यह बात तो लगभग सभी जानते हैं कि दाल में पौष्टिक तत्व प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। मसूर दाल भी ऐसी ही एक दाल है, जिसमें पोषण और औषधीय गुण दोनों हैं। मसूर दाल को कैलोरी और प्रोटीन का अनोखा मेल माना जा सकता है, जो स्वस्थ और सही पोषण देने में कारगर हो सकती है। मसूर की दाल के औषधीय गुण से अगर कोई परिचित नहीं हैं, तो स्टाइलक्रेज इस बारे में जानकारी देने के लिए यह लेख लाया है। इस लेख में हम मसूर दाल के फायदे बताएंगे। साथ ही मसूर दाल बनाने की विधि और मसूर की दाल खाने के नुकसान का जिक्र भी इस लेख में शामिल है। Show
नीचे स्क्रॉल करें आइए, सबसे पहले जानते हैं की मसूर की दाल के औषधीय गुण क्या-क्या होते हैं। विषय सूची
मसूर की दाल के औषधीय गुणमसूर की दाल के सेवन से इसके कई औषधीय गुण हासिल किए जा सकते हैं। यह दाल एंटीऑक्सीडेंट सामग्री से भरपूर होती है। यही वजह है कि मसूर की दाल मधुमेह, मोटापा, कैंसर और हृदय रोग आदि के जोखिम को कम करने में मदद कर सकती है। पोषक तत्वों की उच्च मात्रा, पॉलीफेनोल्स और अन्य बायोएक्टिव तत्वों से युक्त यह दाल भोजन और औषधि दोनों की भूमिका पर खरी उतर सकती है 1। अंत तक पढ़ें लेख के अगले हिस्से में जानते हैं कि मसूर की दाल के प्रकार क्या हैं? मसूर दाल के प्रकारमसूर की दाल तीन प्रकार की होती है।
आगे और पढ़ें अब जानते हैं कि मसूर की दाल खाने के फायदे शरीर के लिए किस प्रकार काम करते हैं। मसूर दाल आपकी सेहत के लिए क्यों अच्छी है?मसूर की दाल का सेवन शरीर के लिए फायदेमंद हो सकता है। मसूर दाल न सिर्फ लोकप्रिय पौष्टिक भोजन है, बल्कि यह ऊर्जा का अच्छा स्रोत भी है। इसमें माइक्रोन्यूट्रिएंट्स (सूक्ष्म पोषक तत्व) पाए जाते हैं और साथ में प्रीबायोटिक कार्बोहाइड्रेट भी होते हैं। प्रीबायोटिक कार्बोहाइड्रेट वो होते हैं, जिन्हें पचाना आसान होता है। रिसर्च में यह पाया गया है कि जो खाद्य पदार्थ प्रीबायोटिक कार्बोहाइड्रेट और डाइटरी फाइबर से समृद्ध होते हैं, वो मोटापा, कैंसर, हृदय रोग और मधुमेह जैसी गैर संक्रमित बीमारियों के जोखिम को कम कर सकते हैं। इस आधार पर यह माना जा सकता है कि मसूर की दाल उपयोग सेहत को बढ़ाने और उसे सुरक्षित रखने में कारगर हो सकता है। मसूर की दाल खाने के फायदे आगे लेख में विस्तार से बताए गए हैं 2। पढ़ते रहें लेख लेख के अगले हिस्से में जानते हैं कि मसूर की दाल के फायदे क्या-क्या हो सकते हैं। मसूर की दाल के फायदे – Benefits of Lentils in Hindiमसूर की दाल शरीर को कई तरह से फायदा पहुंचाने का काम कर सकती है। वहीं, पाठक इस बात का भी ध्यान रखें कि मसूर की दाल लेख में शामिल किसी भी बीमारी या समस्या का डॉक्टरी इलाज नहीं है। यह केवल समस्या से बचाव व उनके लक्षणों को कुछ हद तक कम करने में मददगार हो सकती है। अब नीचे पढ़ें मसूर की दाल के फायदे। 1. वजन घटाने के लिए मसूर दाल के फायदेभूख में बढ़ोत्तरी वजन बढ़ने का मुख्य कारण हो सकती है, क्योंकि ज्यादा भूख लगने पर व्यक्ति अधिक मात्रा में भोजन का सेवन करता है। इससे वजन बढ़ने का जोखिम पैदा हो सकता है। मसूर की दाल के फायदे में से एक बढ़ते वजन को नियंत्रित करना है, क्योंकि इसमें फाइबर और प्रोटीन की अधिक मात्रा पाई जाती है। ये भूख को तुरंत शांत कर सकते हैं और वजन बढ़ने की समस्या को रोक सकते हैं 3। ध्यान रहे कि वजन कम रखने के लिए मसूर दाल के उपयोग के साथ निरंतर व्यायाम करना भी जरूरी है। 