एसिडिटी है, हो जाती है, परेशान क्या होना! किसी चूर्ण या फिर एंटासिड दवा से तुंरंत राहत मिल जाएगी। एसिडिटी पर अधिकतर लोगों की यही प्रतिक्रिया होती है। पर ध्यान रखें बार-बार ऐसा करना सेहत के साथ... Show
लाइव हिन्दुस्तान टीमThu, 27 Jun 2013 08:14 PM हमें फॉलो करें ऐप पर पढ़ें एसिडिटी है, हो जाती है, परेशान क्या होना! किसी चूर्ण या फिर एंटासिड दवा से तुंरंत राहत मिल जाएगी। एसिडिटी पर अधिकतर लोगों की यही प्रतिक्रिया होती है। पर ध्यान रखें बार-बार ऐसा करना सेहत के साथ खिलवाड़ है और कई बड़ी समस्यों को निमंत्रण भी। यह गैस्ट्रोइसोफैगल रिफ्लक्स डिसीज (जीईआरडी) की शुरूआत हो सकती है, जिसे सामान्य बोलचाल में एसिडिटी कह देते हैं। इससे जुड़े मिथक भी कम नहीं हैं। एसिडिटी के हमले से खुद को कैसे बचाएं बता रही हैं शमीम खान जब भोजन मुंह में प्रवेश करता है, तब लार भोजन में उपस्थित स्टार्च को छोटे-छोटे अणुओं में तोड़ने लगती है। इसके बाद भोजन इसोफैगस (भोजन नली)से होता हुआ पेट में जाता है, जहां पेट की अंदरूनी परत भोजन को पचाने के लिए पाचक उत्पाद बनाती है। इसमें से एक स्टमक एसिड है। कईं लोगों में लोवर इसोफैगियल स्फिंक्टर (एलईएस) ठीक से बंद नहीं होता और अक्सर खुला रह जाता है। जिससे पेट का एसिड वापस बहकर इसोफैगस में चला जाता है। इससे छाती में दर्द और तेज जलन होती है। इसे ही जीईआरडी या एसिड रिफ्लक्स कहते हैं। कभी न कभी हर किसी को इस समस्या का सामना करना पड़ जाता है। अधिकतर लोगों को यह समझ में नहीं आता कि हार्ट बर्न और एसिड रिफ्लक्स में क्या अंतर है। एसिड का इसोफैगस में पहुंचना एसिड रिफ्लक्स है, इसमें दर्द नहीं होता। जबकि हार्ट बर्न में छाती के बीच में दर्द, जकड़न और बेचैनी होती है। यह तब होता है जब इसोफैगस की अंदरूनी परत नष्ट हो जाती है। एसिड रिफ्लक्स बिना हार्ट बर्न के हो सकता है, पर हार्ट बर्न बिना एसिड रिफ्लक्स के नहीं हो सकता। एसिड रिफ्लक्स कारण है और हार्ट बर्न उसका प्रभाव है। सामान्य से अधिक मात्र में एसिड स्राव होने को जोलिंगर एलिसन सिंड्रोम कहते हैं। यहां यह समझना जरूरी है कि एसिड हमारे लिए बहुत उपयोगी है। जैसे पेप्सिन एंजाइम, प्रोटीन के पाचन के लिए आवश्यक है। पेट की अंदरूनी परत से स्रावित हाइड्रोक्लोरिक एसिड भी कईं भोज्य पदार्थों के पाचन के लिए जरूरी है। ये एसिड अग्नाश्य को ठीक रखने के लिए जरूरी होते हैं। एसिडिटी के कारण लक्षण छाती में दर्द: छाती में दर्द तब होता है जब पेट का एसिड इसोफैगस में पहुंच जाता है। इस स्थिति में तुरंत डॉक्टर को दिखाना बेहतर होगा। गले में खराश: पाचन तंत्र की समस्याओं के कारण भी गले की खराश हो सकती है। बिना सर्दी-जुकाम अगर खाने के बाद गले में दर्द होता है तो इसका कारण एसिड रिफ्लक्स हो सकता है। चक्कर आना: कई बार एसिडिटी के लक्षण चक्कर आने के रूप में भी दिखायी देते हैं। कई बीमारियों का कारण है एसिडिटी अस्थमा एनीमिया हड्डियों का कमजोर हो जाना इसोफैगियल कैंसर और निमोनिया सही करवट सोएं युवाओं में बढ़ी सीने में जलन की समस्या आप अगर सही समय पर नहीं खाएंगे, ज्यादा मसालेदार और तलाभुना खाएंगे, शारीरिक रूप से सक्रिय नहीं रहेंगे तो आसानी से इसके शिकार हो जाएंगे। यही कारण है कि आज युवा भी इसके तेजी से शिकार हो रहे हैं। उनके लिए जरूरी है कि वे नियत समय पर पोषक भोजन करें, जंक फूड या अधिक तले से दूर रहें। खाना खाते समय टीवी, मोबाइल और कंप्यूटर से दूर रहें। नियमित रूप से एक्सरसाइज करें। तनाव न पालें। अगर यह सब करने के बाद भी एसिडिटी की समस्या रहे तो एंडोस्कोपी करवाएं। (रॉकलैंड हॉस्पिटल के गैस्ट्रोएनटोलजी एंड इंटरनल मेडिसिन के प्रमुख डॉ. एम पी शर्मा से बातचीत पर आधारित) सीने में जलन किसका लक्षण है?दरअसल, कई बार सीने में जलन किसी भी समय खाने, अधिक खाने, अनहेल्दी चीजों के सेवन, आदतों के कारण सीने में जलन की समस्या होने लगती है. कई बार बहुत ज्यादा हेवी मसालेदार भोजन करने से भी सीने में जलन यानी हर्ट बर्न की समस्या शुरू हो जाती है.
छाती में जलन होती है तो क्या करें?अदरक है फायदेमंद सीने में जलन या फिर हार्टबर्न की परेशानी होने पर आप अदरक का इस्तेमाल कर सकते हैं. ... . सौंफ है लाभकारी सौंफ से भी सीने में जलन की परेशानी को कम किया जा सकता है. ... . ठंडा दूध पिएं हार्टबर्न की शिकायत होने पर ठंडा दूध आपके लिए फायदेमंद हो सकती है. ... . एलोवेरा जूस. छाती में जलन होने से क्या खाना चाहिए?सीने पर तेज जलन हो रही हो और कोई दवाई पास न हो तो सबसे अच्छा तरीका होता है कि आप ठंडा दूध पी लें. हालांकि यदि खाना खाया है तो दो घंटे बाद तक दूध नहीं पीना चाहिए. ऐसे में शहद, अजवाइन या अविपत्तिकर चूर्ण का सेवन करना चाहिए.
सीने में जलन हो तो कौन सी टेबलेट लेनी चाहिए?आमतौर पर इसके लिए ओमेप्राजोल जैसी दवा ली जाती है। हालांकि, जीवनशैली और खानपान में कुछ बदलाव करके भी सीने में जलन की दिक्कत को कंट्रोल किया जा सकता है। जब पेट का एसिड वापस भोजन नली में आ जाता है तो एसिड रिफलक्स की समस्या उत्पन्न होती है जिसके कारण सीने में जलन महसूस होने लगती है।
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