इसे सुनेंरोकेंद्रव्यमान के संरक्षण का सिद्धांत (Law of conservation of mass in hindi) यह सिद्धांत कहता है कि किसी भी बंद व्यवस्था (क्लोज्ड सिस्टम) में द्रव्यमान (mass) सदा ही संरक्षित रहता है। वह ना तो बढ़ता है और ना ही घटता है। द्रव्यमान का ना ही सृजन हो सकता है तथा ना इसे नष्ट किया जा सकता है। Show
रैखिक गति का संरक्षण क्या है?इसे सुनेंरोकेंरैखिक गति के संरक्षण के सिद्धांत के अनुसार यदि सिस्टम पर अभिनय करने वाला बाहरी बल शून्य है, तो सिस्टम की रैखिक गति संरक्षित रहेगी। इसका मतलब है कि अगर किसी प्रणाली के द्रव्यमान का केंद्र शुरू में है, तो यह बाहरी बल की अनुपस्थिति में बाकी रहेगा, यानी द्रव् पढ़ना: ट्यूबलाइट में स्टार्टर का क्या काम है? द्रव्यमान संरक्षण का नियम किसने और कब दिया था? इसे सुनेंरोकेंयह नियम सर्वप्रथम फ्रांस के रसायन शास्त्री लाव्वास्ये द्वारा 1789 में दिया गया है। द्रव्य की अविनाशिता का नियम अथवा द्रव्यमान संरक्षण का नियम के अनुसार किसी बंद तंत्र का द्रव्यमान अपरिवर्तित रहता है, चाहे उस तंत्र के अन्दर जो कोई भी प्रक्रिया चल रही हो। रेखीय संवेग संरक्षण का नियम क्या है इसे सिद्ध कीजिए? इसे सुनेंरोकेंरेखीय संवेग संरक्षण के नियमानुसार यदि किसी निकाय पर कोई बाह्य बल न लग रहा हो तो उस निकाय का सम्पूर्ण रेखीय संवेग नियत रहता है। मान लो किसी निकाय पर बल →F लगाया जाता है जिसे समयान्तराल Δt में उसके संवेग में परिवर्तन Δ→p हो जाता है। अर्थात बाह्य बल की अनुपस्थिति में निकाय का रेखीय संवेग नियत रहता है। डाल्टन के परमाणु सिद्धांत का कौन सा अधिकृत द्रव्यमान के संरक्षण के नियम का परिणाम है?इसे सुनेंरोकेंउत्तर : डाल्टन के परमाणु सिद्धांत का अभिग्रहीत – ‘दिए गए तत्व के सभी परमाणुओं का द्रव्यमान समान होता है’ – द्रव्यमान के संरक्षण के नियम के नियम का परिणाम है। परमाणु अविभाज्य सूक्ष्म कण होते हैं जो रासायनिक क्रिया से न तो बनते हैं और न ही उनका विनाश होता है। पढ़ना: व्यावसायिक विचारों के स्रोत क्या है? द्रव्यमान संरक्षण नियम की आधुनिक स्थिति क्या है?इसे सुनेंरोकेंद्रव्यमान के संरक्षण का नियम या द्रव्यमान संरक्षण का सिद्धांत कहता है कि पदार्थ और ऊर्जा के सभी हस्तांतरणों के लिए बंद किसी भी प्रणाली के लिए, सिस्टम का द्रव्यमान समय के साथ स्थिर रहना चाहिए, क्योंकि सिस्टम का द्रव्यमान नहीं बदल सकता है, इसलिए मात्रा को न तो जोड़ा जा सकता है और न ही हटाया जाना। द्रव्यमान संरक्षण का नियम लिखिए किसी भी रासायनिक समीक्षा को संतुलित करना क्यों शिक्षक है? इसे सुनेंरोकेंExplanation: समीकरण को संतुलित करना आवश्यक है क्योंकि द्रव्यमान के संरक्षण के नियम के अनुसार किसी भी रासायनिक अभिक्रिया में द्रव्यमान का न तो निर्माण होता है और न ही विनाश। इसके अनुसार दोनों तरफ़ द्रव्यमान समान होना चाहिए और वह तभी संभव है अगर दोनों तरफ़ तत्वों के परमाणुओं की संख्या समान हों। जॉन डाल्टन ने किसकी खोज की थी? इसे सुनेंरोकेंवैज्ञानिक तौर पर माना जाता है कि ब्रिटिश केमिस्ट जॉन डाल्टन ने 1803 में परमाणु की खोज की थी. पढ़ना: ७१ व संविधान संशोधन कब हुआ? आधुनिक स्थिति क्या है?