2. हृदय और कोलेस्ट्रॉल के लिएबढ़ता कोलेस्ट्रॉल हृदय रोग का एक जोखिम कारक है। वहीं, मसूर दाल में फाइबर मौजूद होता है और एनसीबीआई द्वारा प्रकाशित एक शोध के अनुसार फाइबर बढ़ते कोलेस्ट्रॉल को कम कर सकता है। इसके पीछे फाइबर में मौजूद हाइपोकोलेस्टेरोलेमिक (Hypocholesterolemic) प्रभाव काम कर सकते हैं। साथ ही पॉलिफिनोल युक्त मसूर दाल में एंटी कोलेस्टेरोलेमिक प्रभाव भी होता है। इस आधार पर कहा जा सकता है कि मसूर की दाल कोलेस्ट्रॉल को कम कर हृदय को स्वस्थ रखने में सहायक हो सकती है 1। इससे अलावा, यह होमोसिस्टीन नामक एमीनो एसिड को नियंत्रित करने में सहायक हो सकती है, जिसकी खून में बढ़ी हुई मात्रा हृदय रोग का कारण बन सकती है। मसूर दाल के इस प्रभाव के पीछे इसमें मौजूद हाइपोहोमोसिस्टिनेमिक (Hypohomocysteinemic) प्रभाव का होना है। साथ ही मसूर की दाल रक्तचाप को भी नियंत्रित करने में सहायक हो सकती है, जो हृदय रोग के जोखिम कारकों में से एक है 4। 3. ब्लड शुगर के लिए मसूर की दाल के फायदेज्यादा मीठा खाने से ब्लड शुगर का स्तर बढ़ सकता है। अगर कोई व्यक्ति ब्लड शुगर की समस्या से जूझ रहा है, तो इससे निजात पाने के कई उपाय है। उन्हीं में एक है मसूर दाल का सेवन करना। एनसीबीआई (National Center for Biotechnology Information) की वेबसाइट पर प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, मसूर दाल में डायबिटिक पेशेंट और स्वस्थ मनुष्यों में ब्लड शुगर, लिपिड व लिपोप्रोटीन मेटाबॉलिज्म में सुधार करने की क्षमता होती है। इसमें पाई जाने वाली उच्च फ्लेवोनोइड और फाइबर सामग्री ब्लड शुगर की मात्रा को बढ़ने से रोक सकती है। इसके अलावा, मसूर दाल में कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट पाए जाते हैं, जो खून में धीरे-धीरे रिलीज होते हैं। जिससे कि ब्लड ग्लूकोज लेवल में तेजी से बदलाव नहीं हो सकता है। इस गतिविधि के कारण भी डायबिटीज से कुछ हद तक राहत मिल सकती है। 4. पाचन के लिए मसूर दाल के फायदेकभी-कभी व्यक्ति कुछ ऐसा खा लेते हैं, जिसका नकारात्मक असर पाचन क्रिया पर पड़ता है। ऐसे में मसूर की दाल पाचन क्रिया सुधारने में सहायक हो सकती है। इसमें पाया जाने वाला फाइबर भोजन को पचाने में मददगार हो सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि फाइबर पाचन को मजबूत करता है और कब्ज को रोकने में मदद कर सकता है। इसलिए, मसूर की दाल के उपयोग से पाचन संबंधी समस्याओं से छुटकारा मिल सकता है 1 5। 5. इम्यूनिटी बढ़ाने के लिएअगर मसूर की दाल के फायदों की बात करें, तो उसमें इम्यूनिटी में सुधार करना भी शामिल है। दरअसल, मसूर दाल में ऐसे पेप्टाइड्स पाए जाते हैं, जो शरीर में एंटीमाइक्रोबियल यानी जीवाणु रोधी गतिविधि को बढ़ा सकते हैं। इससे शरीर में किसी भी तरह के संक्रमण (इन्फेक्शन) का जोखिम कम हो सकता है। इस प्रकार मसूर दाल में मौजूद पेप्टाइड्स इम्यूनिटी को बढ़ाने में सहायक हो सकते हैं 1। 