कौन से ब्लड ग्रुप वालों को मच्छर ज्यादा काटते हैं? - kaun se blad grup vaalon ko machchhar jyaada kaatate hain?

जब भी आप सोते हैं, बैठते हैं या चलते हैं तो ये मच्छर आपको कैसे पहचानते हैं। वे केवल आपको कैसे काटते हैं।

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उन्हें कैसे पता चलेगा कि आप अभी बिस्तर पर हैं? अक्सर आपने लोगों को यह कहते हुए सुना होगा कि मच्छर उन्हें इस संख्या में लोगों को काट रहे हैं, जबकि अन्य लोग चुपचाप बैठते हैं या बैठते हैं।

मच्छर बहुत बुद्धिमान होते हैं, क्या आपको ऐसा लगता है?

किसी के सामने यह कहना कभी न भूलें। ऐसा कुछ नहीं होता है। हां, लेकिन मच्छर उन लोगों को आसानी से पहचान लेते हैं जो एक विशेष रक्त प्रकार के होते हैं और उनकी ओर आकर्षित होते हैं।

आप एक ही कमरे में बैठे हैं और आपको ज्यादा मच्छर काट रहे हैं जबकि आपके आसपास या आपके साथ बैठे व्यक्ति को मच्छर छू भी नहीं रहे। ऐसा कई बार होता है। कई लोगों को शिकायत होती है कि उन्हें ज्यादा मच्छर काटते हैं। ऐसे में कई लोग इसका कारण जानना चाहते हैं। हम आपको बता रहे हैं इसकी वजह- लखनऊक्या आपको लगता है कि दूसरों की तुलना में आपको ज्यादा मच्छर काटते हैं। अगर ऐसा है तो परेशान न हों। कई लोगों को इस समस्या का सामना करना पड़ता है। हाल ही में अमेरिका की पब्लिक लाइब्रेरी ऑफ सायंस की रिपोर्ट के मुताबिक, मच्छरों का काटना जींस पर निर्भर करता है। अगर माता या पिता में से किसी एक या दोनों को ज्यादा मच्छर काटते हैं तो हो सकता है कि आपके साथ भी ऐसा हो।ऐसा ही भाई-बहनों के संबंध में भी होता है क्योंकि खून के रिश्ते होने पर जींस भाई-बहनों व माता-पिता से मिलते हैं। इतना ही नहीं रिसर्च में खुलासा हुआ है कि O ब्लड ग्रुप वाले लोगों को मच्छर ज्यादा काटते हैं। तो आइए आज हम आपको बता रहे हैं कि मच्छर किस चीज से आकर्षित होते हैं और किनको काटते हैं।ब्लड ग्रुप का भी फर्क वैज्ञानिकों के मुताबिक, मच्छर हमारे ब्लड से प्रोटीन लेते हैं। एक रिसर्च के मुताबिक, O ब्लड ग्रुप वाले लोगों को A ब्लड ग्रुप की तुलना में दोगुना मच्छर काटते हैं। वहीं B ब्लड ग्रुप के लोगों को सामान्य रूप से मच्छर काटते हैं।पसीने की गंध से होते हैं जल्दी आकर्षित जिन लोगों को ज्यादा पसीना आता है, उन्हें मच्छर ज्यादा काटते हैं। पसीने में लैक्टिक ऐसिड, यूरिक ऐसिड, अमोनिया जैसे तत्व होते हैं, जिनसे मच्छर जल्दी आकर्षित होते हैं। यही वजह है कि कसरत के दौरान भी मच्छर ज्यादा काटने लगते हैं। बलरामपुर अस्पताल में फिजिशियन डॉ. मनोज अग्रवाल का कहना है, 'जिन लोगों को ज्यादा पसीना आता है, उन्हें मच्छर ज्यादा काटते हैं।'मच्छरों में देखने और रंग पहचानने की क्षमता एक रिसर्च के मुताबिक, मच्छरों में देखने और रंग पहचानने की क्षमता भी होती है। मच्छर लाल, नीले, जामुनी और काले जैसे रंगों को मच्छर आसानी से पहचान लेते हैं। इसलिए ऐसा मुमकिन है कि अगर आपने ऐसे किसी रंग के कपड़े पहने हैं तो आपको मच्छर ज्यादा काट रहे हों, जबकि आपके साथ सफेद या पीले रंग के कपड़े पहने शख्स को मच्छरों का पता भी न चले।बीयर बीयर पीने से शरीर में इथेनॉल की मात्रा बढ़ जाती है। इथेनॉल मच्छरों को बहुत आकर्षित करता है। इसलिए बीयर पीने के बाद मच्छर ज्यादा आकर्षित होने लगते हैं और ज्यादा काटते हैं।ऐसे बचे मच्छरों से मच्छरों को ज्यादा आकर्षित करने के कुछ ऐसे कारण होते हैं जिनसे आप बच नहीं सकते। मसलन, आप अपना ब्लड ग्रुप बदल नहीं सकते। ऐसे में मच्छरों से बचाव ही आपके पास एकमात्र उपाय है। मच्छरों से बचाव के लिए सबसे पहले ऐसे कपड़े पहनें, जिसमें आपका पूरा शरीर ढक जाएं। पंखे या कूलर के पास रहें। मच्छरदानी लगा के सोएं।इसके अलावा, लहसुन की तीखी और कटु गंध मच्छर के काटने से और यहां तक ​​कि अपने घर में घुसने से भी रोकती है। इस उपाय का उपयोग करने के लिए आप लहसुन की कुछ फली पीसकर पानी में उबाल लें और जिस कमरें को आप मच्छर मुक्त रखना चाहते हैं वहां चारों ओर स्प्रे करें। शोधकर्ताओं का दावा है कि कुछ विशेष गंध मच्छर को ज्यादा तेजी से आकर्षित करती हैं. इंसान की त्वचा में रहने वाले बैक्टीरिया से रिलीज होने वाले यूरिक एसिड, लैक्टिक एसिड और अमोनिया की महक से भी मच्छर इंसान के पास ज्यादा मंडराते हैं. शरीर का तापमान ज्यादा होने की वजह से इंसान को जो पसीना आता है, उसमें ये तत्व ज्यादा निकलते हैं. मानसून और बारिश का यूं तो सब इंतजार करते हैं लेकिन मानसून अपने साथ लाता है मच्छर और मच्छर अपने साथ लाते हैं डेंगू-मलेरिया जैसी बीमारियां. डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया और मौजूदा समय में देश के कई हिस्सों में तेजी से बढ़ रहे जीका वायरस के मामले भी इन्हीं मच्छरों जनित होते हैं. आज हम आपको बताएंगे की मच्छर किन लोगों को ज्यादा काटते हैं. जी हां, कुछ लोगों को बाकी लोगों के मुकाबले मच्छर ज्यादा काटते हैं. कई लोगों की त्वचा मच्छरों को ज्यादा आकर्षित करती है. तो वहीं कई लोगों का ब्लड ग्रुप लोगों को आकर्षित करता है. (adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({}); आखिर त्वचा से कैसे आकर्शित होते हैं मच्छरजिन लोगों की त्वचा से लैक्टिक एसिड का उत्पादन ज्यादा होता है, ऐसा माना जाता है कि ऐसे लोगों को मच्छर ज्यादा काटते हैं. लैक्टिक एसिड से मच्छर ज्यादा आकर्षित होते हैं. तो जिस इंसान की त्वचा में लैक्टिक एसिड की मात्रा ज्यादा होगी, उसे मच्छर ज्यादा काटेंगे.ब्लड ग्रुप भी है मच्छरों के काटने का कारणब्लड ग्रुप और मच्छरों के काटने का संबंध थोड़ा गहरा है. कई रिसर्च में ऐसे प्रमाण मिले हैं कि अन्य ब्लड ग्रुप वाले लोगों की तुलना में 'ओ ब्लड ग्रुप' वाले लोगों के प्रति मच्छर अधिक आकर्षित होते हैं.  (adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({}); कार्बन डाइऑक्साइड है मच्छरों के काटने का कारणऐसा माना जाता है कि मच्छर, कार्बन डाइऑक्साइड का उपयोग करके काटने वाले लक्ष्य की पहचान करते हैं. अब चूंकि सभी कशेरुकी कार्बन डाइऑक्साइड का उत्पादन करते हैं, ऐसे में मच्छरों के लिए इससे अच्छा और क्या है सकता है ?गर्भवती महिलाओं को भी ज्यादा काटते हैं मच्छरगर्भवती महिलाओं में मेटाबॉलिक रेट भी अधिक होता है, जो उन्हें मच्छरों के लिए ज्यादा आकर्षक बनाता है. तो मच्छर इन महिलाओं को भी अपना निशाना बनाते हैं. (adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({}); कपड़े और मच्छर का संबंध गहरे रंग के कपड़े पहनना भी एक कारण हो सकता है, गहरे रंग के कपड़े मादा मच्छरों को आकर्षित करते हैं. और कैसे आकर्षित होते हैं मच्छर ?जिनके शरीर का तापमान ज्यादा होता है उन्हें मच्छर ज्यादा काटते हैं। शराब पीने वाले लोगों के पसीने से निकलने वाले रसायनों को मच्छर बेहद पसंद करते हैं. अगर आपको पसीना ज्यादा आता है तो भी आप आसानी से मच्छरों का शिकार हो सकते हैं. मच्छर को कौन सा ब्लड पसंद है?

