आलसी के लिए कौन सा ग्रह जिम्मेदार है? - aalasee ke lie kaun sa grah jimmedaar hai?

किस्मत कनेक्शन में आज हम बात करेंगे आलस्य के बारे में. कुंडली में तीसरा, छठा, ग्यारहवां भाव पराक्रम का होता है, ये भाव मजबूत हों तो व्यक्ति कर्मठ होता है. इन भावों के कमजोर होने पर व्यक्ति आलसी होता है. शनि कमजोर हो तो आलस्य की समस्या होती है. अग्नि तत्व कमजोर होने पर व्यक्ति आलसी हो जाता है. चंद्रमा, शुक्र भी आलस्य में बड़ी भूमिका निभाते हैं. जल और वायु की राशियों में आलस्य की संभावना ज्यादा होती है.

In today Kismat connection, we will talk about laziness. In the horoscope, the third, sixth, eleventh bhav is of mighty power, if the bhav becomes strong, then the person is a workman. When these feelings are weak, one becomes lazy. If Saturn is weak, there is a problem of laziness. When the fire element weakens, the person becomes lazy. Moon, Venus also play a big role in laziness. There is more chance of laziness in the zodiacs of water and air.

चाल चक्र में आज जानें क्या है आलस्य में ग्रहों की भूमिका. कुंडली का तीसरा, छठा और ग्यारहवां भाव पराक्रम का होता है. इन भावों के मजबूत होने पर व्यक्ति कर्मठ होता है. जबकि इन भावों के कमजोर होने पर व्यक्ति आसली हो जाता है. शनि कमजोर हो तो आलस्य की संभावना ज्यादा होती है.अग्नि तत्व के कमजोर होने पर भी व्यक्ति के अंदर आलस्य आ जाता है. चंद्रमा और शुक्र भी आलस्य में बड़ी भूमिका निभाते हैं. जल और वायु की राशियों में आलस्य की संभावना ज्यादा होती है. चंद्रमा प्रभावित आलस लगातार नहीं रहता. मन की स्थितियों के आधार पर आता-जाता रहता है. ऐसी स्थिति में रोज स्नान जरूर करें. स्नान के बाद शरीर को रगड़कर सुखाएं. रोज सुबह बोल-बोलकर गायत्री मंत्र का जाप करें. नारंगी रंग का प्रयोग करें. रात में भोजन जल्दी से जल्दी करें.

Reason Of Laziness: हमारे जीवन में घट रही घटनाओं के पीछे ग्रहों का हाथ होता है. व्यक्ति का स्वभाव, भविष्य और व्यक्तित्व सभी कुछ ग्रहों पर निर्भर करता है. कई बार आपने देखा होगा कि कोई व्यक्ति शारीरिक रूप से फिट होते हुए भी आलस और सुस्ती से भरा होता है. इसके पीछे भी व्यक्ति की कुंडली की ग्रह दशा होती है. ज्योतिष के अनुसार व्यक्ति के ग्रहों की कुछ विशेष दशा व्यक्ति को आलसी बना देती है. आइए जानें ग्रहों की कौन सी दशा व्यक्ति को आलसी और सुस्त बनाती हैं. 

शनि की दशा

सभी ग्रहों में शनि बहुत ही धीमी चाल से चलता है. जिन जातकों के जीवन में शनि की अशुभ दशा होती है, वे जीवन में आलसी बन जाते हैं. इसका अर्थ ये नहीं है शनि आलस को बढ़ाते हैं. बल्कि शनि देव तो व्यक्ति को अनुशासन में रहना और मेहनत करना सिखाते हैं. लेकिन शनि के शत्रु भाव में होने के कारण व्यक्ति सुस्त हो जाता है. 

सूर्य की दशा

सूर्य ग्रह को वैसे तो एनर्जी का स्रोत माना जाता है. लेकिन किसी भी जातक की कुंडली में सूर्य कमजोर होने पर ये व्यक्ति को बहुत आलसी बना देता है. व्यक्ति इस हद  तक आलसी हो जाता है कि उसका बिस्तर से उठने तक का मन नहीं करता. 

राहु की दशा

व्यक्ति की जन्म कुंडली में राहु के लग्न भाव में होने पर जातक आलसी हो जाता है. ऐसे लोग आसानी से कोई निर्णय नहीं ले पाते. और सही-गलत में अंतर नहीं कर पाते. ऐसे लोगों का दिमाग बहुत धीरे काम करता है. 

चंद्रमा की दशा

ज्योतिष के अनुसार चंद्रमा किसी भी जातक की कुंडली में अगर केंद्र यानी पहले, चौथे, सातवें या दसवें घर का स्वामी होता है. यानी जिन जातकों की कुंडली में इन घरों की कर्क राशि होती है, वे बहुत आलसी स्वभाव के होते हैं. ऐसे लोग ख्यालों में रहते हैं और मेहनत नहीं करना चाहते. 

गुरु की दशा

अगर कुंडली में गुरु की दशा कमजोर होती है, तो व्यक्ति के आलस में बढ़ोतरी होती है. गुरु की कृपा से व्यक्ति को ये अहसास होने लगता है कि उसने जीवन में सब कुछ पा लिया है और उसे अब किसी भी तरह की मेहनत की जरूरत नहीं है. इसलिए ये लोग कभी आगे नहीं बढ़ पाते. 

यूं दूर करें आलस्य

- किसी भी तरह से चंदन का इस्तेमाल व्यक्ति के आलस को दूर करने में मदद करता है. 