इसे सुनेंरोकेंइन प्रयोगों के अनुसार, “आधुनिकता” का तात्पर्य था हाल के अतीत का त्याग करना, एक नई शुरुआत का पक्ष लेना और ऐतिहासिक मूल की पुनर्व्याख्या करना। डाल्टन ने किसकी खोज की थी?द्रव्यमान संरक्षण के नियम का प्रतिपादन क्या है? इसे सुनेंरोकेंकिसी अभिक्रिया में क्रियाकारकों का कुल द्रव्यमान एवं उत्पादों का कुल द्रव्यमान बराबर रहता है अर्थात द्रव्यमान में ना तो वृद्धि होती है और ना ही कमी होती है। यह द्रव्यमान संरक्षण का नियम कहलाता है। इस पोस्ट में हम जानेंगे द्रव्यमान संरक्षण के नियम परिभाषा सिद्धांत Law of Conservation of Mass in Hindi के बारे मे, अगर आपको द्रव्यमान संरक्षण के नियम परिभाषा सिद्धांत और उदाहरण सहित इसके बारे में जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो इस पोस्ट को पूरा पढे, तो चलिये अब द्रव्यमान संरक्षण के नियम के बारे मे जानते है, पोस्ट के मुख्य टॉपिक hide द्रव्यमान संरक्षण के नियम Law of Conservation of Mass in Hindi द्रव्यमान ऊर्जा संरक्षण सिद्धांत Mass Energy Conservation Principle in Hindi द्रव्यमान संरक्षण का नियम किसके द्वारा दिया था Who gave the law of conservation of mass in Hindi द्रव्यमान संरक्षण सिद्धांत की परिभाषा Definition of Conservation of Mass Principle in Hindi द्रव्यमान संरक्षण नियम का उदाहरण Example of conservation of mass in Hindi रसायन विज्ञान में द्रव्यमान संरक्षण सिद्धांत का महत्व Importance of conservation of mass in chemistry in Hindi द्रव्यमान संरक्षण का नियम के महत्वपूर्ण तथ्य Important facts of the law of conservation of mass in Hindi द्रव्यमान संरक्षण नियम से संबन्धित कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न और उनके उत्तर Some important questions and their answers related to Law of Conservation of Mass in Hindi (FAQs) द्रव्यमान संरक्षण के नियमLaw of Conservation of Mass in Hindiद्रव्यमान के संरक्षण का नियम के अनुसार “रासायनिक प्रतिक्रिया में पदार्थ को बनाया या नष्ट नहीं किया जा सकता है, उदाहरण के लिए, जब लकड़ी जलती है, तो कालिख, राख और गैसों का द्रव्यमान चारकोल के मूल द्रव्यमान और पहली बार प्रतिक्रिया करने पर ऑक्सीजन के बराबर होता है। तो उत्पाद का द्रव्यमान अभिकारक के द्रव्यमान के बराबर होता है।“ जिसे द्रव्य की अविनाशिता का नियम भी कहा जाता है।