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15 अगस्त 1947 को देश आजाद हुआ और सन् 1950 में भारत एक गणतंत्र बना. भारत में आज जो रुपए का डिजाइन है वो एक रुपए के सिक्के से प्रभावित है. जो प्रतीक नोट के लिए चुना गया वो सारनाथ स्थित चार मुंह वाले शेर से लिया गया है.आजाद भारत के पहले नोट से जॉर्ज पंचम की फोटो को हटा दिया गया था. आपके घर में 100 रुपए, 500 रुपए या फिर 2000 रुपए का नोट तो होगा ही. क्या आपने कभी अपने पास रखे इस नोट को ध्यान से देखा है. इस नोट पर क्या-क्या होता है कभी आपने जानने की कोशिश की है. शायद आपको ये मालूम भी हो कि भारतीय नोट पर क्या-क्या छपा होता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपके नोट पर कितनी भाषाएं हैं और वो भाषाएं क्यों हैं? चलिए आज आपको बताते हैं कि भारतीय नोट पर कितनी भाषाएं प्रिंट होती हैं और इतनी भाषाओं को छापने की वजह क्या है. नोट पर होती हैं 17 भाषाएंरिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) की वेबसाइट के मुताबिक एक भारतीय नोट पर 17 भाषाएं प्रिंट होती हैं. इंग्लिश और हिंदी सामने की तरफ होती हैं तो नोट के पीछे की तरफ 15 भाषाएं प्रिंट होती हैं. भारतीय संविधान में किसी भी भाषा को राष्ट्रीय भाषा का दर्जा नहीं मिला और देश में 22 भाषाएं बोली जाती हैं. ऐसे में इन सभी भाषाओं को नोट पर प्राथमिकता दी गई है. जो भाषाएं नोट पर प्रिंट होती हैं उनमें हिंदी और अंग्रेजी के अलावा असमी, बंगाली, गुजराती, कन्नड़, कश्मीरी, कोंकणी, मलयालम, मराठी, नेपाली, उड़िया, पंजाबी, संस्कृति, तमिल, तेलगु और उर्दू शामिल हैं. इसके साथ ही 2000 रुपए के नोट पर ब्रेल लिपि भी छपी होती है जिससे उन लोगों को आसानी हो जो देख नहीं सकते हैं. आजाद भारत का पहला नोट15 अगस्त 1947 को देश आजाद हुआ और सन् 1950 में भारत एक गणतंत्र बना. भारत में आज जो रुपए का डिजाइन है वो एक रुपए के सिक्के से प्रभावित है. जो प्रतीक नोट के लिए चुना गया वो सारनाथ स्थित चार मुंह वाले शेर से लिया गया है. इसके साथ ही जॉर्ज पंचम की सीरिज वाले नोट देश में बंद हो गए थे. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने आजाद भारत में पहला नोट एक रुपए का था. 30 नवंबर 1917 को एक रुपए का नोट ब्रिटिश शासन काल में आया था. क्या थी अंग्रेजों के समय स्थितिप्रथम विश्व युद्ध में अंग्रेजों का दबदबा था और उस समय एक रुपए का सिक्का चांदी के सिक्के के तौर पर चलन में था. लेकिन युद्ध की वजह से जब स्थितियां खराब हो गईं तो चांदी के सिक्के को ढालना मुश्किल हो गया था. इस वजह से पहली बार लोगों के सामने एक रुपए का नोट आया जिस पर जॉर्ज पंचम की फोटो लगी थी. इस नोट को इंग्लैंड में प्रिंट किया गया था और एक रुपए के नोट की वैल्यू बाकी मुद्रा की तुलना में बहुत कम थी. जब हैदराबाद के निजाम को मिला विशेष अधिकारवर्ष 1969 में आरबीआई ने 5 और 10 रुपयों के नोट पर महात्मा गांधी की 100वीं जयंती के मौके पर स्मारक डिजाइन वाली सीरिज जारी की थी. आपको जानकर हैरानी होगी कि चलती नाव की फोटो 10 रुपए के नोट पर 40 से भी अधिक सालों तक कायम रही थी. साल 1959 में भारत के हज यात्रियों के लिए दस और 100 रुपए के खास नोट जारी किए गए ताकि तीर्थयात्री सउदी अरब की लोकल करेंसी के मुताबिक इसे एक्सचेंज कर सकें. सन् 1917-1918 में हैदराबाद के निजाम को खुद की करेंसी प्रिंट करने और उसे जारी करने का विशेषाधिकार दिया गया था. यह भी पढ़ें-कभी सोचा है जब नहीं था रुपया और डॉलर तो कैसे दी जाती थी लोगों को सैलरी दस रुपये
भारतीय १० रुपये का नोट (₹१०) भारतीय रुपये का एक सामान्य मूल्यवर्ग है। ₹१० का नोट महात्मा गाँधी श्रेणी का के सबसे पहले नोटों में से एक है, जिसे भारतीय रिज़र्व बैंक के द्वारा जारी किया गया था। यह नोट वर्तमान में चलन में है।[2] औपनिवेशिक काल में जारी व प्रचलित १० रुपये का नोट का १९२३ से ही लगातार मुद्रण हो रहा है, जब भारतीय रिज़र्व बैंक ने नोटों के मुद्रण का पदभार सम्भाला।[3] नई महात्मा गाँधी श्रेणी का नोट[संपादित करें]५ जनवरी २०१८ को भारतीय रिज़र्व बैंक ने ₹१० के नये नोट की बदलावों के साथ घोषणा की।[4] आकृति[संपादित करें]भारतीय रिज़र्व बैंक ने नये महात्मा गाँधी श्रेणी के ₹१० की मुद्रा को जारी किया जिसके पश्च भाग में कोणार्क सूर्य मन्दिर है। आधार का रंग चॉकलेट भूरा है। नोट की आकृति ६३ मि॰ मी॰ x १२३ मि॰ मी॰ है। सुरक्षा विशेषताएँ[संपादित करें]