6. कैंसर के लिए मसूर दाल के फायदेएनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक स्टडी के अनुसार, मसूर की दाल का सेवन करने से पेट, थायराइड, लिवर, स्तन और प्रोस्टेट सहित कई प्रकार के कैंसर का जोखिम कम हो सकता है। दरअसल, मसूर की दाल में पाए जाने वाले लेक्टिन (एक प्रकार का प्रोटीन) में एंटी-कैंसर गुण पाए जाते हैं, जो मसूर की दाल में मौजूद फेनोलिक यौगिकों के साथ मिलकर ट्यूमर के बढ़ने की प्रक्रिया को बाधित कर सकते हैं। वहीं, इसी शोध में इस बात का भी जिक्र मिलता है कि मसूर की दाल में कीमोप्रिवेंटिव क्षमता (कैंसर से बचाव की क्षमता) पाई जाती है। इसके पीछे की वजह है मसूर की दाल में फ्लेवोनोइड्स जैसे एंटीऑक्सीडेंट बायोएक्टिव यौगिकों की मौजूदगी 1। वहीं, पाठक इस बात का भी ध्यान रखें कि मसूर की दाल कैंसर का इलाज नहीं है। अगर कोई इसकी चपेट में आता है, तो डॉक्टरी उपचार करवाना जरूरी है। 7. दांत और हड्डियों के लिएहड्डियों के कमजोर होने से जोड़ों में दर्द का खतरा बढ़ सकता है। मसूर की दाल इस समस्या से राहत पहुंचाने में सहायता कर सकती है, क्योंकि मसूर की दाल में कैल्शियम, मैग्नीशियम और फास्फोरस होता है, जो हड्डियों और दांतों को मजबूत बनाने में सहायता कर सकते हैं 6 7। इस प्रकार मसूर दाल के उपयोग से जोड़ों के दर्द की समस्या से राहत मिल सकती है और दांत मजबूती प्राप्त कर सकते हैं। 8. दिमाग के लिएलाल मसूर की दाल दिमाग से जुड़ी समस्याओं से बचाने में भी सहायक हो सकती है। एक अध्ययन में यह पाया गया है कि पार्किंसंस (केंद्रीय तंत्रिका तंत्र से जुड़ा विकार) के लक्षण जैसे कैटाटोनिया (सामान्य रूप से चलने-फिरने में असमर्थ होना) से बचाव में लाल मसूर की दाल का हाइट्रोअल्कोहॉलिक एक्सट्रैक्ट मदद कर सकता है। Subscribe वहीं, इसमें मौजूद फ्लेवोनोइड्स मस्तिष्क की रक्त वाहिनियों में खून के बहाव को सुचारू कर सकते हैं, जिससे न्यूरोजेनेसिस (मस्तिष्क में नए ऊतक निर्माण) को बढ़ावा मिल सकता है। इसलिए, मसूर की दाल का सेवन करने से उम्र के साथ-साथ मस्तिष्क को पहुंचने वाली क्षति का जोखिम कम किया जा सकता है 8। 9. मांसपेशियों के लिएअच्छा शरीर हर क्षेत्र में तरक्की दिलाने में मदद करता है। शरीर को स्वस्थ रखने के लिए पर्याप्त मात्रा में पौष्टिक तत्वों का सेवन जरूरी होता है। इस बात से तो सभी परिचित है कि दाल में अधिक मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है। प्रोटीन मासंपेशियों के विकास और उन्हें स्वस्थ रखने में मदद करता है 9। इसलिए, मांसपेशियों को मजबूती देने और प्रोटीन की पूर्ति के लिए मसूर की दाल का सेवन किया जा सकता है 10। 10. गर्भावस्था के लिए मसूर दाल के फायदेगर्भावस्था के दौरान कई महिलाओं को कमजोरी की समस्या हो सकती है। इस स्थिति में मसूर की दाल खाने से शरीर में पर्याप्त मात्रा में ऊर्जा मिल सकती है, जिससे महिलाओं को कमजोरी से छुटकारा मिल सकता है। मसूर की दाल में कुछ मात्रा में फोलिक एसिड (फोलेट) पाया जाता है, जो गर्भस्थ शिशु और गर्भवती के लिए जरूरी है। फोलेट, शिशु में न्यूरल ट्यूब दोष (जन्मजात तंत्रिका तंत्र विकार) के जोखिम से दूर रख सकता है। इसलिए, विशेषज्ञ कहते हैं कि गर्भवती महिलाओं को प्रतिदिन 520 माइक्रोग्राम फोलेट का सेवन करना चाहिए 11। वहीं, 100 ग्राम मसूर दाल में 181–358 माइक्रोग्राम फोलेट पाया जाता है 1। इसलिए, गर्भावस्था में फोलेट की पूर्ति के लिए मसूर की दाल खाने का फायदा हो सकता है। 