वैष्णो माता का कौन सा दिन है? - vaishno maata ka kaun sa din hai?

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Vaishno Devi Yatra 2021: जम्मू कश्मीर में वैसे तो मां वैष्णों के धाम में हर समय भक्तों का तांता लगा रहता था. ये समय ऐसा है, जब यहां भक्तों की संख्या बढ़ जाती है. 7 अक्टूबर 2021 से शारदीय नवरात्र (Sharadiya Navratri 2021) शुरू हो रहे हैं, जिसकी वजह से मां के दरबार में भारी भीड़ रहती है, ऐसे में यदि आप वैष्णो देवी तीर्थ यात्रा पर जाने का प्लान बना रहे हैं, तो कुछ जरूरी नियमों को जान लें. यदि इन नियमों की अनदेखी की, तो हो सकता है आप मां वैष्णो देवी के दर्शन भी न कर पाएं. आइए जानते हैं वैष्णो देवी की यात्रा के ​खास नियम.  श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड द्वारा कोरोना महामारी को देखते हुए श्रद्धालुओं के लिए कुछ गाइडलाइन जारी की हैं, जिन्हें पूरा किए बिना आप माता वैष्णो देवी दरबार में एंट्री नहीं कर पाएंगे. 

ये हैं नियम (Vaishno Devi Yatra 2021 latest guidelines)
1. केवल उन्हीं तीर्थयात्रियों को अनुमति दी जाएगी, जिन्होंने ऑनलाइन पंजीकरण कराया है.
2. तीर्थयात्रियों के लिए अपने मोबाइल फोन पर 'आरोग्य सेतु' एप्लिकेशन का उपयोग करना अनिवार्य है.
3. पूरी तरह स्वस्थ या फिर जिनमें कोरोना का कोई लक्षण नहीं हैं, उन्हीं तीर्थयात्रियों को यात्रा करने की अनुमति दी जाएगी.
4. 'फेस मास्क और फेस कवर' का प्रयोग करना अनिवार्य है.
5. जम्मू-कश्मीर के बाहरी राज्यों से आ रहे लोगों को कोविड 19 एंटिजेन टेस्ट करवाना होगा. जिन लोगों की कोविड रिपोर्ट निगेटिव होगी उन्हें ही मां वैष्णो देवी की यात्रा करने की अनुमति दी जाएगी. जम्मू कश्मीर के कोविड रेड जोन से आ रहे लोगों को भी कोविड 19 एंटिजेन टेस्ट करवाना होगा.
6. रेड जोन के अंतर्गत आने वाले जिले के तीर्थयात्रियों को भी कोविड -19 परीक्षण से गुजरना होगा और परिणाम 'नकारात्मक' होने पर ही आगे बढ़ने की अनुमति होगी.
7. तीर्थयात्रियों को गर्भगृह में प्रवेश करने से पहले अपने हाथ और पैर साबुन और पानी से बार-बार धोना चाहिए।
8. तीर्थयात्रियों को हर समय छह फीट की शारीरिक दूरी बनाए रखना आवश्यक है.
9. मूर्तियों को छूने की अनुमति नहीं है.
10. 60 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्ति, कॉमरेडिटी वाले व्यक्ति, गर्भवती महिलाओं और 10 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को घर पर रहने की सलाह दी जाती है.

अपने साथ रखें ये जरूरी कागजात 
सभी यात्रियों को यात्रा के दौरान फोटो पहचान पत्र और पते का प्रमाण साथ रखना होगा, इसके बिना यात्रा की अनुमति नहीं है. पहचान पत्र के रूप में पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, वोटर आईडी या फिर पैन कार्ड रख सकते हैं. 

इस तरह कराएं ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन
श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड (SMVDSB) ने श्रद्धालुओं की सुविधाओं को देखते हुए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया शुरू की है. यात्री अब यात्रा पंजीकरण पर्ची, कक्ष बुकिंग और पूजन सहित सभी बुकिंग ऑनलाइन प्राप्त कर सकते हैं. ऑनलाइन यात्रा पर्ची श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट से मिलेगी. वेबसाइट पर जाकर पहले पंजीकरण करना होगा, जिसके बाद एक आईडी और पासवर्ड का चयन करना होगा. जिसके बाद उपयोगकर्ता का नाम और पासवर्ड बोर्ड की वेबसाइट के होम पेज पर या पॉपअप स्क्रीन पर रजिस्टर लिंक पर क्लिक करके पंजीकरण करके प्राप्त किया जा सकता है. 

भारत में वैसे तो धार्मिक स्थलों की कोई कमी नहीं. हर साल लाखों यात्री तीर्थ करते हैं, लेकिन उनमें से बेहद खास माना जाता है पहाड़ों और बादलों के बीच स्थित माता वैष्णो देवी का दरबार. वैष्णो देवी मंदिर तक की यात्रा को कठिन तीर्थ यात्राओं में से एक माना जाता है. वैष्णो देवी दरबार जम्मू-कश्मीर स्थित त्रिकूट पर्वत पर एक गुफा में है, जहां तक पहुंचने के लिए 13 किलोमीटर की मुश्किल चढ़ाई करनी पड़ती है. ये यात्रा भले ही कठिन है, लेकिन यहां का दृश्य बेहद अलौकिक है, जो लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है. यदि आपको भी मां वैष्णो देवी के दरबार में जाना है, तो उससे पहले ये 10 महत्वपूर्ण बातें जान लीजिए. (फोटो/Getty images)