एक रिसर्च में पाया गया कि ओ ब्लड ग्रुप वाले लोगों के प्रति मच्छर ज्यादा आकर्षित करते हैं. कार्बन डाइऑक्साइड-मच्छर काफी दूर से कार्बन डाइऑक्साइड को महसूस कर सकते हैं.

कौन सा ब्लड ग्रुप मच्छरों को आकर्षित नहीं करता है?

'O' ब्लड ग्रुप वालों को ज्यादा परेशानी इसके अलावा शरीर की गंध, पसीने की महक जैसे फैक्टर्स से भी मच्छर प्रभावित होते हैं. अगर आपकी स्किन साफ रहेगा तो मच्छर कम आकर्षित होंगे.

क्यों मच्छर मुझे बहुत काटता है?

कई स्टडीज का कहना है कि ब्लड टाइप O को ज्यादा मच्छर काटते हैं. मच्छर इस ब्लड ग्रूप से ज्यादातर आकर्षित होते हुए देखे गए हैं. वहीं, मेटाबॉलिक रेट भी मच्छरों की पसंद को प्रभावित करता है. प्रेग्नेंट औरतों और मोटे लोगों का मेटाबॉलिक रेट ज्यादा होता है जिस चलते मच्छर उन्हें ज्यादा काटते हैं.

महिलाओं को मच्छर कम क्यों काटते हैं?

दरअसल, मच्छर उन मनुष्यों को ज्यादा काटते हैं जिनकी बॉडी से ज्यादा कार्बन डाइऑक्साइड निकलता है. मच्छर बॉडी से सांस, पसीने से निकलने वाले कार्बन डाइ ऑक्साइड से आकर्षित होते हैं. इस दौरान उन्हें लैक्टिक एसिड और ओक्टेनॉल भी आकरषत करता है. महिलाएं पुरुषों के मुकाबले ज्यादा साफ़-सुथरी रहती हैं.