11. त्वचा के लिए मसूर दाल के फायदेहर कोई चाहता है कि उसकी त्वचा स्वस्थ हो। इसके लिए लोग कई तरह की क्रीम और ट्रीटमेंट का सहारा लेते हैं। वहीं, साधारण-सी मसूर की दाल इस काम में मदद कर सकती है। मसूर की दाल से बने फेस मास्क त्वचा को कई लाभ दे सकते हैं। इसके इस्तेमाल से त्वचा की अशुद्धियां दूर हो सकती हैं। लाल मसूर के फेस पैक से त्वचा युवा, कोमल और चमकती हुई दिख सकती है। लाल मसूर की दाल से तैयार फेस मास्क त्वचा को एक्सफोलिएट कर सकता है और पोर्स को टाइट करने का काम भी कर सकता है। हालांकि, इन तथ्यों की पुष्टि के लिए और शोध किए जाने की आवश्यकता है। वहीं, कई जगह इस दाल के पानी को त्वचा संक्रमण व जले हुए हुए घाव से राहत पाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है 8। एक बात का ध्यान रखें कि किसी भी तरह के नुकसान से बचने के लिए डॉक्टरी सलाह के बिना इस दाल का इस्तेमाल न करें। 12. बालों के लिए मसूर की दाल के फायदेमसूर की दाल खाने के फायदे में से बालों को स्वस्थ रखना भी है। बालों के झड़ने की समस्या लगभग कई लोगों को होती है और इससे बचने के लिए लोग काफी पैसे भी खर्च करते हैं, लेकिन खास फायदा नहीं होता है। वहीं, मसूर की दाल में प्रोटीन और एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं, जो बालों को जड़ों से मजबूत बनाकर उन्हें झड़ने से रोक सकते हैं। इस प्रकार मसूर दाल के उपयोग से बालों के झड़ने की समस्या से राहत मिल सकती है। आगे पढ़ें आइए, अब जानते हैं कि मसूर की दाल में कौन-कौन से पोषक तत्व पाए जाते हैं। मसूर दाल के पौष्टिक तत्व – Lentils Nutritional Value in Hindiमसूर की दाल पोषक तत्वों का भंडार है, इसलिए यह स्वास्थ्य के लिहाज से फायदेमंद है। यहां हम प्रति 100 ग्राम के आधार पर कच्चे मसूर दाल में मौजूद पौष्टिक तत्वों की सूची साझा कर रहे हैं। तो आइए, जानते हैं इसमें कौन-कौन से पोषक तत्व शामिल हैं 14 पोषक तत्वमात्रा प्रति 100 ग्रामउर्जा343 kcalप्रोटीन24.44 ग्रामकार्बोहाइड्रेट64.44 ग्रामफाइबर11. 1 ग्रामकैल्शियम44 मिलीग्रामआयरन6 मिलीग्रामपोटेशियम667 मिलीग्रामविटामिन-सी5.3 मिलीग्रामपढ़ते रहें यह लेख आगे लेख में हम मसूर की दाल बनाने के तरीके के बारे में बता रहे हैं। मसूर की दाल कैसे पकाएं – How To Cook Lentils in Hindiदाल बनाना भी एक कला है। दाल का स्वाद कई गुना बढ़ जाता है, जब उसे सही तरीके से बनाया जाए। यहां हम आपको मसूर की दाल बनाने की विधि बता रहे हैं। सामग्री :
दाल बनाने की सामान्य विधि :
मसूर की दाल कितनी मात्रा में खाएं?विशेषज्ञों के अनुसार, 100 ग्राम या 125 मिलीलीटर (0.5 मीट्रिक कप) पकी हुई दाल प्रतिदिन खाई जा सकती है। दाल की यह मात्रा शरीर को पोषण और ऊर्जा देने में काफी मददगार सिद्ध हो सकती है 14। मसूर की दाल को खाने का सही समय क्या है?मसूर की दाल एक स्वादिष्ट और गुणकारी दाल है। इसका सेवन दोपहर और रात के भोजन में आराम से किया जा सकता है। आगे है और जानकारी आइए, अब जानते हैं कि इस दाल को कैसे स्टोर करना चाहिए। मसूर दाल को लंबे समय तक सुरक्षित कैसे रखें?मसूर की कच्ची दाल को लंबे समय तक सुरक्षित रखने के लिए इसे एयर टाइट डिब्बे में रखें और समय-समय पर धूप दिखाते रहें। वहीं, पकी हुई मसूर को फ्रिज में रखना चाहिए, इससे दाल में हानिकारक जीवाणुओं के पैदा होने का जोखिम नहीं रहता है। फ्रिज में रखने पर यह दाल 5 दिन तक सुरक्षित रह सकती है 13। जारी रखें पढ़ना आगे लेख में जानिए मसूर की दाल के नुकसान के बारे में। मसूर दाल के नुकसान – Side Effects of Lentils in Hindiवैसे तो मसूर की दाल खाने के फायदे अनेक हैं, लेकिन इसे अधिक मात्रा में खाने से मसूर दाल के नुकसान भी हो सकते हैं।
