 10 महत्वपूर्ण बातें जान लीजिए. (फोटो/Getty images) शारदीय नवरात्र बस शुरू ही होने वाले हैं। 10 अक्टूबर से लेकर 18 अक्टूबर तक नवरात्र चलेंगे। इन नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूरे विधि विधान से पूजा की जाती है। और नवरात्र के इन खास दिनों में कुछ ज्यादा ही बढ़ जाता है मां वैष्णो देवी का महत्व। तभी तो मां के भवन में इन दौरान भक्तों की ज्यादा भीड़ दिखाई देती है। भारी तादाद में उमड़ते हैं श्रद्धालु नवरात्र के दौरान मां के दर्शनों के लिए। पूरा कटरा इस दौरान कुछ अलग ही नज़र आता है। यहां की रौनक देखने लायक होती है। अगर आप भी नवरात्र के दौरान वैष्णो देवी जाने का विचार कर रहे हैं तो चलिए हम आपको बताते हैं कि कब और कैसे वैष्णो देवी पहुंचा जा सकता है और इस दौरान आपको किन बातों का ध्यान रखना होगा। कब जाएं वैष्णो देवी? कैसे पहुंचे वैष्णो देवी हवाई मार्ग- जम्मू का रानीबाग एयरपोर्ट वैष्णो देवी के सबसे नजदीकी एयरपोर्ट में से है। जम्मू से सड़क मार्ग के जरिए वैष्णो देवी के बेस कैंप कटरा पहुंचा जा सकता है जो करीबन 50 किलोमीटर दूर है। जम्मू से कटरा तक बस या टैक्सी सेवा आसानी से मिल जाती है। रेल मार्ग- रेल मार्ग से अब ये यात्रा और भी सुगम हो गई है। कटरा स्टेशन बनने के बाद अब रेल मार्ग से सीधे बेस कैंप तक पहुंचा जा सकता है। दिल्ली के अलावा कई दूसरे शहरों से भी यहां तक सीधी ट्रेनें आती हैं। आप चाहें तो कटरा तक सीधे ट्रेन से आ सकते हैं। या फिर जम्मू रेलवे स्टेशन पर उतरने के बाद यहां से बस या टेक्सी के ज़रिए कटरा तक पहुंच सकते हैं। सड़क मार्ग- सड़क मार्ग के ज़रिए भी कटरा आसानी से पहुंचा जा सकता है। हर साल बहुत से श्रद्धालु अपने निजी वाहनों से मां के दर्शनों के लिए कटरा पहुंचते हैं। वैष्णो माता का कौन सा दिन होता है?वैष्णव देवी तीर्थयात्रा का सबसे अच्छा समय मार्च – सितंबर है। दिसंबर से फरवरी वैष्णो हिमपात इस समय के दौरान होता है । मार्च से जून मार्च से शुरू, गर्मियों के मौसम आदर्श वैष्णो देवी की पवित्र गुफाओं की यात्रा के लिए सबसे अच्छा मौसम है।
वैष्णो देवी की गुफा कब खुलती है 2022?आमतौर पर जनवरी-फरवरी में यहां आने वाले भक्तों की संख्या काफी कम हो जाती है, इस कारण इन दिनों में प्राचीन गुफा भक्तों के लिए खोल दी जाती है।
वैष्णो देवी का असली नाम क्या है?बचपन में माता का नाम त्रिकुटा था। बाद में उनका जन्म भगवान विष्णु के वंश में हुआ, जिसके कारण उनका नाम वैष्णवी कहलाया। मान्यता है कि माता वैष्णो देवी ने त्रेता युग में माता पार्वती, सरस्वती और लक्ष्मी के रूप में मानव जाति के कल्याण के लिए एक सुंदर राजकुमारी का अवतार लिया था। उन्होंने त्रिकुटा पर्वत पर तपस्या की थी।
वैष्णो देवी कब और कैसे जाएं?कब जाएं वैष्णो देवी? वैसे तो वैष्णो देवी की यात्रा पूरे साल खुली रहती है औऱ यहां कभी भी जा सकते हैं लेकिन गर्मियों में मई से जून और नवरात्रि (मार्च से अप्रैल और सितंबर से अक्टूबर) के बीच पीक सीजन होने की वजह से श्रद्धालुओं की जबरदस्त भीड़ देखने को मिलती है।
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