323 324 धारा का मतलब क्या होता है? - 323 324 dhaara ka matalab kya hota hai?

भारतीय दंड संहिता की धारा 323 के अनुसार, जो भी व्यक्ति (धारा 334 में दिए गए मामलों के सिवा) जानबूझ कर किसी को स्वेच्छा से चोट पहुँचाता है, उसे किसी एक अवधि के लिए कारावास जिसे एक वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है, या एक हजार रुपए तक का जुर्माना या दोनों के साथ दंडित किया जा सकता है।

IPC Section 323 324 325 326 in Hindi -मार-पीट, जख्मी करने या किसी को चोट पहुंचाने का मामला गंभीर है। ऐसे मामलों में क्या हैं कानूनी प्रावधान, कौनसी धारा लगेगी और कितनी सजा होगी इसके बारे में आज के इस पोस्ट में हम बात करेंगे.

IPC Section 323 - सामान्य मार-पीट मसलन चांटा मारने जैसे मामलों की शिकायत थाने में की जा सकती है, लेकिन यह मामला संज्ञेय अपराध की श्रेणी में नहीं आता। पुलिस सीधे एफआईआर दर्ज नहीं करती, फिर भी शिकायती को चाहिए कि वह पुलिस से शिकायत करे। इस मामले में अदालत के सामने अर्जी दाखिल कर एफआईआर दर्ज करने की गुहार लगाई जा सकती है।

IPC Section 324 - साधारण मार-पीट के केस में धारा-323 के तहत केस दर्ज होता है। इसके लिए अदालत के आदेश के बाद पुलिस केस दर्ज करती है। अगर किसी के साथ कोई मार-पीट करता है, तो पीड़ित को पहले एमएलसी करा लेनी चाहिए जिससे जब कोर्ट में शिकायत की जाए तो सबूत के तौर पर मेडिकल लीगल सर्टिफिकेट (एमएलसी) लगाया जा सके। एमएलसी मार-पीट के बाद किसी भी डॉक्टर से कराई जा सकती है।

IPC Section 324 - अगर साधारण मार-पीट के दौरान कोई किसी को घातक हथियार से जख्मी करता है, तो यह मामला आईपीसी की धारा-324 के तहत आता है। ऐसे मामले में शिकायती के बयान के आधार पर पुलिस सीधे एफआईआर दर्ज करती है। आरोपी अगर दोषी करार दिया जाता है तो उसे अधिकतम तीन साल कैद हो सकती है। यह अपराध गैरजमानती और गैरसमझौतावादी है। साथ ही संज्ञेय भी है। बाद में अगर दोनों पक्षों में समझौता भी हो जाए तो भी एफआईआर कोर्ट की इजाजत से ही खत्म हो सकती है।

IPC Section 325 - अगर कोई शख्स किसी को गंभीर चोट पहुंचाता है तो आईपीसी की धारा-325 के तहत केस दर्ज होता है। यह मामला भी संज्ञेय है लेकिन समझौतावादी है। साथ ही यह जमानती अपराध भी है।

IPC Section 326 -अगर कोई शख्स किसी घातक हथियार से किसी को गंभीर रूप से जख्मी कर दे तो आईपीसी की धारा-326 के तहत केस दर्ज होता है। किसी को चाकू मारना, किसी अंग को काट देना या ऐसा जख्म देना जिससे जान को खतरा हो जैसे अपराध इसी कैटिगरी में आते हैं। अगर किसी के साथ मार-पीट कर कोई हड्डी या दांत तोड़ दे तो भी धारा-326 के तहत ही केस दर्ज होता है। यह गैरजमानती और गैर समझौतावादी अपराध है। दोषी पाए जाने पर 10 साल की कैद या उम्रकैद तक हो सकती है।

IPC Section 307- अगर किसी पर कोई उसकी जान लेने की नीयत से हमला करता है, तो आरोपी पर आईपीसी की धारा-307 (हत्या का प्रयास) का केस दर्ज होता है। इसमें दोषी पाए जाने पर उम्रकैद तक हो सकती है।

IPC Section 308 - अगर कोई शख्स किसी पर अटैक करे और इस कारण जान को खतरा हो जाए लेकिन आरोपी की नीयत जान लेने की न हो तो गैर इरादतन हत्या का प्रयास यानी आईपीसी की धारा-308 के तहत केस दर्ज हो सकता है। दोषी पाए जाने पर अधिकतम सात साल कैद हो सकती है।

323 324 धारा का मतलब क्या होता है? - 323 324 dhaara ka matalab kya hota hai?