मसूर दाल के नुकसान से घबराने की आवश्यकता नहीं है। अगर इसका सही मात्रा में उपयोग करते हैं, तो मसूर दाल के फायदे मिल सकते हैं। लेख में बताई गईं शारीरिक समस्याओं से बचे रहने के लिए आप सीमित मात्रा में मसूर की दाल का सेवन कर सकते हैं। उम्मीद करते हैं कि यह लेख आपके स्वास्थ्य को बनाए रखने में मददगार साबित होगा। आप चाहें, तो इस लेख को अन्य लोगों के साथ भी साझा कर सकते हैं। अक्सर पूछे जाने वाले सवाल :क्या कच्ची मसूर दाल खाना सुरक्षित है? नहीं, कच्ची दालों का सेवन सुरक्षित नहीं है। बिना पकी या अधपकी दाल में फाइटिक एसिड होता है, जो शरीर में कुछ महत्वपूर्ण पोषक तत्वों के अवशोषण को रोक सकता है। इसलिए, दाल का सेवन हमेशा पकाकर करें 16। किन लोगों को मसूर दाल के सेवन से बचना चाहिए? जिन लोगों के खून में फास्फोरस की मात्रा ज्यादा हो या जो किडनी व कमजोर हड्डियों की समस्या से जूझ रहे हों, उन्हें मसूर की दाल के सेवन से बचना चाहिए। इसमें उच्च मात्रा में फास्फोरस होता है, जिस कारण यह खून में फास्फोरस की मात्रा को और बढ़ा सकता है 17। अधिक मसूर दाल खाने से क्या होता है? अधिक दाल का सेवन करने से इसमें मौजूद फाइबर पेट खराब कर सकता है। इस बारे में लेख में ऊपर विस्तार से बताया गया है 5। क्या मसूर दाल ग्लूटन फ्री होती है? हां, मसूर की दाल ग्लूटन फ्री होती है, लेकिन इसे पकाते समय कुछ सामग्रियां इसमें ग्लूटन की मात्रा पैदा कर सकती है। इसलिए, अगर कोई ग्लूटेन के प्रति संवेदनशील है, तो कृपया अपने डॉक्टर से सलाह लेकर ही इसका सेवन करे 18। दालों का सबसे अच्छा विकल्प क्या है? दाल का सबसे अच्छा विकल्प फलियां (बीन्स) होती हैं। इनमें किडनी बीन्स (राजमा), कैनेलेलिनी बीन्स, नेवी बीन्स, फेवा बीन्स, क्रैनबेरी बीन्स, ब्लैक बीन्स, पिंटो बीन्स, सोया बीन्स, ब्लैक-आइ मटर व छोले आदि शामिल हैं 13। पकी हुई मसूर दाल कितने समय तक चल सकती है? पकी हुई मसूर दाल को अगर फ्रिज में रखें, तो यह पांच दिन तक चल सकती है 13, लेकिन स्वास्थ्य के लिहाज से हम हमेशा ताजी बनी दाल खाने की सलाह देंगे। मसूर दाल की तासीर कैसी होती है? मसूर की दाल गर्म होती है या ठंडी, अगर आप इसका जवाब तलाश रहे हैं, तो हम बता दें कि यह ठंडी होती है। इसलिए, इसे मूंग की दाल में डाला जाता है, ताकि मूंग की गरम तासीर को नियंत्रित किया जा सके। क्या रोजाना मसूर दाल खाना सुरक्षित है? हां, अगर आप पूरी तरह स्वस्थ हैं, तो संतुलित मात्रा में रोजाना मसूर की दाल खा सकते हैं। SourcesStylecraze has strict sourcing guidelines and relies on peer-reviewed studies, academic research institutions, and medical associations. We avoid using tertiary references. You can learn more about how we ensure our content is accurate and current by reading our editorial policy.
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