द्रव्यमान ऊर्जा संरक्षण सिद्धांतMass Energy Conservation Principle in Hindiकिसी अभिक्रिया में क्रियाकारकों का कुल द्रव्यमान एवं उत्पादों का कुल द्रव्यमान बराबर रहता है अर्थात द्रव्यमान में ना तो वृद्धि होती है और ना ही कमी होती है। यह द्रव्यमान संरक्षण का नियम कहलाता है। आइंस्टीन का सबसे प्रसिद्ध समीकरण E = mc^2 बताता है कि द्रव्यमान तथा ऊर्जा एक दूसरे में बदले जाने के योग्य हैं। इसका अर्थ यह हुआ कि द्रव्यमान तथा ऊर्जा मिलकर संरक्षित रहते हैं, केवल द्रव्यमान नहीं। द्रव्यमान ऊर्जा में परिवर्तित हो सकता है। परंतु यह तथ्य तभी महत्वपूर्ण है जब हम रेडियोधर्मी प्रतिक्रियाओं (radioactive reactions) के साथ काम कर रहे हों। अन्य प्रतिक्रियाएँ जैसे रसायनिक प्रतिक्रियाओं में भी द्रव्यमान ऊर्जा में परिवतिर्त हो व्यवस्था से बाहर चला जाता है। पर उस कारण द्रव्यमान (mass) में ना के बराबर परिवर्तन आता है और इसलिए हम उसे नज़रअंदाज़ करते हैं। हालांकि रेडियोधर्मी प्रतिक्रियाओं में ऊर्जा की मात्रा अत्यंत विशाल होती है और इसीलिए इस कारण होने वाली द्रव्यमान में कमी या वृद्धि को भी गणना में सम्मिलित किया जाता है। द्रव्यमान संरक्षण का नियम किसके द्वारा दिया थाWho gave the law of conservation of mass in Hindiइस नियम का सर्वप्रथम प्रतिपादन (Rendering) रासायनिक वैज्ञानिक लॉमनोसॉव ने किया था, फिर इसके बाद लेवाशिये ने इस नियम की पुष्टि की थी, अन्टोइनै लावोइसिये का मानना था कि समस्त ब्रह्मांड का द्रव्य (matter) हमेशा स्थिर (constant) रहता है। समय के साथ इसमे परिवर्तन आए और कहा गया कि बंद व्यवस्था में द्रव्यमान संरक्षित रहता है। किन्तु ये दोनो ही कथन मात्र क्लासिकल मैकेनिक्स का समर्थन करते हैं। अल्बर्ट आइंस्टीन ने तब एक नया सिद्धांत सबके समक्ष रखा, जो क्वांटम मैकेनिक्स, तथा सामान्य सापेक्षता (जनरल रिलेटिविटी) दोनो से सहमति दर्शाता है। द्रव्यमान संरक्षण सिद्धांत की परिभाषाDefinition of Conservation of Mass Principle in Hindiद्रव्यमान के संरक्षण का सिद्धांत (Law of conservation of mass in Hindi) के अनुसार “ किसी भी बंद व्यवस्था (क्लोज्ड सिस्टम) में द्रव्यमान (mass) सदा ही संरक्षित रहता है। वह ना तो बढ़ता है और ना ही घटता है। द्रव्यमान का ना ही सृजन हो सकता है तथा ना इसे नष्ट किया जा सकता है। परंतु वह आपस मे पुनर्व्यवस्थित अवश्य हो सकता है। किसी भी रासायनिक प्रतिक्रिया में सारे अणु तथा परमाणुओं का वज़न प्रतिक्रिया के पूर्व तथा पश्चात समान ही रहता है। परमाणु केवल पुनर्व्यवस्थित होते हैं। वे कहीं विलुप्त नहीं होते। और ना ही अपने आप पैदा हो जाते हैं।” दूसरे शब्दो मे रासायनिक अभिक्रिया में द्रव्यमान का न तो विनाश होता है न ही निर्माण। किन्हीं भी रासायनिक पदार्थों की रासायनिक अभिक्रिया के उत्पाद तत्वों का कुल द्रव्यमान, उस अभिक्रिया के अभिकारक तत्वों के कुल द्रव्यमान के बराबर होता है। इसे “द्रव्यमान संरक्षण का नियम” कहा जाता है। इसके अलावा इसे इस प्रकार भी परिभाषित किया जा सकता है, “किसी भी रासायनिक अभिक्रिया के पूर्व एवं उसके सम्पन्न होने के बाद प्रत्येक तत्व के परमाणुओं की संख्या समान रहती है।”