पुरानी महात्मा गाँधी श्रेणी का नोट[संपादित करें]आकृति[संपादित करें]₹१० का पुराना हात्मा गाँधी श्रेणी का नोट नारंगी-बैगनी रंग का है, जिसमे अग्र भाग पर महात्मा गाँधी का चित्र तथा भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नर के हस्ताक्षर हैं। इसमे ब्रेल पद्धति को भी शामिल किया गया है, जिससे दृष्टिबाधित लोग भी नोट को पहचान सकें। पश्च भाग में भारतीय गैण्डा, भारतीय हाथी तथा बंगाल बाघ का भारतीय जन्तु के रूप में चित्रण किया गया है। २०११ में ₹ चिह्न को भी नोट पर सम्मिलित किया गया है।[5] जनवरी २०१४ में भारतीय रिज़र्व बैंक ने ३१ मार्च २०१४ से सभी २००५ के पूर्व के चलन से बाहर करने की घोषणा की। यह तिथि पहले १ जनवरी २०१५ तक बढाई गयी तथा फिर इसे ३० जून २०१६ तक विस्तारित कर दिया गया।[6] सुरक्षा विशेषताएँ[संपादित करें]₹१० के पुराने नोट पर निम्नलिखित सुरक्षा विशेषताएँ हैं:[7]
भाषाएँ[संपादित करें]अन्य भारतीय रुपयाें की तरह ₹१० के नोट पर भी इसका मूल्य १७ भाषाओं में लिखा है। अग्र भाग पर यह मूल्य अंग्रेजी तथा हिन्दी भाषाओँ में लिखा है जबकि पश्च भाग में एक भाषा पट्टिका है जिसमे भारत की २२ आधिकारिक भाषाओं में से १५ अंकित हैं। यह भाषाएँ अंग्रेजी वर्णमाला के क्रमानुसार हैं। पट्टिका पर असमिया, बंगाली, गुजराती, कन्नड़, कश्मीरी, कोंकणी, मलयालम, मराठी, नेपाली, ओड़िया, पंजाबी, संस्कृत, तमिल, तेलुगु तथा उर्दू अंकित है।
अशोक की लाट श्रेणी[संपादित करें]१९७० में जारी हुई १० रूपए के नोट की अशोक की लाट श्रेणी के अग्र भाग में अशोक स्तम्भ तथा मूल्यवर्ग असमिया, बंगाली, गुजराती, कन्नड़, कश्मीरी, मलयालम, मराठी, ओड़िया, पंजाबी, संस्कृत, तमिल, तेलुगु तथा उर्दू भाषाओं में अंकित था तथा पश्च भाग में दो मोर तथा अंग्रेजी भाषा में लिखा मूल्यवर्ग अंकित है।[8] जॉर्ज षष्ठम् श्रेणी[संपादित करें]१९३७ से १९४३ के मध्य भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी १० रुपये का नोट १९३७ से १९४३ के मध्य भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी १० रुपये का नोट १९३७ में जारी हुई जॉर्ज षष्ठम् श्रेणी के अग्र भाग में जॉर्ज षष्ठम् का चित्र तथा पश्च भाग में दो हाथियों के साथ मूल्यवर्ग उर्दू, हिन्दी, बंगाली, बर्मी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़ तथा गुजराती भाषाओं में अंकित है।[9] सन्दर्भ[संपादित करें]
₹ 10 के नोट में कितनी भाषाएं होते हैं?यह भाषाएँ अंग्रेजी वर्णमाला के क्रमानुसार हैं। पट्टिका पर असमिया, बंगाली, गुजराती, कन्नड़, कश्मीरी, कोंकणी, मलयालम, मराठी, नेपाली, ओड़िया, पंजाबी, संस्कृत, तमिल, तेलुगु तथा उर्दू अंकित है।
₹ 10 के नोट पर किसका चिन्ह होता है?10 रुपये - सूर्य मंदिर, कोणार्क - 10 Rupees - Sun Temple, Konark. 10 रुपये की मुद्रा की नई श्रृंखला 5 जनवरी, 2018 को आरबीआई द्वारा पेश की गई थी। पुराने वाले की तरह, सामने वाला भाग महात्मा गांधी की तस्वीर दिखाता है। जबकि पीछे की तरफ आप ओडिशा का कोणार्क सूर्य मंदिर देख सकते हैं।
50 के नोट पर कितनी भाषाएं होती है?Solution : भारतीय नोट में हिन्दी और अंग्रेजी के अलावा 15 भाषाओं (कुल 17) का इस्तेमाल होता है। कोई भी नोट जैसे- 10.20, 50 आदि पर हिन्दी, अंग्रेजी के साथ, असमी, बंगाली, गुजराती, कन्नड़, कश्मीरी, कोंकणी, मलयालम, मराठी, नेपाली, उडियाँ, पंजाबी, संस्कृत, तमिल, तेलगु और. उर्दू में उसकी कीमत अंकित होती है।
100 रुपए के नोट में कितनी भाषाएं होती हैं?अन्य भारतीय रुपए के नोटों की तरह, ₹ 100 बैंकनोट में इसकी राशि 17 भाषाओं में लिखी गई है। अग्रभाग पर, संप्रदाय अंग्रेजी और हिंदी में लिखा गया है। रिवर्स पर एक भाषा पैनल है जो भारत की 22 आधिकारिक भाषाओं में से 15 में नोट के मूल्य को प्रदर्शित करता है।
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