- राहु के अशुभ प्रभावों को कम करने के लिए शुक्रवार और रविवार को भैरव बाबा की पूजा करें. 

- रंगों का भी व्यक्ति के जीवन पर विशेष प्रभाव पड़ता है. स्वंय को एक्टिव रखने के लिए ज्यादा से ज्यादा नारंगी रंग का प्रयोग करें. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

हम सब अक्सर आलस्य का शिकार हो जाते हैं। आलस्य की वजह से हमारे कई जरूरी काम अधूरे ही रह जाते हैं जिसका बाद में हमें काफी अफसोस भी होता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आलस्य का कुंडली में ग्रहों की दशा से गहरा कनेक्शन है। यदि नहीं तो आज हम आपको इसी बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जिस व्यक्ति की कुंडली में मुख्य ग्रह चंद्रमा होता है। या फिर चंद्रमा लग्न की स्थिति पर अपना प्रभाव छोड़ता है तो व्यक्ति आलस्य की चपेट में आ जाता है। कहतें है कि कुंडली में  उपरोक्त दशा होने पर व्यक्ति खुद को शारीरिक रूप से कमजोर महसूस करने लगता है और उसे आलस्य भी खूब आता है।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जिस व्यक्ति की कुंडली में मुख्य ग्रह बृहस्पति होता है। या फिर शुक्र ग्रह लग्न पर अपना प्रभाव छोड़ रहा हो। ऐसी दशा में व्यक्ति के आलस्य से घिर जाने की मान्यता है। कहते हैं कि ऐसी दशा में व्यक्ति का काम करने में मन नहीं लगता और बस आराम करने को मन करता है। इस प्रकार से चंद्रमा, बृहस्पति और शुक्र ग्रहों की कुंडली में स्थिति को मुख्य रूप से आलस्य के लिए जिम्मेदार माना गया है।

आलसी के लिए कौन सा ग्रह जिम्मेदार है? - aalasee ke lie kaun sa grah jimmedaar hai?

लोकप्रिय खबरें

आलसी के लिए कौन सा ग्रह जिम्मेदार है? - aalasee ke lie kaun sa grah jimmedaar hai?

14 जनवरी से चमक सकती है इन 3 राशि वालों की किस्मत, सूर्य देव करेंगे मकर राशि में प्रवेश

आलसी के लिए कौन सा ग्रह जिम्मेदार है? - aalasee ke lie kaun sa grah jimmedaar hai?

11 दिन बाद उदय होने जा रहे हैं बुध ग्रह, इन राशियों के शुरू होंगे अच्छे दिन, हर कार्य में सफलता के योग

आलसी के लिए कौन सा ग्रह जिम्मेदार है? - aalasee ke lie kaun sa grah jimmedaar hai?

Diabetes: Blood Sugar कंट्रोल करने में सहायक है लहसुन; एक्सपर्ट से जानिए किस तरह से करें सेवन

आलसी के लिए कौन सा ग्रह जिम्मेदार है? - aalasee ke lie kaun sa grah jimmedaar hai?

13 मार्च तक वृष राशि में विराजमान रहेंगे मंगल ग्रह, इन 3 राशि वालों की धन- दौलत में अपार बढ़ोतरी के आसार

इसके अलावा कुंडली में शनि ग्रह की दशा खराब होने पर भी व्यक्ति आलस्य का शिकार हो जाता है। कहते हैं कि शनि ग्रह से आने वाला आलस्य बड़ा ही भयानक होता है। ऐसी दशा में व्यक्ति अपने बिस्तर से उठना ही नहीं चाहता और काम करने को तो बिलकुल भी तैयार नहीं होता है। इसके साथ ही आलस्य के लिए भोजन को भी जिम्मेदार माना जाता है। कहते हैं कि कार्बोहाइड्रेट्स और कैलोरी से भूरपूर भोजन लेने पर आलस्य अत्यधिक आता है। इसलिए हमें ऐसें भोज्य पदार्थ लेने से मना किया जाता है जिसमें कार्बोहाइड्रेट्स और कलौरी ज्यादा हो।

कौन सा ग्रह आलसी बनाता है?

शनि को बहुत ही धीमी गति से चलने वाला ग्रह माना जाता है। जिन जातकों की शनि की अशुभ दशा का प्रभाव होते हैं, वे अपनी लाइफ में आलसी बन जाते हैं।

शरीर आलसी होने का क्या कारण है?

आलस के जीवनशैली से जुड़े कारण (Lifestyle causes of laziness) उदाहरण के लिए एक खराब आहार, बहुत ज़्यादा शराब और अच्छी नींद की कमी ये सब आपको थका हुआ महसूस कराते हैं। ) से संबंधित लेख पढ़ें। तनाव कम नींद का कारण बन सकता है तो बदले में आपको थका हुआ महसूस करा सकता है और आपमें प्रेरणा की कमी हो सकती है।

पेट की समस्या के लिए कौन सा ग्रह जिम्मेदार है?

बृहस्‍पति ग्रह के दोष के कारण हेपेटाइटिस और पेट की गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। इस ग्रह की खराब दशा में व्‍यक्ति को पैसों की कमी का भी सामना करना पड़ता है।

आलस को कैसे दूर किया जा सकता है?

आलस दूर कैसे करे (Aalas dur kaise kare).
आलस क्या होता है (Aalas kya hota hai).
आलस आने के कारण (Aalas aane ka karan).
#1. नींद पूरी करें.
#2. ज्यादा भी ना सोये.
#3. सुबह जल्दी उठे.
#4. दही का सेवन करे.
#4. काम निर्धारित करे.
#5. सौंफ का पानी.