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सामान्य मारपीट करने पर भी भारतीय कानून में दोषी के लिए सज़ा का प्रवधान किया गया है। IPC Section 323,324,325,326 Full Detail In Hindi भले ही वो मामूली चोट या मामूली मारपीट भी क्यों न हो , यहां तक की किसी को चांटा मारना भी इन धाराओं के तहत अपराध की श्रेणी में आता है। आज हम भारत में मारपीट या किसी को सामान्य चोट पहुंचने पर क्या कानून है व कौन सी धाराएं हैं इन्ही पर चर्चा करेंगे।

323 324 धारा का मतलब क्या होता है? - 323 324 dhaara ka matalab kya hota hai?
Beating

धारा 323 :- आईपीसी 323 के अनुसार जो कोई अपनी स्वैच्छा से किसी को चोट पहुँचता है , (धारा 334 में दिए मामलों के बिना ) इसमें दोषी को एक साल तक की सजा व एक हज़ार के जुर्माने का प्रावधान है या दोनों को एक साथ दंडित किया जा सकता है। अगर किसी को समान्य चांटा भी मारा जाता है तो इस धारा के तहत वो अपराध होगा , लेकिन ऐसे मामलों में पुलिस सीधे एफआईआर दर्ज़ नहीं करती है , फिर अदालत में अर्ज़ी देकर मामला दर्ज़ करने के लिए बोला जा सकता है यहां अदालत पुलिस को मामला दर्ज़ करने का आदेश देती है , या फिर आप इस तरह बोल सकते हैं कि रस्ते में जाते हुए रोका गया और फिर मारपीट की गयी इस मामले में पुलिस एफआईआर दर्ज़ कर लेती है क्यूंकि किसी को रस्ते में रोकना संज्ञेय अपराध की श्रेणी में आता है । (भारतीय दंड सहिंता )

323 324 धारा का मतलब क्या होता है? - 323 324 dhaara ka matalab kya hota hai?
Beating IPC Section

धारा 324 :- अगर कोई किसी पर जानबूझकर किसी खतरनाक हथियार से हमला करता उसको चोट पहुँचता है तो धारा 324 के तहत मामला दर्ज़ किया जाता है। इसमें अदालत द्वारा अपराध की हालात के अनुसार या तो आजीवन कारावास , या साधारण कारावास व ऐसा कारावास जिसकी सजा तीन वर्ष तक हो सकती है दिया जाता है। इसमें आर्थिक दंड व कारावास का एक साथ भी प्रावधान है। यह एक गैर कानूनी अपराध है यह संज्ञेय अपराध की श्रेणी में आता है ।

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धारा 325 :– अगर कोई शख्स किसी को गंभीर चोट पहुँचता है या कोई ऐसा व्यकित जो शरीरक रूप से कमज़ोर हो उस पर गंभीर चोट अपने स्वैच्छा से पहुँचता है तो उसके खिलाफ धारा 325 के तहत मामला दर्ज़ किया जाता है। ये एक जमानती अपराध है व किसी भी मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है ये पीड़ित पक्ष की और से समझौता करने योग्य है , इस मामले में ऐसे कारावास जिसकी अविधि सात साल हो की सजा व जुर्माने का प्रावधान है।

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Crime

धारा 326 :- अगर कोई शख्स किसी घातक हथियार से किसी को गंभीर रूप से जख्मी कर दे तो आईपीसी की धारा-326 के तहत केस दर्ज होता है। किसी को चाकू मारना, किसी अंग को काट देना या ऐसा जख्म देना जिससे जान को खतरा हो जैसे अपराध इसी कैटिगरी में आते हैं। अगर किसी के साथ मार-पीट कर कोई हड्डी या दांत तोड़ दे तो भी धारा-326 के तहत ही केस दर्ज होता है। यह गैरजमानती और गैर समझौतावादी अपराध है। दोषी पाए जाने पर 10 साल की कैद या उम्रकैद तक हो सकती है।


हम उम्मीद करते हैं यहां दी गयी जानकारी से आपको कुछ सहायता मिलेगी , आपको बता दें कि यहां इन धाराओं के बारे में सामान्य जानकारी दी गयी है , अधिकतम जानकारी अपने मामले के अनुसार अपने अधिवक्ता से ले सकते हैं।



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धारा 323 324 325 क्या है?

मारपीट करने पर भारतीय कानून – भारतीय दंड सहिंता -धारा 323 , धारा 324 , 325 व 326. सामान्य मारपीट करने पर भी भारतीय कानून में दोषी के लिए सज़ा का प्रवधान किया गया है।

धारा 323 और 324 क्या है?

IPC Section 324 - साधारण मार-पीट के केस में धारा-323 के तहत केस दर्ज होता है। इसके लिए अदालत के आदेश के बाद पुलिस केस दर्ज करती है। अगर किसी के साथ कोई मार-पीट करता है, तो पीड़ित को पहले एमएलसी करा लेनी चाहिए जिससे जब कोर्ट में शिकायत की जाए तो सबूत के तौर पर मेडिकल लीगल सर्टिफिकेट (एमएलसी) लगाया जा सके।

धारा 324 में क्या होता है?

हम सभी साधारण मारपीट तो देखे ही होंगे, लेकिन जब कोई व्यक्ति किसी को मारपीट के दौरान खतरनाक आयुधों या साधनों द्वारा व्यक्ति को चोट पहुंचाता है तो वह भारतीय दण्ड संहिता की धारा 324 अप्लाई होती है, जिसके अंतर्गत ही अपराधी को कारावास और जुर्माने अथवा दोनो से दंडित किया जाएगा।

324 में कितने साल की सजा है?

प्रश्न: 324 धारा में कितनी सजा है? उत्तर: धारा 324 में आजीवन कारावास की सजा है जिसे 3 सालों तक बढ़ाया जा सकता है।