द्रव्यमान संरक्षण नियम का उदाहरणExample of conservation of mass in Hindiइस नियम के अनुसार, “किसी रासायनिक अथवा भौतिक परिवर्तन में, उत्पादों का कुल द्रव्यमान अभिकारकों के कुल द्रव्यमान के बराबर होता है।” उदाहरण के तौर पर जब 100 ग्राम मरक्यूरिक ऑक्साइड को एक बन्द नली में लेकर गर्म किया जाता है तो 92.6 ग्राम मरक्यूरी और 7.4 ग्राम ऑक्सीजन प्राप्त होती है। यहाँ उत्पादों का कुल द्रव्यमान (92.6 ग्राम + 7.4 ग्राम = 100 ग्राम) अभिकारक के द्रव्यमान (100 ग्राम) के बराबर है। रसायन विज्ञान में द्रव्यमान संरक्षण सिद्धांत का महत्वImportance of conservation of mass in chemistry in Hindiइस सिद्धांत के कारण ही आज रसायन विज्ञान इन ऊंचाइयों तक पहुँच पाया है तथा इतना विश्वसनीय भी है। यदि किसी तत्व का 1 मोल प्रयोग किया जा रहा है, तो प्रतिक्रिया होने के बाद भी वह 1 मोल ही रहेगा। इससे वैज्ञानिक अनुमान लगा सकते हैं कि प्रतिक्रिया के पश्चात कितने उत्पाद (products) बनेंगे। इसी प्रकार किसी प्रतिक्रिया की दक्षता में वृद्धि लाने के लिए भी इस सिद्धान्त का प्रयोग किया जा सकता है। द्रव्यमान संरक्षण का नियम के महत्वपूर्ण तथ्यImportant facts of the law of conservation of mass in Hindi
द्रव्यमान संरक्षण नियम से संबन्धित कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न और उनके उत्तरSome important questions and their answers related to Law of Conservation of Mass in Hindi (FAQs)प्रश्न :- द्रव्यमान संरक्षण नियम क्या है लिखिए उत्तर :- द्रव्यमान के संरक्षण का सिद्धांत (Law of conservation of mass in Hindi) :- यह सिद्धांत कहता है कि किसी भी बंद व्यवस्था (क्लोज्ड सिस्टम) में द्रव्यमान (mass) सदा ही संरक्षित रहता है। वह ना तो बढ़ता है और ना ही घटता है। द्रव्यमान का ना ही सृजन हो सकता है तथा ना इसे नष्ट किया जा सकता है। प्रश्न :- द्रव्यमान संरक्षण का नियम लिखिए जिसमे किसी भी रासायनिक समीकरण को संतुलित करना है उत्तर :- द्रव्यमान के संरक्षण के नियम के अनुसार किसी भी रासायनिक अभिक्रिया में द्रव्यमान का न तो निर्माण होता है और न ही विनाश। इसके अनुसार दोनों तरफ़ द्रव्यमान समान होना चाहिए और यह तभी संभव है, जब दोनों तरफ़ तत्वों के परमाणुओं की संख्या समान हों प्रश्न :- द्रव्यमान के संरक्षण का नियम क्यों महत्वपूर्ण है उत्तर :- द्रव्यमान के संरक्षण का नियम रसायन विज्ञान की प्रगति के लिए महत्वपूर्ण था, क्योंकि इससे वैज्ञानिकों को यह समझने में मदद मिली कि पदार्थ प्रतिक्रिया के परिणामस्वरूप गायब नहीं हुए (जैसा कि प्रतीत हो सकते हैं), बल्कि, वे समान द्रव्यमान के दूसरे पदार्थ में बदल जाते हैं। प्रश्न :- द्रव्यमान की परिभाषा क्या है उत्तर :- द्रव्यमान की परिभाषा – द्रव्यमान से हमें किसी वस्तु का वज़न और गुरुत्वाकर्षण के प्रति उसके आकर्षण या शक्ति