शारदीय नवरात्र बस शुरू ही होने वाले हैं। 10 अक्टूबर से लेकर 18 अक्टूबर तक नवरात्र चलेंगे। इन नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूरे विधि विधान से पूजा की जाती है। और नवरात्र के इन खास दिनों में कुछ ज्यादा ही बढ़ जाता है मां वैष्णो देवी का महत्व। तभी तो मां के भवन में इन दौरान भक्तों की ज्यादा भीड़ दिखाई देती है। भारी तादाद में उमड़ते हैं श्रद्धालु नवरात्र के दौरान मां के दर्शनों के लिए। पूरा कटरा इस दौरान कुछ अलग ही नज़र आता है। यहां की रौनक देखने लायक होती है। अगर आप भी नवरात्र के दौरान वैष्णो देवी जाने का विचार कर रहे हैं तो चलिए हम आपको बताते हैं कि कब और कैसे वैष्णो देवी पहुंचा जा सकता है और इस दौरान आपको किन बातों का ध्यान रखना होगा। 

कब जाएं वैष्णो देवी?
वैसे तो वैष्णो देवी की यात्रा पूरे साल खुली रहती है लेकिन गर्मियों में मई से जून और नवरात्रि के दौरान यहां सबसे ज्यादा श्रद्धालु पहुंचते हैं। नवरात्र के 9 दिन यहां की रौनक देखते ही बनते है। इस दौरान कटरा में भी बड़े जागरण का आयोजन किया जाता है। तो वही भवन को भी बेहद सुंदर सजाया जाता है। 10 अक्टूबर से शारदीय नवरात्र शुरू भी हो रहे हैं इसीलिए आपके लिए सबसे बेहतर वक्त है वैष्णो देवी के दर्शनों को जाने का।

कैसे पहुंचे वैष्णो देवी
वैष्णो देवी पहुंचना बेहद ही सुगम है यही कारण है कि साल भर यहां भक्तों का तांता लगा ही रहता है। यहां हवाई, रेल या सड़क किसी भी मार्ग से जल्द से जल्द पहुंचा जा सकता है।

हवाई मार्ग- जम्मू का रानीबाग एयरपोर्ट वैष्णो देवी के सबसे नजदीकी एयरपोर्ट में से है। जम्मू से सड़क मार्ग के जरिए वैष्णो देवी के बेस कैंप कटरा पहुंचा जा सकता है जो करीबन 50 किलोमीटर दूर है। जम्मू से कटरा तक  बस या टैक्सी सेवा आसानी से मिल जाती है। 

रेल मार्ग- रेल मार्ग से अब ये यात्रा और भी सुगम हो गई है। कटरा स्टेशन बनने के बाद अब रेल मार्ग से सीधे बेस कैंप तक पहुंचा जा सकता है। दिल्ली के अलावा कई दूसरे शहरों से भी यहां तक सीधी ट्रेनें आती हैं। आप चाहें तो कटरा तक सीधे ट्रेन से आ सकते हैं। या फिर जम्मू रेलवे स्टेशन पर उतरने के बाद यहां से बस या टेक्सी के ज़रिए कटरा तक पहुंच सकते हैं।

सड़क मार्ग- सड़क मार्ग के ज़रिए भी कटरा आसानी से पहुंचा जा सकता है। हर साल बहुत से श्रद्धालु अपने निजी वाहनों से मां के दर्शनों के लिए कटरा पहुंचते हैं।

वैष्णो माता का कौन सा दिन होता है?

वैष्णव देवी तीर्थयात्रा का सबसे अच्छा समय मार्च – सितंबर है। दिसंबर से फरवरी वैष्णो हिमपात इस समय के दौरान होता है । मार्च से जून मार्च से शुरू, गर्मियों के मौसम आदर्श वैष्णो देवी की पवित्र गुफाओं की यात्रा के लिए सबसे अच्छा मौसम है

वैष्णो देवी की गुफा कब खुलती है 2022?

आमतौर पर जनवरी-फरवरी में यहां आने वाले भक्तों की संख्या काफी कम हो जाती है, इस कारण इन दिनों में प्राचीन गुफा भक्तों के लिए खोल दी जाती है।

वैष्णो देवी का असली नाम क्या है?

बचपन में माता का नाम त्रिकुटा था। बाद में उनका जन्म भगवान विष्णु के वंश में हुआ, जिसके कारण उनका नाम वैष्णवी कहलाया। मान्यता है कि माता वैष्णो देवी ने त्रेता युग में माता पार्वती, सरस्वती और लक्ष्मी के रूप में मानव जाति के कल्याण के लिए एक सुंदर राजकुमारी का अवतार लिया था। उन्होंने त्रिकुटा पर्वत पर तपस्या की थी।

वैष्णो देवी कब और कैसे जाएं?

कब जाएं वैष्णो देवी? वैसे तो वैष्णो देवी की यात्रा पूरे साल खुली रहती है औऱ यहां कभी भी जा सकते हैं लेकिन गर्मियों में मई से जून और नवरात्रि (मार्च से अप्रैल और सितंबर से अक्टूबर) के बीच पीक सीजन होने की वजह से श्रद्धालुओं की जबरदस्त भीड़ देखने को मिलती है।