ऋ एक स्वर जो वर्णमाला का सातवाँ वर्ण है । इसकी गणना स्वरों में है और इसका उच्चारण स्थान संस्कृत व्याकरणानुसार मूर्द्धा है । इसके तीन भेद हैं—ह्वस्व, दीर्घ और प्लुत । इनमें से भी एक एक के उदात्त, अनुदात्त और स्वरित तीन तीन भेद हैं । इन नौ भेदों में भी प्रत्येक के अनुनासिक और निरनुनासिक दो दो भेद हैं । इस प्रकार ऋ के कुल अठारह भेद हुए । Show
ऋ ^१ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰] १. देवमाता । अदिति । २. निंदा । बुराई । ऋ ^२ संज्ञा पुं॰ [सं॰] स्वर्ग [को॰] । ‘ऋ’ की मात्रा के शब्द- (‘Ri’ ki matra ke Shabd, vakya, Worksheet)
‘ऋ’ हिंदी वर्णमाला का सातवाँ स्वर है। यह ह्रस्व स्वर होता है। इसका उच्चारण करते समय कम समय लगता है। ‘ऋ’ की मात्रा व्यंजनों के नीचे से दाएं ओर घूमती वक्र रेखा ( ) होती है। ‘ऋ ‘ की मात्रा की बनावट और उच्चारण का पर्याप्त अभ्यास सीखने वाले को करवाना आवश्यक है। क्योंकि यह न केवल ‘ऋ’ की मात्रा की मात्रा का ज्ञान करवाता है, बल्कि ‘उ ‘ और ‘ऊ’ की मात्रा से विभेद करने में मदद करता है।
‘ऋ’ की मात्रा का उच्चारण ‘रि’ की तरह होता है। यह संस्कृत भाषा से आए शब्दों में अधिक प्रयोग किया जाता है। ‘ऋ’ की मात्रा का प्रयोग करते समय मात्रा को स्पष्ठ दिखाना उचित रहता है, जिससे बच्चे में मात्रा की आकृति स्पष्ठ हो सके। उचित होगा कि लिखते समय उच्चारण भी करवाया जाए। लेकिन लिखने से पहले पहचान पर कार्य करवाना चाहिए।‘ऋ’ की मात्रा के वाले शब्द (Ri ki Matra ke Useful words)
‘ऋ ‘ की मात्रा के बाल मैत्री शब्द जो की परिवेश में अधिक और भौतिक रूप में विद्यमान हैं-
'ऋ' की मात्रा वाले शब्द useful and child friendlyगृहवृक्षऋणतृणनृपमृगवृषदृढ़घृतमृतकृतभृतदृश्यतृप्त नृत्यवृत्तकृपामृदातृषादृषावृथाघृणातृष्णाकृष्णाभातृमातृकृषिकृमि कृतिऋषिवृष्टिसृष्टिदृष्टिपृथ्वीमृत्युमृदुभृगुऋषभकृषकश्रृंखलाश्रृंगारहृदयकृतज्ञकृपालुकृपाणकृतघ्नकृपयापृथकशृगालसृजनमृतकवृतांततृतीय अमृतमृदुलकृत्रिमभृकुटीगृहणीसंस्कृतसंस्कृतिपुरस्कृतमृणालिनीवृक्षावलीकृष्णकांतऋषिकुलऋषिकेशघृतकुमारीकृतिनृत्य
‘ऋ’ की मात्रा के शब्द वाले वाक्य – (Ri ki Matra ke Vakya )
शब्द’ अपने आप में अर्थ रखते हैं, लेकिन भाषा में वाक्य द्वारा शब्दों का अर्थ बहुत जल्दी स्पष्ट हो जाता है। अतः वाक्य द्वारा भी बच्चों को मात्राओं का ज्ञान करवाना चाहिए। उदाहरण के लिए यदि हम केवल ‘वृक्ष’ कहते हैं तो यह शब्द उसके लिए ज्यादा प्रभावी न होगा। जितना की |