का पता चलता है। प्रश्न :- द्रव्यमान संरक्षण नियम की आधुनिक स्थिति क्या है उत्तर :- वर्तमान मे द्रव्यमान के संरक्षण का नियम या द्रव्यमान संरक्षण का सिद्धांत कहता है कि पदार्थ और ऊर्जा के सभी हस्तांतरणों के लिए बंद किसी भी प्रणाली के लिए, सिस्टम का द्रव्यमान समय के साथ स्थिर रहना चाहिए, क्योंकि सिस्टम का द्रव्यमान नहीं बदल सकता है, इसलिए मात्रा को न तो जोड़ा जा सकता है और न ही हटाया जाना। प्रश्न :- एक संतुलित रासायनिक समीकरण क्या है, यह किस प्रकार द्रव्यमान संरक्षण नियम की पुष्टि करता है। उत्तर :- वह रासायनिक समीकरण जिसमे दोनों पक्षों (अभिकारकों तथा उत्पादों) में प्रत्येक तत्व के परमाणुओं की संख्या बराबर होती है तो वह संतुलित रासायनिक समीकरण कहलाती है। और यदि ऐसा होता है तो यह द्रव्यमान संरक्षण नियम की पुष्टि करता है। प्रश्न :- द्रव्यमान संरक्षण का नियम उदाहरण देकर स्पष्ट कीजिए उत्तर :- द्रव्यमान के संरक्षण का नियम कहता है कि रासायनिक प्रतिक्रिया में द्रव्यमान न तो बनता है और न ही नष्ट होता है। उदाहरण के लिए, कोयले में कार्बन परमाणु जलने पर कार्बन डाइऑक्साइड बन जाता है। कार्बन परमाणु एक ठोस संरचना से गैस में बदल जाता है लेकिन इसका द्रव्यमान नहीं बदलता है। तो आपको यह पोस्ट द्रव्यमान संरक्षण के नियम परिभाषा सिद्धांत | Law of Conservation of Mass in Hindi मे दी गयी जानकारी कैसा लगा कमेंट मे जरूर बताए और इस पोस्ट को लोगो के साथ शेयर भी जरूर करे, द्रव्यमान संरक्षण का क्या नियम है?यह नियम किसने दिया था ? Solution : किसी अभिक्रिया में क्रियाकारकों का कुल द्रव्यमान एवं उत्पादों का कुल द्रव्यमान बराबर रहता है अर्थात द्रव्यमान में ना तो वृद्धि होती है और ना ही कमी होती है। यह द्रव्यमान संरक्षण का नियम कहलाता है।
द्रव्यमान संरक्षण का नियम क्या है उदाहरण सहित समझाइए?द्रव्यमान के संरक्षण का सिद्धांत (Law of conservation of mass in hindi) यह सिद्धांत कहता है कि किसी भी बंद व्यवस्था (क्लोज्ड सिस्टम) में द्रव्यमान (mass) सदा ही संरक्षित रहता है। वह ना तो बढ़ता है और ना ही घटता है। द्रव्यमान का ना ही सृजन हो सकता है तथा ना इसे नष्ट किया जा सकता है।
द्रव्यमान संरक्षण के नियम को द्रव्यमान तथा ऊर्जा का संरक्षण नियम बोलना क्यों ज्यादा सही है?Solution : द्रव्यमान तथा ऊर्जा एक-दूसरे के तुल्य हैं, अर्थात् ऊर्जा को द्रव्यमान में तथा द्रव्यमान को ऊर्जा में बदला जा सकता है। अत: किसी निकाय के लिए द्रव्यमान-ऊर्जा संयुक्त रूप से संरक्षित रहती है।
संवेग संरक्षण का नियम कौन सा नियम है?रेखीय संवेग का संरक्षण का नियम (law of conservation of linear momentum) प्रकृति का मूलभूत सिद्धान्त है। इसके अनुसार, पिण्डों के किसी बन्द निकाय (सिस्टम) पर कोई वाह्य बल न लगाया जाय तो उस निकाय का कुल संवेग नियत बना रहता है।
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