यह एक सामान्य खनिज है जो ग्रेनाइट, सीनाइट और अन्य आग्नेय चट्टानों जैसी चट्टानों का निर्माण करता है। मेटामॉर्फिक चट्टानें जैसे गनीस और शिस्ट में भी यह होता है। ग्रेनाइटिक पेग्मेटाइट डाइक्स में सबसे मूल्यवान जमा पाए जाते हैं। अभ्रक एक खनिज है जो हाइड्रस पोटेशियम, एल्यूमीनियम सिलिकेट्स से बना है। यह द्वि-आयामी शीट या परत संरचना के साथ एक फाइलोसिलिकेट है। अभ्रक सबसे आम चट्टान बनाने वाले खनिजों में से हैं और तीनों प्रमुख चट्टान प्रकारों में पाए जा सकते हैं: आग्नेय, अवसादी और कायांतरित। Show अभ्रक भारत में उत्पादित अधात्विक खनिजों में से एक है। इसका मुख्य रूप से औद्योगिक क्षेत्रों में महत्व है; इसका उपयोग सीमेंट, उर्वरक, बिजली की चीजों आदि जैसी वस्तुओं के उत्पादन में कच्चे माल के रूप में किया जाता है। अभ्रक आग्नेय, अवसादी और कायांतरित चट्टानों के भंडार में पाया जाता है।
Summary: अभ्रक बिहार के किस जिले में पाया जाता है?अभ्रक दक्षिण पूर्व बिहार में गया(सबसे अधिक मात्रा में यहाँ पाया जाता है), मुंगेर, नवादा, जमुई, मुजफ्फरपुर जिलों में पाया जाता है। अभ्रक सिलिकेट खनिजों का एक समूह है जिसकी विशेषता यह है कि अभ्रक क्रिस्टल को आसानी से अत्यंत पतली लोचदार प्लेटों में विभाजित करता है।इसका उपयोग इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग में बहुत ज्यादा किया जाता है। बिहार अभ्रक उत्पादन में आगे रहा है। Solution : भारत विश्व में शीट अभ्रक का अग्रणीय उत्पादक है। अब तक इलेक्ट्रॉनिक उद्योगों में इसका उपयोग होता रहा है। किन्तु कुछ कृत्रिम विकल्प आ जाने से अभ्रक के उत्पादन एवं निर्यात दोनों पर बुरा असर पड़ा है। वैसे तो प्राचीन काल से अभ्रक का प्रयोग आयुर्वेदिक दवाओं के लिए किया जाता रहा है, लेकिन विद्युत उपकरण में इसका खास उपयोग होता है। क्योंकि यह विद्युत रोधक होने के कारण उच्च विद्युत शक्ति को सहन कर सकता है। चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये। पीके अभ्रक का उपयोग मुख्य रूप से विद्युत उपभोग में किया जाता है विद्युत का संवाहक होने के कारण इसका उपयोग कंडेनसर कमयुटेटर टेलीफोन आदि के काम में होता है पारदर्शक तथा ताप रोधक होने कारण या लैंप की चिमनी स्टाफ भर्ती वादी में प्रयोग किया जाता है pk abhrak ka upyog mukhya roop se vidyut upbhog mein kiya jata hai vidyut ka sanvahak hone ke karan iska upyog condenser kamayutetar telephone aadi ke kaam mein hota hai paradarshak tatha taap rodhak hone karan ya lamp ki chimney staff bharti wadi mein prayog kiya jata hai पीके अभ्रक का उपयोग मुख्य रूप से विद्युत उपभोग में किया जाता है विद्युत का संवाहक होने के 757 This Question Also Answers: Vokal App bridges the knowledge gap in India in Indian languages by getting the best minds to answer questions of the common man. The Vokal App is available in 11 Indian languages. Users ask questions on 100s of topics related to love, life, career, politics, religion, sports, personal care etc. We have 1000s of experts from different walks of life answering questions on the Vokal App. People can also ask questions directly to experts apart from posting a question to the entire answering community. If you are an expert or are great at something, we invite you to join this knowledge sharing revolution and help India grow. Download the Vokal App! अभ्रक का क्या उपयोग है?बड़ी-बड़ी परतोंवाला अभ्रक मुख्यतया विद्युत् उद्योग में काम आता है। विद्युत् का असंवाहक होने के कारण इसका उपयोग कंडेंसर, कम्यूटेटर, टेलीफोन, डायनेमो आदि के काम में होता है। पारदर्शक तथा तापरोधक होने के कारण यह लैंप की चिमनी, स्टोव, भट्ठियों आदि में प्रयुक्त होता है।
अभ्रक कहाँ मिलता है इसका क्या उपयोग है ?`?बिहार जिले में अभ्रक
अभ्रक भारत में उत्पादित अधात्विक खनिजों में से एक है। इसका मुख्य रूप से औद्योगिक क्षेत्रों में महत्व है; इसका उपयोग सीमेंट, उर्वरक, बिजली की चीजों आदि जैसी वस्तुओं के उत्पादन में कच्चे माल के रूप में किया जाता है। अभ्रक आग्नेय, अवसादी और कायांतरित चट्टानों के भंडार में पाया जाता है।
अभ्रक कहाँ पाया जाता है?भारत में अभ्रक भंडार का लगभग 95% झारखंड, आंध्र प्रदेश और राजस्थान राज्य में स्थित है। ब्रिटिश भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण ने बताया कि 2005 तक, भारत में झारखंड राज्य के कोडरमा जिले में दुनिया में अभ्रक का सबसे बड़ा भंडार था। आंध्र प्रदेश भारत में अभ्रक का सबसे बड़ा उत्पादक है।
अभ्रक कैसे बनता है?अभ्रक (Mica) एक खनिज है जो आग्नेय (Igneous rock) एवं कायांतरित चट्टानों (metamorphic rock) में परत के रूप में पाया जाता हैं। यह रंगरहित या हलके पीले, हरे या काले रंग का होता है। रासायनिक रूप से यह एक जटिल सिलिकेट यौगिक है, जिस पर अम्लों(acids) का कोई प्रभाव नहीं पड़ता।
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